Jaunpur Live News Network
जौनपुर लाइव न्यूज नेटवर्क
जौनपुर। घरेलू तथा सामाजिक हिंसा से मुक्त नारी के जीवन के क्षेत्र में विकास कर सकती है। इंटरनेशनल सेंटर फॉम रिसर्च आन विमेन के अनुसार 15 वर्ष से 49 वर्ष की आयु की 40 % महिलाएं किसी न किसी हिंसा में प्रभावित है। यह बातें वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के निकट जनता जनार्दन इंटर कॉलेज जासोपुर, जौनपुर पत्र प्रतिनिधियों से एक साथ राष्ट्रीय अभियान के जिला प्रभारी रमेश यादव ने कहा कि महिला हिंसा के कई आयाम है। इसके तहत घरेलू हिंसा, शारीरिक हिंसा, मानसिक हिंसा तथा यौन हिंसा प्रमुख रूप से आती है। किसी भी तरह की हिंसा का विरोध करने में महिलाएं अक्षम सिद्ध हुई है। 1% महिलाओं ने ही अपने विरुद्ध हिंसा के विरोध में कदम उठाया है
उन्होंने कहा कि हिंसा का प्रभाव घर के बच्चे पर भी पड़ता है बच्चे डरपोक तथा मानसिक रूप से बीमार हो सकते हैं। इसलिए घरेलू हिंसा के विरुद्ध ना केवल महिलाओं को बल्कि पुरुषों को भी आगे आने की जरूरत है। यह अभियान 25 नवंबर से 10 दिसंबर 2018 तक चलाया जा रहा है। जिसमें जनपद में कैंडल मार्च, जन जागरूकता रैली, विचार गोष्ठी, नुक्कड़ नाटक, फिल्म शो, ग्राम स्त्रीय समुदाय बैठक, प्रेस वार्ता आदि कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता रमेश यादव ने कहा कि महिलाओं और पुरुषों को बराबर का दर्जा देना चाहिए। महिलाओं और पुरुषों के बीच कोई अंतर नहीं है, बल्कि महिलाओं के सम्मान में पुरुषों का भी योगदान होना चाहिए यदि महिलाएं अपने सम्मान के प्रति जागरूक नहीं होंगी तो आने वाले दिन स्त्रियों के लिए और कष्ट दाई होगा। इस प्रेस वार्ता में सत्येंद्र कुमार यादव, दिनेश कुमार, अमलेश मिश्रा, सुरेंद्र कुमार यादव अध्यापक आदि लोग उपस्थित रहे।
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जौनपुर। घरेलू तथा सामाजिक हिंसा से मुक्त नारी के जीवन के क्षेत्र में विकास कर सकती है। इंटरनेशनल सेंटर फॉम रिसर्च आन विमेन के अनुसार 15 वर्ष से 49 वर्ष की आयु की 40 % महिलाएं किसी न किसी हिंसा में प्रभावित है। यह बातें वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के निकट जनता जनार्दन इंटर कॉलेज जासोपुर, जौनपुर पत्र प्रतिनिधियों से एक साथ राष्ट्रीय अभियान के जिला प्रभारी रमेश यादव ने कहा कि महिला हिंसा के कई आयाम है। इसके तहत घरेलू हिंसा, शारीरिक हिंसा, मानसिक हिंसा तथा यौन हिंसा प्रमुख रूप से आती है। किसी भी तरह की हिंसा का विरोध करने में महिलाएं अक्षम सिद्ध हुई है। 1% महिलाओं ने ही अपने विरुद्ध हिंसा के विरोध में कदम उठाया है
उन्होंने कहा कि हिंसा का प्रभाव घर के बच्चे पर भी पड़ता है बच्चे डरपोक तथा मानसिक रूप से बीमार हो सकते हैं। इसलिए घरेलू हिंसा के विरुद्ध ना केवल महिलाओं को बल्कि पुरुषों को भी आगे आने की जरूरत है। यह अभियान 25 नवंबर से 10 दिसंबर 2018 तक चलाया जा रहा है। जिसमें जनपद में कैंडल मार्च, जन जागरूकता रैली, विचार गोष्ठी, नुक्कड़ नाटक, फिल्म शो, ग्राम स्त्रीय समुदाय बैठक, प्रेस वार्ता आदि कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता रमेश यादव ने कहा कि महिलाओं और पुरुषों को बराबर का दर्जा देना चाहिए। महिलाओं और पुरुषों के बीच कोई अंतर नहीं है, बल्कि महिलाओं के सम्मान में पुरुषों का भी योगदान होना चाहिए यदि महिलाएं अपने सम्मान के प्रति जागरूक नहीं होंगी तो आने वाले दिन स्त्रियों के लिए और कष्ट दाई होगा। इस प्रेस वार्ता में सत्येंद्र कुमार यादव, दिनेश कुमार, अमलेश मिश्रा, सुरेंद्र कुमार यादव अध्यापक आदि लोग उपस्थित रहे।
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