Jaunpur Live News Network
जौनपुर लाइव न्यूज नेटवर्क
जौनपुर। शीराज-ए-हिंद की गंगा जमुनी तहजीब को अपने दामन में समेटे और हिन्दू मुस्लिम एकता की प्रतीक अंजुमन जाफरिया के तत्वाधान में कर्बला के प्यासे शहीदों की याद में शनिवार की रात से शुरु कदीम तरही शब्बेदारी स्थानीय कल्लू मरहूम के इमामबाड़े में रविवार को हुई। शब्बेदारी में देश विदेश से आये हुए सोगवारों ने लगातार मातम कर आंसूओं का नजराना इमाम हुसैन को पेश कर फफक-फफक कर रोते रहे। इलाहाबाद से आयी अंजुमन मोहाफिजे अजा कदीम ने नौहा 'ऐ बादे सबा जाके ये अम्मू से बताना प्यासी है सकीना... पढ़ा तो वहां उपस्थित इमाम हुसैन के मातमदारों की आंखों से आंसूओं का सैलाब उमड़ पड़ा। इस आल इंडिया शब्बेदारी में जहां दर्जनों मुस्लिम अंजुमनों ने मातम किया वहीं सभी वर्ग के शायरों ने बारगाहे इमाम में कलाम पेश कर देश की एकता अखंडता की डोर को मजबूत कर दिया।
ब्बेदारी की मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना यूसुफ मशहदी ने कहा कि इस्लाम धर्म के प्रवर्तक हजरत मोहम्मद साहेब के नवासे इमाम हुसैन ने जो कर्बला में शहादत दी है। उसकी आज तक कहीं कोई मिसाल नहीं है। मजलिस की सोजख्वानी समर रजा ने किया। पीसी विश्वकर्मा, शोला जौनपुरी, अहमद निसार, तनवीर जौनपुरी आदि प्रमुख शायरों ने शब्बेदारी की तरह पर अपना पुख्ता कलाम पेश किया। प्रदेश के कई जनपदों से आयी अंजुमनों में मुहाफिज-ए-अजा कदीम इलाहाबाद, सज्जादिया नगपुर जलालपुर, हुसैनिया मऊ, मसुमिया फैजाबाद, यादगारे हुसैनी मुजफ्फरनगर, हैदरिया, मनियारपुर, सुलतानपुर ने नौहा व मातम किया। शब्बेदारी की अंतिम तकरीर को मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सफदर हुसैन जैदी ने खिताब करते हुए कर्बला के दिलसोज मंजर को ऐसा दर्शाया कि चारों ओर से लोग चीख-पुकार करने लगे। जिसके बाद शबीह अलम व ताबूत निकला। अंत में अंजुमन जाफरिया के अध्यक्ष एवं शिया कालेज के प्रबंधक नवाब नजमुल हसन नजमी व महासचिव वसीम हैदर ने शब्बेदारी में भाग लेने वाली सभी मातमी अंजुमनों व अजदारों का शुक्रिया अदा किया। इस मौके पर भाजपा नेता कल्बे हसन खान, अफसर हुसैन अनमोल, अजीज हैदर हेलाल, हसनैन कमर दीपू, आरिफ हुसैनी, कमर भाई, डॉ. राहिल, इमरान खान, बशीर खां, मीनू, बीका, मोनू, ताबिश जैदी, एसएम जैदी के साथ भारी संख्या में महिलाएं, पुरुष और बच्चे मौजूद रहे। सुबह फज्र की नमाज मौलाना आसिफ अब्बास ने अदा करायी।
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जौनपुर। शीराज-ए-हिंद की गंगा जमुनी तहजीब को अपने दामन में समेटे और हिन्दू मुस्लिम एकता की प्रतीक अंजुमन जाफरिया के तत्वाधान में कर्बला के प्यासे शहीदों की याद में शनिवार की रात से शुरु कदीम तरही शब्बेदारी स्थानीय कल्लू मरहूम के इमामबाड़े में रविवार को हुई। शब्बेदारी में देश विदेश से आये हुए सोगवारों ने लगातार मातम कर आंसूओं का नजराना इमाम हुसैन को पेश कर फफक-फफक कर रोते रहे। इलाहाबाद से आयी अंजुमन मोहाफिजे अजा कदीम ने नौहा 'ऐ बादे सबा जाके ये अम्मू से बताना प्यासी है सकीना... पढ़ा तो वहां उपस्थित इमाम हुसैन के मातमदारों की आंखों से आंसूओं का सैलाब उमड़ पड़ा। इस आल इंडिया शब्बेदारी में जहां दर्जनों मुस्लिम अंजुमनों ने मातम किया वहीं सभी वर्ग के शायरों ने बारगाहे इमाम में कलाम पेश कर देश की एकता अखंडता की डोर को मजबूत कर दिया।
ब्बेदारी की मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना यूसुफ मशहदी ने कहा कि इस्लाम धर्म के प्रवर्तक हजरत मोहम्मद साहेब के नवासे इमाम हुसैन ने जो कर्बला में शहादत दी है। उसकी आज तक कहीं कोई मिसाल नहीं है। मजलिस की सोजख्वानी समर रजा ने किया। पीसी विश्वकर्मा, शोला जौनपुरी, अहमद निसार, तनवीर जौनपुरी आदि प्रमुख शायरों ने शब्बेदारी की तरह पर अपना पुख्ता कलाम पेश किया। प्रदेश के कई जनपदों से आयी अंजुमनों में मुहाफिज-ए-अजा कदीम इलाहाबाद, सज्जादिया नगपुर जलालपुर, हुसैनिया मऊ, मसुमिया फैजाबाद, यादगारे हुसैनी मुजफ्फरनगर, हैदरिया, मनियारपुर, सुलतानपुर ने नौहा व मातम किया। शब्बेदारी की अंतिम तकरीर को मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सफदर हुसैन जैदी ने खिताब करते हुए कर्बला के दिलसोज मंजर को ऐसा दर्शाया कि चारों ओर से लोग चीख-पुकार करने लगे। जिसके बाद शबीह अलम व ताबूत निकला। अंत में अंजुमन जाफरिया के अध्यक्ष एवं शिया कालेज के प्रबंधक नवाब नजमुल हसन नजमी व महासचिव वसीम हैदर ने शब्बेदारी में भाग लेने वाली सभी मातमी अंजुमनों व अजदारों का शुक्रिया अदा किया। इस मौके पर भाजपा नेता कल्बे हसन खान, अफसर हुसैन अनमोल, अजीज हैदर हेलाल, हसनैन कमर दीपू, आरिफ हुसैनी, कमर भाई, डॉ. राहिल, इमरान खान, बशीर खां, मीनू, बीका, मोनू, ताबिश जैदी, एसएम जैदी के साथ भारी संख्या में महिलाएं, पुरुष और बच्चे मौजूद रहे। सुबह फज्र की नमाज मौलाना आसिफ अब्बास ने अदा करायी।
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