जौनपुर। वर्ल्ड फिजियोथिरेपी डे की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को एडवांस फिजियोथिरेपी एण्ड न्यूरो रिहैबिलेटेशन सेंटर पर सेमिनार का आयोजन किया गया। फिजियोथिरेपी के प्रति लोगों में जागरुकता एवं इसके फायदे पहुंचाने के लिए प्रत्येक वर्ष 8 सितम्बर को वर्ल्ड फिजियोथिरेपी डे मनाया जाता है।
डॉ. पल्लवी ने बताया कि चिकित्सा और सेहत दोनों ही क्षेत्रों के लिए यह तकनीक उपयोगी है, यह व्यक्ति को शारीरिक व मनोवैज्ञानिक रुप से दुरुस्त रखने में मददगार है। डॉ. पल्लवी का कहना है कि फिजियोथिरेपी में कम मरीज की मांसपेशियों की गतिविधि समक्ष उसका इलाज करते है, स्पोर्ट्स पर्सन, सीनियर सिटिजन और बड़ी चोट का इलाज इस विधि द्वारा बहुत आसानी से किया जाता है। हम अपने सेंटर पर दुनिया की सबसे उत्कृष्ट मशीनों द्वारा इलाज कर रहे है। डॉ. शशांक ने बताया कि चिकित्सा क्षेत्र के विभिन्न विभागों जैसे आर्थोपेडिक्स, न्यूरो रोगों में, पीडीयाट्रिक्स में, स्पोट्र्स इंजरी में, कार्डियोपल्मोनरी में इसकी विशेष भूमिका है।
डॉ. शशांक ने बताया कि इसमें इलाज नियमित होना जरुरी है। फिजियोथिरेपी में कुछ दर्द में तो तुरंत आराम मिलता है, पर स्थायी परिणाम के लिए थोड़ा वक्त लगता है। खासकर फ्रोजन शोल्डर, गठिया से ग्रस्त घुटने, लकवा, सिर में चोट आने के बाद आयी हाथ व पैर की कमजोरी, कमर व पीठ दर्द के मामलों में कई सिटिग्स लेनी पड़ सकती है। फिजियोथिरेपी का दायरा सिर्फ मांसपेशियों और हड्डियों तक सीमित नहीं है, उदाहरण के तौर पर अस्थमा या किसी भी तरह के सांस के रोगी को ही ले, इस तरह के मरीजों को सांस रोकने और छोड़ने वाले व्यायाम के जरिए ठीक किया जाता है। इस सेमिनार में डॉ. शशि प्रताप सिंह न्यूरो सर्जन, डॉ. नवीन सिंह, डॉ. मुकेश शुक्ला, डॉ. गौरव, डॉ. वीपी गुप्ता आदि उपस्थित रहे।
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