Jaunpur Live : मेरे भारत तेरी हर शान निराली है, कभी जश्ने ईद है तो कभी दीवाली



Jaunpur Live News Network
जौनपुर लाइव न्यूज नेटवर्क
केराकत, जौनपुर। स्थानीय नगर के नरहन में अक्षर आरसी साहित्यिक व सांस्कृतिक समिति केराकत की मासान्त काव्य गोष्ठी मदन मोहन शुक्ल की अध्यक्षता में हुई। काव्य गोष्ठी का शुभारम्भ मां सरस्वती की वंदना से किया गया। काव्य गोष्ठी में अपनी कविता सुनाते हुए कवि नन्दलाल समीर ने कहा कि मेरे भारत तेरी हर शान निराली है, कभी जश्ने ईद है तो कभी दीवाली है।



कवि बृजेश लहरी ने कविता सुनाते हुए कहा कि जिन्दगी, जिन्दगी नहीं लगती तेरे बगैर, दिल में कोई खुशी नहीं रहती तेरे बगैर। अपनी रचना प्रस्तुत करते हुए कवि सूबेदार पाण्डेय ने कहा कि जब जब जुग मशीन कै आयल, छिनल हाथ से काम। पूंजीपति अमीर बन गइलन, मजदूर के नींद हराम। काव्य गोष्ठी में कवि चंद्रभान सावन ने अपनी कविता सुनाते हुए कहा कि मेरे शौकियां मिजाज पर मत आओ भाई, मैंने सारी जिन्दगी खपा दी है, नापने में मौज की गहराई। कवि साहब लाल सहज ने काव्य गोष्ठी में कविता सुनाते हुए कहा कि फूलों की कदर काँटे कभी नहीं करते, बेरहमी किसी पे रहम नहीं करते। इंसानियत शिखर पे चढ़ि देख लो सहज, गुनाहों के दीप कभी नहीं जलते। कवि पवन कुमार पाण्डेय ने अपनी रचना सुनाते हुए कहा कि जाति पांति भेद भाव वे खूब बताते हैं, दंगे फसाद करवाकर चराग वे खूब बुझाते हैं। लोकतंत्र का सदन में वे लाश जलाते हैं, लुट रही है जनता वे मौज़ मनाते हैं। काव्य गोष्ठी का संचालन करते हुए डॉ. बहादुर अली खान ने कहा कि उदास लागे बखरिया सावन में, इसके अलावा काव्य गोष्ठी में कवि उमाशंकर सिंह, सतीश, राजेश कुमार आदि कवियों ने काव्य गोष्ठी में हिस्सा लिया।
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