जौनपुर। निषाद समाज द्वारा गोमती नदी के पावन तट पर स्थित गोपी घाट पर वीरांगना झलकारी बाई कोली की जयंती मनायी गयी। इस मौके पर सुरेन्द्र निषाद द्वारा झलकारी बाई के विषय पर बुन्देलखण्ड में गायी जाने वाली परम्परा गीत प्रस्तुत किया गया जिसके बाद उपस्थित लोगों ने उनके जीवन पर प्रकाश डाला। तत्पश्चात् रमेश निषाद ने बताया कि झलकारी बाई झांसी की रानी लक्ष्मी बाई की हमशक्ल थीं। उनका लालन-पालन उनके पिता लड़कों की तरह किये थे। वह तीर, तलवार, घुड़सवारी में निपुण थीं। वह रानी लक्ष्मी बाई के दुर्गा दल की सेना नायक थीं। झलकारी बाई ने लक्ष्मी बाई को बचाने के लिये अंग्रेजों के हाथों शहीद हो गयी थीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला तलवारबाजी संघ के जिला सचिव लालजी निषाद व संचालन मनोज नागर ने किया। इस अवसर पर संजीव नागर एडवोकेट, जय प्रकाश निशाद, जगदीश निषाद, शान्ति निषाद, कैलाश निषाद, डा. कमलेश निषाद, महेन्द्र निषाद एडवोकेट, बृजेश नागर सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।
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