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जौनपुर सिटी : एंटी रैगिंग विषय पर सेमीनार, विधिक साक्षरता कार्यक्रम का हुआ आयोजन

जौनपुर। जिला जज, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में तिलकधारी विधि महाविद्यालय पीलीकोठी जौनपुर में 'एण्टी रैगिंग" विषय पर सेमीनार, विधिक साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन मुख्य अतिथि लोकेश वरुण सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जौनपुर एवं डॉ. प्रकाश सिंह की अध्यक्षता में किया गया।
इस अवसर पर डॉ. विनोद कुमार सिंह प्राचार्य, तिलकधारी महाविद्यालय एवं सूर्य प्रकाश सिंह प्राचार्य, तिलकधारी विधि महाविद्यालय मंचासीन रहे। विधि महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ. तेज बहादुर सिंह ने कहा कि रैगिंग यूरोपीय देशों की उपज है जो नवीन छात्रों का पूर्व छात्रों से परिचय एवं मेल मिलाप का माध्यम था। कालांतर में रैगिंग का स्वरूप वित होता गया। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश शैक्षणिक संस्थाओं में रैगिंग का प्रतिषेध अधिनियम वर्ष 2010 में रैगिंग के दुश्त्य के लिये 02 वर्ष तक का कारावास एवं 10,00000 रुपये अर्थदण्ड या दोनों का प्रावधान हैं। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विनोद कुमार सिंह ने कहा कि रैगिंग से शैक्षणिक परिसर का वातावरण प्रदूषित होता हैं जिसका परिणाम छात्रों के शारीरिक एवं मानसिक संत्रास के रूप में सामने आता है। विधि महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. सूर्य प्रकाश सिंह ने कहा कि पूर्व में रैगिंग का उद्देश्य नवागंतुक छात्रों में पारिवारिक एवं सांस्कृतिक समझ विकसित करना था, वहीं कालांतर में रैगिंग का स्वरुप मानवीय मूल्यों के विपरीत होता गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कहा कि रैगिंग भारतीय दण्ड संहिता एवं यूजीसी के रैगिंग से सम्बन्धित विनियमों से असंगत एक गंभीर अपराध है। सलमान शेख एंड ग्रुप द्वारा रैगिंग पर मनमोहक नाटक प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में प्रोजेक्टर के माध्यम से यूजीसी की डाक्यूमेंट्री दिखाकर छात्रों को जागरुक किया गया। इस अवसर पर वृक्षारोपड़ भी किया गया। डॉ. पीसी विश्वकर्मा द्वारा रैगिंग पर विस्तार से जानकारी प्रदान की गयी। इस अवसर पर प्रवीण सिंह सोलंकी एडवोकेट द्वारा रैगिंग पर यूजीसी के निर्देश एवं कानून की जानकारी दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. श्रीप्रकाश सिंह सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस महाविद्यालय में  रैगिंग की प्रथा कभी नहीं रही है, यदि देश में लोकतंत्र एवं सविधान सुरक्षित हैं तो इसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी हमारी न्यायिक प्रणाली को जाती है। वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. राजेश कुमार सिंह ने कहा कि रैगिंग एक प्राचीन शब्द है। यदि कोई कानून बनाया जाता हैं तो वह सभ्य समाज की स्थापना के लिये है। कार्यक्रम का सफल संचालन एंटी रैगिंग सेल के सदस्य डॉ. सत्येन्द्र कुमार ने किया।


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