Jaunpur Live News Network
जौनपुर लाइव न्यूज नेटवर्क
खुटहन, जौनपुर। जैव प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार के सौजन्य से काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी में प्रोफेसर डॉ. जेपी वर्मा की अगुवाई में संचालित जैव उर्वरक सोध में वहां के छात्रों ने रविवार को क्षेत्र के दरना, लवायन और भागमलपुर गांव में किसान गोष्ठी आयोजित कर उन्हें जैविक खेती के लिए जागरु क और प्रशिक्षित किया गया।
वहां से आये छात्र गोवर्धन चौहान, अर्पन मुखर्जी और आनंद कुमार ने कहा कि किसान अधिकाधिक जैविक खाद का प्रयोग करें तो उसे जहां लागत में कमी आयेगी। वहीं उत्पादन 50 से 30 फीसदी तक अधिक मिलेगा। छात्रों ने रासायनिक खाद से होने वाले नुकसान के विषय में बिधिवत बताते हुए जैविक के प्रयोग का लाभ भी समझाया। उन्होंने कहा कि अंधाधुंध रासायनिक खादों के प्रयोग से मृदाशक्ति गिरती जा रही है। ऐसे ही चलता रहा तो एक दशक बाद खेत ऊसर बन जाएंगे।
किसानों को बताया कि जैविक का प्रयोग उत्पाद वृद्धि ही नहीं करता वरन इससे पेट व शरीर दर्द, अल्सर, कैंसर, हार्ट अटैक, लकवा, नपुंसकता और हड्डियों के कमजोर होने जैसे रोगों से बचाव भी होता है। इसका प्रयोग गेहूं चना, मटर, सरसों, मक्का, अरहर और सब्जियों की खेती में कर किसान लाभ उठाएं। किसानों को 10-10 बिस्वा फसलों पर छिड़काव के लिए मुफ्त जैविक खाद दी गई। इस मौके पर प्रमोद, संजय, सभाजीत, मिठाई लाल, रामधनी, शिवपूजन, जितेंद्र, प्रदीप आदि मौजूद रहे।
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खुटहन, जौनपुर। जैव प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार के सौजन्य से काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी में प्रोफेसर डॉ. जेपी वर्मा की अगुवाई में संचालित जैव उर्वरक सोध में वहां के छात्रों ने रविवार को क्षेत्र के दरना, लवायन और भागमलपुर गांव में किसान गोष्ठी आयोजित कर उन्हें जैविक खेती के लिए जागरु क और प्रशिक्षित किया गया।
वहां से आये छात्र गोवर्धन चौहान, अर्पन मुखर्जी और आनंद कुमार ने कहा कि किसान अधिकाधिक जैविक खाद का प्रयोग करें तो उसे जहां लागत में कमी आयेगी। वहीं उत्पादन 50 से 30 फीसदी तक अधिक मिलेगा। छात्रों ने रासायनिक खाद से होने वाले नुकसान के विषय में बिधिवत बताते हुए जैविक के प्रयोग का लाभ भी समझाया। उन्होंने कहा कि अंधाधुंध रासायनिक खादों के प्रयोग से मृदाशक्ति गिरती जा रही है। ऐसे ही चलता रहा तो एक दशक बाद खेत ऊसर बन जाएंगे।
किसानों को बताया कि जैविक का प्रयोग उत्पाद वृद्धि ही नहीं करता वरन इससे पेट व शरीर दर्द, अल्सर, कैंसर, हार्ट अटैक, लकवा, नपुंसकता और हड्डियों के कमजोर होने जैसे रोगों से बचाव भी होता है। इसका प्रयोग गेहूं चना, मटर, सरसों, मक्का, अरहर और सब्जियों की खेती में कर किसान लाभ उठाएं। किसानों को 10-10 बिस्वा फसलों पर छिड़काव के लिए मुफ्त जैविक खाद दी गई। इस मौके पर प्रमोद, संजय, सभाजीत, मिठाई लाल, रामधनी, शिवपूजन, जितेंद्र, प्रदीप आदि मौजूद रहे।
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