- बलुआघाट में जुटे थे सैकड़ों लोग
जौनपुर। दसवीं मोहर्रम की रात मोहल्ला केरारकोट बलुआघाट का ऐतिहासिक शहादतनामा व फज़ीलते यौमे आशूरा का आगाज हाफिज हकीम ने तिलावते पाक व अध्यक्षता नुरूद्दीन अंसारी ने किया।
इस मौके पर मौलाना वसीम अहमद शेरवानी ने कहा कि पहली मोहर्रम शहादते खलीफा दोयम से शुरू होती है और दसवीं मोहर्रम को मैदाने कर्बला में नवासए रसूल हजरत हुसैन शहीद हुये थे। आज ही के दिन हजरत इब्रााहिम अ0स0 पैदा हुये। उन्हीं की नस्ल में मोहम्मद (स.अ.व.) भी हैं। 10वीं मोहर्रम के दिन ही मूसा अ.स. ने नील नदी पार की और सिरऔन डूब गया। उन्होंने कहा कि यह महीना फज़ीलतों का महीना है। तकरीर के पहले व बाद में प्रसिद्ध शायरों अकरम जौनपुरी, मुनीस जौनपुरी, मुस्तईन जौनपुरी, मौलाना सादिक, हाफिज हसीन ने नात कलाम पेश किया। इस मौके पर पूर्व विधायक हाजी अफजाल अहमद, डा. शकील, मौलाना आसिफ ने भी 10वीं मोहर्रम के बारे में प्रकाश डाला और कहा कि 10 व 11 मोहर्रम को रोजा रखना बहुत ही अफजल है। इस अवसर पर हासिम सिद्दीकी, कमालुद्दीन अंसारी, मुरीद अहमद, कमर जौनपुरी, अंसार इदरीसी, पूर्व सभासद इरशाद मंसूरी, शकील अंसारी, मुख्तार अंसारी, इफ्तेखार, मो. अनीस, रूस्तम अली, शहजादे खां, वैस सिद्दीकी, अब्बुल हसन, फिरोज अहमद, शम्स तबरेज, मो. दानिश आदि लोग उपस्थित रहे। अंत में आयोजक अनवारूल हक गुड्डू ने लोगों का आभार प्रकट किया।
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