Jaunpur Live News Network
जौनपुर लाइव न्यूज नेटवर्क
जौनपुर। महराजगंज थाना क्षेत्र के मितावां गांव निवासी जीत लाल बिन्द की दो दिन बाद हत्या कर फेंका गया शव पड़ोसी जनपद प्रतापगढ़ के आसपुर देवसरा थाना क्षेत्र के नीमा गांव स्थित नहर में मिला जिसकी जानकारी होन ेपर पहुंचे परिजनों में कोहराम मच गया। मालूम हो कि जीत लाल बीते बुधवार को साइकिल से घर से शाम तक वापस लौटने को कहकर कहीं चला गया। दो दिन बाद शुक्रवार की सुबह प्रतापगढ़ पुलिस द्वारा हत्या करके शव फेंके जाने की सूचना मिली। प्रतापगढ़ के आसपुर देवसरा थाना क्षेत्र के नीमा गांव स्थित नहर पर हत्या कर फेंका गया शव मिलने की सूचना पर पहुंचे परिजनों में कोहराम मच गया। प्रत्यक्षदर्शियाों के अनुसार राजगीर के आंख व सिर पर किसी नुकीले हथियार से वार किया गया था। नहर में औंधे बल पड़े राजगीर के शव से पुलिस के पहुंचने तक लगातार खून रिस रहा था। राजगीर की पत्नी मंजू ने बताया कि पिछले दो वर्षों से मेरा पति प्रायः घर से कहीं जाता था और एक दिन बाद लौट आता था। शाम तक जब मेरे पति वापस नहीं लौटे तो मैंने उनके मोबाइल पर फोन लगाया तो फोन बंद था। मेरे पति फोन हमेशा अपने पास रखते थे। अपना मोबाइल फोन किसी को छूने नहीं देते थे। इस सम्बन्ध में लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं। वहीं दूसरी ओर जीत लाल की हत्या खबर पाकर पत्नी मंजू 34 वर्ष की पूरी दुनिया ही उजड़ गयी। वह रोते-रोते बेसुध हो जा रही है। किशोर पुत्र सचिन 16वर्ष, विपिन 8 वर्ष का रो-रोकर बुरा हाल है जबकि पुत्री श्वेता 13 वर्ष, शिखा 10 वर्ष की सूनी आंखें अपने पिता को ढूढ़ रही है।
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जौनपुर। महराजगंज थाना क्षेत्र के मितावां गांव निवासी जीत लाल बिन्द की दो दिन बाद हत्या कर फेंका गया शव पड़ोसी जनपद प्रतापगढ़ के आसपुर देवसरा थाना क्षेत्र के नीमा गांव स्थित नहर में मिला जिसकी जानकारी होन ेपर पहुंचे परिजनों में कोहराम मच गया। मालूम हो कि जीत लाल बीते बुधवार को साइकिल से घर से शाम तक वापस लौटने को कहकर कहीं चला गया। दो दिन बाद शुक्रवार की सुबह प्रतापगढ़ पुलिस द्वारा हत्या करके शव फेंके जाने की सूचना मिली। प्रतापगढ़ के आसपुर देवसरा थाना क्षेत्र के नीमा गांव स्थित नहर पर हत्या कर फेंका गया शव मिलने की सूचना पर पहुंचे परिजनों में कोहराम मच गया। प्रत्यक्षदर्शियाों के अनुसार राजगीर के आंख व सिर पर किसी नुकीले हथियार से वार किया गया था। नहर में औंधे बल पड़े राजगीर के शव से पुलिस के पहुंचने तक लगातार खून रिस रहा था। राजगीर की पत्नी मंजू ने बताया कि पिछले दो वर्षों से मेरा पति प्रायः घर से कहीं जाता था और एक दिन बाद लौट आता था। शाम तक जब मेरे पति वापस नहीं लौटे तो मैंने उनके मोबाइल पर फोन लगाया तो फोन बंद था। मेरे पति फोन हमेशा अपने पास रखते थे। अपना मोबाइल फोन किसी को छूने नहीं देते थे। इस सम्बन्ध में लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं। वहीं दूसरी ओर जीत लाल की हत्या खबर पाकर पत्नी मंजू 34 वर्ष की पूरी दुनिया ही उजड़ गयी। वह रोते-रोते बेसुध हो जा रही है। किशोर पुत्र सचिन 16वर्ष, विपिन 8 वर्ष का रो-रोकर बुरा हाल है जबकि पुत्री श्वेता 13 वर्ष, शिखा 10 वर्ष की सूनी आंखें अपने पिता को ढूढ़ रही है।
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