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Jaunpur Live : इस्लाम आपसी भाईचारा का देता है पैगाम : मौलाना फजले मुमताज



Jaunpur Live News Network
जौनपुर लाइव न्यूज नेटवर्क
जफराबाद का ऐतिहासिक चेहलुम, अजादारों ने किया मातम
जौनपुर। शिया धर्मगुरु मौलाना फजले मुमताज ने कहा कि जब तक दुनिया रहेगी, तब तक लोगों की जुबां पर इमाम हुसैन का जिक्र भी रहेगा क्योंकि कर्बला में हुई जंग किसी सल्तनत के लिए नहीं थी बल्कि जुल्म और ज्यादती के खिलाफ इंसानियत की बका के लिए एक जेहाद था। इमाम हुसैन ने अपने नाना के दीन के खातिर सिर को कटा दिया लेकिन सिर झुकाना मंजूर नहीं किया। यह बातें मौलाना ने मोहल्ला सब्जी मंडी में इमामबारगाह दलेल खान में समाजसेवी सज्जाद हुसैन खान के इसाले सवाब की मजलिस में कही। इसमें सोजख्वानी सै0 गौहर अली जैदी व हमनवा ने किया। वाकियात-ए-कर्बला का जिक्र करते हुए मौलाना फजले मुमताज ने कहा कि अल्लाह ने कायनात का जर्रा-जर्रा हजरत इमाम हुसैन के नाना के सदके में बनाया और फिर उन्हें हजरत इमाम हुसैन जैसा नवासा दिया। सामाजिक कार्यकर्ता सरदार हुसैन खान बबलू ने आये हुए लोगों का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर एजाज हुसैन, इरशाद हुसैन, दाऊद हैदर, कमाल आजमी, मोहम्मद हलीम, नफीस अब्बास, कमर अब्बास, मोहम्मद शारिब, शमशाद हुसैन, मोहम्मद रजा, फजलुल हसन, मोहम्मद अहसन, फरमान हुसैन आदि के साथ अन्य लोग मौजूद रहे।

Jaunpur Live : इस्लाम आपसी भाईचारा का देता है पैगाम : मौलाना फजले मुमताज


जफराबाद : जफराबाद का ऐतिहासिक चेहल्लुम गुरुवार शाम संपन्न हुआ जिसमें आमिर और उनके हमनवा और उसके बाद शाकिर ने मरसिया खानी की। उसके बाद पूर्व प्रमुख सचिव मजहर अब्बास आब्दी ने मजलिस को खिताब करते हुए कहा कि कर्बला के बाद एक बेटी किसी की बहन यजीद के दरबार में पहली मजलिस और खुतबा देकर यह बता दिया कि किसी भी ज़माने में लड़कियां बहू, बेटियां किसी से कमजोर नहीं होती और आज अपने भाई का चेहल्लुम करने आई है जैनब और मजलिस के बाद अलम तुर्बत जुल्जना, ताजिए की जियारत के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। जुलूस अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ सड़क पर पहुंचा जहां पर अंजुमन जफराबाद ने जंजीर का मातम किया और नोहा खानी जेना काशिफ, शोएब ने किया। उसके बाद जुलूस अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ कर्बला पहुंचा जहां पर ताजियों को सुपुर्द ए खाक किया गया और उसके बाद गंजे शहीदा में 72 शहीदों के नाम की शमा रोशन की गई। इस अवसर पर जुलूस का संचालन कर रहे इजहार हुसैन और डॉक्टर हैदर रजा और हैदर, नसीर, अली अकबर एडवोकेट, जना, इरम, गुड्डू, राजू, काशिफ, कामिल, शोएब आदि लोग उपस्थित रहे।


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