Jaunpur Live News Network
जौनपुर लाइव न्यूज नेटवर्क
हैदराबाद। एम. उमाशंकर कुमार आईआरएसएसई ने अपनी पदोन्नति के कारण दक्षिण मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी के रूप में पदभार त्याग दिया है। वे महाप्रबंधक, रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल), सिकंदराबाद के रूप में आज यानि 31 दिसंबर, 2018 को प्रतिनियुक्ति हुए हैं।
श्री एम. उमाशंकर कुमार, जो भारतीय रेल सिगनल इंजीनियरी सेवा 1997 बैच के हैं । वे कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में उपाधि हासिल की । उन्होंने ली कुआन यू स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी, सिंगपूर से पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में पेशेवर प्रशिक्षण प्राप्त किया है। उन्होंने प्रतिष्ठित इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस से पब्लिक पॉलिसी मैनेजमेंट में एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम भी पूरा किया है।
दक्षिण मध्य रेलवे के जनसंपर्क विभाग के विभागध्यक्ष के रूप में 4 वर्षों तक उल्लेखनीय सेवा की, जिसमें लोगों में ज़ोन की छवि को उच्च कोटि पर बनाये रखने में उनका प्रमुख योगदान रहा है। संचार के माध्यम से न्यू डिजिटल और सोशल मीडिया की प्राथमिकता पर कार्य करते हुए, श्री उमाशंकर कुमार ने भारतीय रेलवे में ट्विटर और फेसबुक पर सबसे अधिक सक्रिय होने के कारण, दक्षिण मध्य रेलवे को आगे रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसके कारण इस ज़ोन ने इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वेबसाइट सहित सोशल मीडिया के विभिन्न अन्य मार्गों पर अपनी पहचान बनाई है।
प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में रेलवे से संबंधित समाचार और सूचना प्रसारित करने और प्रिंट मीडिया से निरंतर संपर्क बनाये रखने के कारण द.म.रे. को जनता के साथ तालमेल बनाये रखने में सफल हुए। श्री उमाशंकर कुमार द्वारा लाये गए गुणवत्ता-परक परिवर्तनों के कारण जनसंपर्क के कार्यक्षेत्र में कई नूतन परिवर्तन हुए हैं। किसी भी संकट / आपदा प्रबंधन की स्थिति को संभालते हुए निरंतर 24x7 घंटे रेल उपयोगकर्ताओं और जनता के अन्य वर्गों तक महत्वपूर्ण सूचना पहुंचाते थे। उनकी उपलब्धियों में से एक है दक्षिण मध्य रेलवे की प्रेस विज्ञप्तियां, तेलुगु प्रिंट मीटिया में निरंतर जारी हो रही हैं, जिससे क्षेत्रीय मीडिया में रेल समाचार के कवरेज को काफी बढ़ावा मिला है, जिससे जनता को लाभ हुआ है।
समाचार को जनता तक पहुँचाने और विभिन्न मुद्दों पर अधिक जागरूकता पैदा करने के लिए तैयार की गई रणनीति, श्री उमाशंकर कुमार की द.म.रे के लिए सीपीआरओ के रूप में प्रमुख थी। गोदावरी और कृष्ण पुष्करम के दौरान रेलवे द्वारा की गई व्यापक व्यवस्था को उजागर करने के लिए एक व्यापक बहु प्रचारित प्रचार अभियान चला, जो व्यापक प्रचार के बाद और रेल व्यवस्था पर दिन-प्रतिदिन की समाचार से तीर्थयात्रियों के लिए रेल सेवाओं को उपयोग करने में बहुत लाभ हुआ। रेलवे को सकारात्मक प्रचार में अपने नवोन्मेषी दृष्टिकोण ने, द.म.रे की उपलब्धियां, प्रदर्शन और प्रगति पर कई वीडियो फिल्मों का निर्माण किया गया। डिजिटल और सोशल मीडिया में सार्वजनिक लाभ के लिए द.म.रे. द्वारा किए गए स्पॉट वीडियो जैसे विशिष्ट पहल, जो अनूठी और रचनात्मक अवधारणा के रूप में बहुत सफल रही है।
श्री उमाशंकर कुमार ने ज़ोन पर स्वच्छ रेल - स्वच्छ भारत’ के स्वच्छता अभियान में एक प्रमुख भूमिका निभाई, सोशल मीडिया सहित सभी मीडिया में व्यापक प्रचार सुनिश्चित किया। उन्होंने स्वच्छ अभियान में विभिन्न संस्थानों, प्रख्यात हस्तियों और गैर-सरकारी संगठनों को शामिल करने और मोबाइल डिजिटल थियेटर के उपयोग सहित घर-घर पर संदेश भेजने के लिए अभिनव प्रचार विकल्पों का उपयोग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका सबसे बड़ा योगदान द.म.रे. पर ‘डिजिपे’ रेलवे स्टेशन अवधारणा की योजना व कार्यान्वयन, जो पहली बार भारतीय रेलवे पर महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों पर डिजिटल गेटवे पर सभी सेवाएं प्रदान करने में सक्षम रही हैं।
