अब तक गांव में आठ जानवरों की हो चुकी है मौत
प्रदीप कुमार दुबे
जौनपुर। मीरगंज क्षेत्र के अमाई गांव में गला घोंटू बिमारी ने आधा दर्जन पशुओं की जीवन लीला समाप्त कर चुकी है और अभी कई किसानों के पशु बीमार भी है। ग्रामीणों ने घटना की जानकारी पशु चिकित्सकों को भी दिया लेकिन इसके बावजूद भी पशु चिकित्सकों की टीम टीकाकरण के लिए अब भी गांव में नहीं पहुंच सकी है। जिससे ग्रामीणों में गहरा रोष व्याप्त है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव के ही लालजी सरोज एवं रामबोध सरोज की दो भैंस, शंकर सरोज की तीन सुअर, गिल्ली बनवासी की तीन सुअर पशुओं में भयंकर बीमारी होने वाले रोग की चपेट में आने से मर गईं जबकि बस्ती के अन्य पशुपालकों के कुछ पशु बीमार हैं जबकि विभाग कागज में ही टीकाकरण कर कुम्भकर्णी नींद में सो रहा है। इस बात को लेकर ग्रामीणों में गहरा रोष व्याप्त है। ग्राम प्रधान श्यामराज सरोज ने बताया कि गांव में गला घोटू का अभी तक टीकाकरण न होने के चलते गलाघोंटू जैसी भयंकर बीमारी ने गांव में पांव पसार लिया है जिसके चलते किसानों के कीमती पशुओं की मौत हो रही है। डॉक्टरों की टीम अमाई गांव में पहुंचकर बीमार पशुओं की देखभाल नहीं करती हैं तो ग्रामवासी डॉक्टरों के विरुद्ध आंदोलन करने को बाध्य होंगे। इस सम्बंध में अमाई स्थित पशु चिकित्सालय पर तैनात पशुधन प्रसार अधिकारी राजकुमार से सम्पर्क करने के लिए कई बार फोन किया गया लेकिन फोन नहीं लगा।
प्रदीप कुमार दुबे
जौनपुर। मीरगंज क्षेत्र के अमाई गांव में गला घोंटू बिमारी ने आधा दर्जन पशुओं की जीवन लीला समाप्त कर चुकी है और अभी कई किसानों के पशु बीमार भी है। ग्रामीणों ने घटना की जानकारी पशु चिकित्सकों को भी दिया लेकिन इसके बावजूद भी पशु चिकित्सकों की टीम टीकाकरण के लिए अब भी गांव में नहीं पहुंच सकी है। जिससे ग्रामीणों में गहरा रोष व्याप्त है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव के ही लालजी सरोज एवं रामबोध सरोज की दो भैंस, शंकर सरोज की तीन सुअर, गिल्ली बनवासी की तीन सुअर पशुओं में भयंकर बीमारी होने वाले रोग की चपेट में आने से मर गईं जबकि बस्ती के अन्य पशुपालकों के कुछ पशु बीमार हैं जबकि विभाग कागज में ही टीकाकरण कर कुम्भकर्णी नींद में सो रहा है। इस बात को लेकर ग्रामीणों में गहरा रोष व्याप्त है। ग्राम प्रधान श्यामराज सरोज ने बताया कि गांव में गला घोटू का अभी तक टीकाकरण न होने के चलते गलाघोंटू जैसी भयंकर बीमारी ने गांव में पांव पसार लिया है जिसके चलते किसानों के कीमती पशुओं की मौत हो रही है। डॉक्टरों की टीम अमाई गांव में पहुंचकर बीमार पशुओं की देखभाल नहीं करती हैं तो ग्रामवासी डॉक्टरों के विरुद्ध आंदोलन करने को बाध्य होंगे। इस सम्बंध में अमाई स्थित पशु चिकित्सालय पर तैनात पशुधन प्रसार अधिकारी राजकुमार से सम्पर्क करने के लिए कई बार फोन किया गया लेकिन फोन नहीं लगा।
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