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उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में पीपल, नीम आदि पेड़ों की पूजा इसलिए की जाती है कि यह पेड़ मानव जीवन के साथ पशु-पक्षियों के जीवन को प्रतिदिन आॅक्सीजन के रूप में संजीवनी प्रदान करते है क्योंकि पीपल के पेड़ से सबसे अधिक मात्रा में मानव जीवन का श्रोत आॅक्सीजन प्राप्त होता है इसलिए प्रत्येक मानव की यह नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि स्वंय जीवन रक्षा के लिए अधिक से अधिक से अधिक पेड़ लगायें और स्वस्थ व निरोग रहे। इस अवसर पर काशी के प्रमुख सतीश चन्द्र गोड़ ने कहा कि सार्वजनिक स्थल पर पीपल का पेड़ अवश्य लगायें। इस अवसर पर गांव में पीपल, नीम और आम के दर्जनों वृक्ष लगायें। कार्यक्रम में रामजानकी गौतम, संतोष कुमार, कामता प्रसाद, हरिशंकर, नंदनी, अर्चना मौर्या, सीमा देवी, प्रमीला, सुनीता, नीलम, प्रियंका सहित दर्जनों लोगों ने किया पौधरोपण किया।
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