श्री उमाशंकर कुमार को रेलवे में कई प्रौद्योगिकी नवाचारों का श्रेय दिया जाता है, जिसमें हाल ही में द.म.रे. पर रेल उपयोगकर्ता के अनुकूल मोबाइल ऐप, HYLITES और TADAAST शामिल हैं। वेब आधारित यात्री सूचना प्रणाली की शुरुआत के पीछे भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है और वे द.म.रे. के सिकंदराबाद - वाडी सेक्शन पर ट्रेन भिडंत रोक प्रणाली (टीसीएएस) के फील्ड ट्रायल्स में भी उनकी सराहनीय भूमिका रही है।
उन्होंने SCR पर कई मानव संसाधन (HR) संबंधित पहलों के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें पहली बार मेगा कौशल विकास व जॉब मेला ‘मन कोसम’ का आयोजन शामिल है, जिसमें 22,000 से अधिक उम्मीदवार, 110 कंपनियां और 5000 से अधिक जॉब ऑफर शामिल थे। रेल कर्चमरायों व उनके परिवार जनों को पासपोर्ट जारी करने के उदेद्श्य से बनाई गई कार्यक्रम ‘मी कोसम’ बहुत सफल रही । इंटरनेशनल स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) के साथ अपने समन्वय के कारण द.म.रे. में आईएसबी में अभी तक 150 से अधिक रेलवे अधिकारियों के लिए नेतृत्व कार्यशालाओं का आयोजन किया गया।
उन्होंने कॉर्पोरेट परिवेश के भांति द.म.रे. के जनसंपर्क कार्यालय का संपूर्ण नवीकरण कर वाया और अन्य रेलवे कार्यालयों के लिए बेंचमार्क निर्धारित किया। मुख्य जन संपर्क अधिकारी के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, द.म.रे. के जनसंपर्क विभाग ने अप्रैल, 2018 में भोपाल में आयोजित अखिल भारतीय रेलवे प्रदर्शनी में द.म.रे. को प्रथम पुरस्कार सहित कई प्रशंसा और मान्यता अर्जित की।
2011 में रिकॉर्ड समय में द.म.रे. पर थ्रूपुट संवर्द्धन कार्यों को पूरा करने में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें सर्वोच्च सम्मान ‘रेल मंत्री पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
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हैदराबाद। एम. उमाशंकर कुमार आईआरएसएसई ने अपनी पदोन्नति के कारण दक्षिण मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी के रूप में पदभार त्याग दिया है। वे महाप्रबंधक, रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल), सिकंदराबाद के रूप में आज यानि 31 दिसंबर, 2018 को प्रतिनियुक्ति हुए हैं।
श्री एम. उमाशंकर कुमार, जो भारतीय रेल सिगनल इंजीनियरी सेवा 1997 बैच के हैं । वे कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में उपाधि हासिल की । उन्होंने ली कुआन यू स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी, सिंगपूर से पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में पेशेवर प्रशिक्षण प्राप्त किया है। उन्होंने प्रतिष्ठित इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस से पब्लिक पॉलिसी मैनेजमेंट में एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम भी पूरा किया है।
दक्षिण मध्य रेलवे के जनसंपर्क विभाग के विभागध्यक्ष के रूप में 4 वर्षों तक उल्लेखनीय सेवा की, जिसमें लोगों में ज़ोन की छवि को उच्च कोटि पर बनाये रखने में उनका प्रमुख योगदान रहा है। संचार के माध्यम से न्यू डिजिटल और सोशल मीडिया की प्राथमिकता पर कार्य करते हुए, श्री उमाशंकर कुमार ने भारतीय रेलवे में ट्विटर और फेसबुक पर सबसे अधिक सक्रिय होने के कारण, दक्षिण मध्य रेलवे को आगे रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसके कारण इस ज़ोन ने इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वेबसाइट सहित सोशल मीडिया के विभिन्न अन्य मार्गों पर अपनी पहचान बनाई है।
