Jaunpur Live News Network
जौनपुर लाइव न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली। एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को अपराध घोषित करने के प्रावधान का विरोध करते हुये आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि वह इससे जुड़े मुस्लिम महिला अधिकार संरक्षण विधेयक का उच्च सदन में समर्थन नहीं करेगी।राज्यसभा में आप के नेता संजय सिंह ने शुक्रवार को बताया कि मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की कुप्रथा से निजात दिलाने के नाम पर मुस्लिम समाज के लोगों को डराने के लिये लाए गए इस विधेयक का पार्टी विरोध करेगी। उल्लेखनीय है कि यह विधेयक गुरुवार को लोकसभा में पारित हो गया और अब इसे उच्च सदन में लाया जायेगा। उम्मीद की जा रही है कि यह विधेयक अगले सप्ताह उच्च सदन में लाया जा सकता है।
संसद भवन परिसर में सिंह ने संवाददाताओं से कहा, मोदी सरकार द्वारा पेश तीन तलाक विधेयक का मकसद मुस्लिम समाज को भयभीत करना है। उच्चतम न्यायालय ने जब तीन तलाक को अवैध घोषित कर दिया तो फिर सरकार द्वारा इसे आपराधिक घोषित करने की क्या मंशा है। किसी अन्य धर्म में जब तलाक अपराध नहीं है तो मुसलमानों को निशाना बनाने के लिये सरकार ऐसा कानून क्यों बनाना चाहती है।उन्होंने कहा कि तीन तलाक को अपराध घोषित करने के बारे में न्यायालय के आदेश में कुछ नहीं कहा गया है इसलिये आप राज्यसभा में इस विधेयक का विरोध करेगी। सिंह ने कहा मेरा मानना है कि अगर तीन तलाक बोल कर पत्नी को छोड़ना गलत है तो तीन तलाक बोले बगैर जिन लोगों ने अपनी पत्नी को छोड़ रखा है उनके लिये कानून कब बनेगा।
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नई दिल्ली। एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को अपराध घोषित करने के प्रावधान का विरोध करते हुये आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि वह इससे जुड़े मुस्लिम महिला अधिकार संरक्षण विधेयक का उच्च सदन में समर्थन नहीं करेगी।राज्यसभा में आप के नेता संजय सिंह ने शुक्रवार को बताया कि मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की कुप्रथा से निजात दिलाने के नाम पर मुस्लिम समाज के लोगों को डराने के लिये लाए गए इस विधेयक का पार्टी विरोध करेगी। उल्लेखनीय है कि यह विधेयक गुरुवार को लोकसभा में पारित हो गया और अब इसे उच्च सदन में लाया जायेगा। उम्मीद की जा रही है कि यह विधेयक अगले सप्ताह उच्च सदन में लाया जा सकता है।
संसद भवन परिसर में सिंह ने संवाददाताओं से कहा, मोदी सरकार द्वारा पेश तीन तलाक विधेयक का मकसद मुस्लिम समाज को भयभीत करना है। उच्चतम न्यायालय ने जब तीन तलाक को अवैध घोषित कर दिया तो फिर सरकार द्वारा इसे आपराधिक घोषित करने की क्या मंशा है। किसी अन्य धर्म में जब तलाक अपराध नहीं है तो मुसलमानों को निशाना बनाने के लिये सरकार ऐसा कानून क्यों बनाना चाहती है।उन्होंने कहा कि तीन तलाक को अपराध घोषित करने के बारे में न्यायालय के आदेश में कुछ नहीं कहा गया है इसलिये आप राज्यसभा में इस विधेयक का विरोध करेगी। सिंह ने कहा मेरा मानना है कि अगर तीन तलाक बोल कर पत्नी को छोड़ना गलत है तो तीन तलाक बोले बगैर जिन लोगों ने अपनी पत्नी को छोड़ रखा है उनके लिये कानून कब बनेगा।