Jaunpur Live : रन्नो के इमामबाड़े में हुई मजलिस, एसएम मासूम ने किया खेताब


जौनपुर। मुहर्रम के महीने में शोकसभाएं पैगम्बर ऐ इस्लाम हज़रत मुहम्मद ने नवासे और मुसलमानों के खलीफा हज़रत अली के बेटे इमाम हुसैन की शहादत को याद करके मनाई जाती है। इस बार एसएम मासूम अपने वतन जौनपुर में हैं और अलग—अलग इमामबाड़ों से इमाम हुसैन का अमन का भाईचारे का पैगाम दुनिया तक पहुंचा रहे हैं। कभी बड़े इमाम गूलर घाट तो अभी करंजाखुर्द तो कभी रन्नो।
मुहर्रम की तीसरी को दाख्खिन पट्टी रन्नो के इमामबाड़े में मजलिस हुयी जिसमें आस—पास के साथ गांव के लोग थे। इस मजलिस को ज़ाकिर ऐ अहलेबैत इतिहासकार और सोशल मीडिया के जानकार एसएम मासूम ने खिताब किया और लोगों को बताया कि दुनिया का हर इंसान जो कमज़ोर है चाहे किसी भी धर्म का हो इस्लाम कहता उस पर रहम करो उसकी मदद करो। जिस हुसैन ने प्यास की हालत में दुश्मन के साथ—साथ उसके जानवरों को भी पानी पिलाया उसी हुसैन को कर्बला में तीन दिन का प्यासा शहीद किया गया।
मजलिस के बाद इमाम हुसैन के भाई हज़रात अब्बास का अलम और तुर्बत निकली और अंजुमनों ने नौहा मातम किया साथ में तबल की आवाज़ से हुसैनी पैगाम की विजय का ऐलान हुआ।
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