प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में रेलवे से संबंधित समाचार और सूचना प्रसारित करने और प्रिंट मीडिया से निरंतर संपर्क बनाये रखने के कारण द.म.रे. को जनता के साथ तालमेल बनाये रखने में सफल हुए। श्री उमाशंकर कुमार द्वारा लाये गए गुणवत्ता-परक परिवर्तनों के कारण जनसंपर्क के कार्यक्षेत्र में कई नूतन परिवर्तन हुए हैं। किसी भी संकट / आपदा प्रबंधन की स्थिति को संभालते हुए निरंतर 24x7 घंटे रेल उपयोगकर्ताओं और जनता के अन्य वर्गों तक महत्वपूर्ण सूचना पहुंचाते थे। उनकी उपलब्धियों में से एक है दक्षिण मध्य रेलवे की प्रेस विज्ञप्तियां, तेलुगु प्रिंट मीटिया में निरंतर जारी हो रही हैं, जिससे क्षेत्रीय मीडिया में रेल समाचार के कवरेज को काफी बढ़ावा मिला है, जिससे जनता को लाभ हुआ है।
समाचार को जनता तक पहुँचाने और विभिन्न मुद्दों पर अधिक जागरूकता पैदा करने के लिए तैयार की गई रणनीति, श्री उमाशंकर कुमार की द.म.रे के लिए सीपीआरओ के रूप में प्रमुख थी। गोदावरी और कृष्ण पुष्करम के दौरान रेलवे द्वारा की गई व्यापक व्यवस्था को उजागर करने के लिए एक व्यापक बहु प्रचारित प्रचार अभियान चला, जो व्यापक प्रचार के बाद और रेल व्यवस्था पर दिन-प्रतिदिन की समाचार से तीर्थयात्रियों के लिए रेल सेवाओं को उपयोग करने में बहुत लाभ हुआ। रेलवे को सकारात्मक प्रचार में अपने नवोन्मेषी दृष्टिकोण ने, द.म.रे की उपलब्धियां, प्रदर्शन और प्रगति पर कई वीडियो फिल्मों का निर्माण किया गया। डिजिटल और सोशल मीडिया में सार्वजनिक लाभ के लिए द.म.रे. द्वारा किए गए स्पॉट वीडियो जैसे विशिष्ट पहल, जो अनूठी और रचनात्मक अवधारणा के रूप में बहुत सफल रही है।
श्री उमाशंकर कुमार ने ज़ोन पर स्वच्छ रेल - स्वच्छ भारत’ के स्वच्छता अभियान में एक प्रमुख भूमिका निभाई, सोशल मीडिया सहित सभी मीडिया में व्यापक प्रचार सुनिश्चित किया। उन्होंने स्वच्छ अभियान में विभिन्न संस्थानों, प्रख्यात हस्तियों और गैर-सरकारी संगठनों को शामिल करने और मोबाइल डिजिटल थियेटर के उपयोग सहित घर-घर पर संदेश भेजने के लिए अभिनव प्रचार विकल्पों का उपयोग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका सबसे बड़ा योगदान द.म.रे. पर ‘डिजिपे’ रेलवे स्टेशन अवधारणा की योजना व कार्यान्वयन, जो पहली बार भारतीय रेलवे पर महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों पर डिजिटल गेटवे पर सभी सेवाएं प्रदान करने में सक्षम रही हैं।
श्री उमाशंकर कुमार को रेलवे में कई प्रौद्योगिकी नवाचारों का श्रेय दिया जाता है, जिसमें हाल ही में द.म.रे. पर रेल उपयोगकर्ता के अनुकूल मोबाइल ऐप, HYLITES और TADAAST शामिल हैं। वेब आधारित यात्री सूचना प्रणाली की शुरुआत के पीछे भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है और वे द.म.रे. के सिकंदराबाद - वाडी सेक्शन पर ट्रेन भिडंत रोक प्रणाली (टीसीएएस) के फील्ड ट्रायल्स में भी उनकी सराहनीय भूमिका रही है।
उन्होंने SCR पर कई मानव संसाधन (HR) संबंधित पहलों के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें पहली बार मेगा कौशल विकास व जॉब मेला ‘मन कोसम’ का आयोजन शामिल है, जिसमें 22,000 से अधिक उम्मीदवार, 110 कंपनियां और 5000 से अधिक जॉब ऑफर शामिल थे। रेल कर्चमरायों व उनके परिवार जनों को पासपोर्ट जारी करने के उदेद्श्य से बनाई गई कार्यक्रम ‘मी कोसम’ बहुत सफल रही । इंटरनेशनल स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) के साथ अपने समन्वय के कारण द.म.रे. में आईएसबी में अभी तक 150 से अधिक रेलवे अधिकारियों के लिए नेतृत्व कार्यशालाओं का आयोजन किया गया।
उन्होंने कॉर्पोरेट परिवेश के भांति द.म.रे. के जनसंपर्क कार्यालय का संपूर्ण नवीकरण कर वाया और अन्य रेलवे कार्यालयों के लिए बेंचमार्क निर्धारित किया। मुख्य जन संपर्क अधिकारी के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, द.म.रे. के जनसंपर्क विभाग ने अप्रैल, 2018 में भोपाल में आयोजित अखिल भारतीय रेलवे प्रदर्शनी में द.म.रे. को प्रथम पुरस्कार सहित कई प्रशंसा और मान्यता अर्जित की।
2011 में रिकॉर्ड समय में द.म.रे. पर थ्रूपुट संवर्द्धन कार्यों को पूरा करने में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें सर्वोच्च सम्मान ‘रेल मंत्री पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
