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जौनपुर लाइव न्यूज नेटवर्क
केराकत, जौनपुर। स्थानीय तहसील के थानागद्दी चौकी अंतर्गत नाऊपुर गांव में एक साधु जो 30 साल बाद अपने घर लौटे अपने आप को सुधाकर शुक्ला उर्फ काशी मुनि महाराज पुत्र उमेश शुक्ला का पुत्र बता रहे है जो 30 साल पहले घर से गायब हो चुके थे। इस बात की जानकारी होने पर पिता उमेश शुक्ला जाकर मिले तो वह अपने पुत्र को पहचान गये। लोगों को बताया कि यह मेरा ही बेटा सुधाकर शुक्ला है जो 30 वर्ष पहले 10 साल की उम्र में घर छोड़कर चले गये थे। साधु के रुप में ही सही गायब बेटे को देख माता-पिता की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। साधु बने सुधाकर शुक्ला गांव के ही अष्टभुजी माता के मंदिर परिसर में ही रह रहे है। बाबा से पूछने पर बताया कि घर से रोजी रोटी के चक्कर में गांव के ही एक ट्रक पर 10 वर्ष की उम्र में चला गया था और पश्चिम बंगाल में एक महात्मा श्री श्री 1008 प्रहलादमुनि जी महाराज से मुलाकात हुई। वहां से गुरुदक्षिणा लेने के बाद वहीं से कानपुर नगर के बिल्लोर तहसील के चौबेपुर थाना गांव ततारपुर चला गया वहां एक मठ है जहां जय मां शारदा माता के मंदिर की स्थापना किया। वहां पर माँ शारदा का मंदिर निर्माण कराया और वहीं पर रहने लगा। सुधाकर शुक्ला उर्फ काशी मुनि महराज की बचपन से ही ईश्वर में श्रद्धा भक्ति के प्रति लगाव था और 8 वर्ष की उम्र से ही नवरात्रि का व्रत अनवरत रहते आ रहे है। कानपुर में मठ परिसर में नवरात्रि में 11 दिवसीय अर्धभूमि समाधि भी ले चुके है। पिछले साल वहीं पर अग्नि परीक्षा भी दिया है और वहां हठ योगी के नाम से जाने जाते है। बाबा जब से अपने गांव आये है तब से अन्न और जल भी ग्रहण नहीं किये है। क्षेत्र के आस-पास के लोग बाबा की पूजा और परिक्रमा भी करें है। बाबा नाऊपुर गांव में मंगलवार से ही जहां पर बचपन में माता शारदा की पूजा करते थे वहीं अगिपरीक्षा दे रहे है और उनका कहना हैं कि अग्निपरीक्षा देने के बाद मंदिर का निर्माण कराकर अपने कानपुर मठ चला जाऊंगा।
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