Jaunpur Live News Network
जौनपुर लाइव न्यूज नेटवर्क
जौनपुर। जिले से चुनावी माहौल में चर्चे में चल रही लोकसभा प्रत्याशी सुचिता तिवारी ने कहा कि क्रिसमस 25 दिसंबर को प्रतिवर्ष बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाने वाला पर्व है यह पर्व विश्वभर में बड़े ही उत्साह वर्धन के साथ मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन लोकोद्धारक, परम, दयालु, गरीबों और रोगियों के सेवक ईसा का जन्म हुआ था। संसार में वे मसीह (मृतक को जीवन देने वाला) के रूप में विख्यात हुए इसलिए उन्हें ईसा मसीह कहा जाता है। जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कि जैसे हमारे यहांदशहरा और दीपावली का संबंध हमारे भागवान श्रीराम से तथा जन्माष्टमी का संबंध भागवान श्रीकृष्ण से है, उसी प्रकार क्रिसमस का संबंध ईसा मसीह से है,और यह त्योहार हमे सेवा भाव, त्याग और क्षमाशीलता का संदेश देता है जिससे हमें प्रेरणा मिलती है और साथ ही हम इसी प्रेरणा से प्रेरित होकर एक अच्छे कर्म को अंजाम दे सकते हैं। साथ ही तिवारी जी कहती है कि 25 दिसंबर के आते ही हमारे घर के बच्चे भी काफी उत्साहवर्धन के साथ इस पर्व को मनाने के लिए उत्सुक होते है,और घर से लेकर स्कूल बाजार हर जगह हप्ते भर पहले से ही मानो जैसे इस त्योहार को लेकर बच्चो युवाओं और बुजुर्गो में एक अलग ही उत्साह रहता है यह पर्व 25 सितम्बर से नववर्ष तक चलता रहता है। लोग अपने प्रियजनों में मिठाइयां बांटते हैं। एक-दुसरे के घर जाकर बधाई देते हैं।इस दिन रात को दीपकों और बत्तियों से सारा नगर प्रकाशित हो उठता है। क्रिसमस की रात को बच्चों के सिरहाने के निचे टाफियां, खिलौने और मेवे रख दिये जाते हैं। प्रातः काल होने पर बच्चों को बताया जाता है कि दयालु वृद्ध सान्ता क्लाज उपहार उन के लिए रख गया है।
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जौनपुर। जिले से चुनावी माहौल में चर्चे में चल रही लोकसभा प्रत्याशी सुचिता तिवारी ने कहा कि क्रिसमस 25 दिसंबर को प्रतिवर्ष बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाने वाला पर्व है यह पर्व विश्वभर में बड़े ही उत्साह वर्धन के साथ मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन लोकोद्धारक, परम, दयालु, गरीबों और रोगियों के सेवक ईसा का जन्म हुआ था। संसार में वे मसीह (मृतक को जीवन देने वाला) के रूप में विख्यात हुए इसलिए उन्हें ईसा मसीह कहा जाता है। जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कि जैसे हमारे यहांदशहरा और दीपावली का संबंध हमारे भागवान श्रीराम से तथा जन्माष्टमी का संबंध भागवान श्रीकृष्ण से है, उसी प्रकार क्रिसमस का संबंध ईसा मसीह से है,और यह त्योहार हमे सेवा भाव, त्याग और क्षमाशीलता का संदेश देता है जिससे हमें प्रेरणा मिलती है और साथ ही हम इसी प्रेरणा से प्रेरित होकर एक अच्छे कर्म को अंजाम दे सकते हैं। साथ ही तिवारी जी कहती है कि 25 दिसंबर के आते ही हमारे घर के बच्चे भी काफी उत्साहवर्धन के साथ इस पर्व को मनाने के लिए उत्सुक होते है,और घर से लेकर स्कूल बाजार हर जगह हप्ते भर पहले से ही मानो जैसे इस त्योहार को लेकर बच्चो युवाओं और बुजुर्गो में एक अलग ही उत्साह रहता है यह पर्व 25 सितम्बर से नववर्ष तक चलता रहता है। लोग अपने प्रियजनों में मिठाइयां बांटते हैं। एक-दुसरे के घर जाकर बधाई देते हैं।इस दिन रात को दीपकों और बत्तियों से सारा नगर प्रकाशित हो उठता है। क्रिसमस की रात को बच्चों के सिरहाने के निचे टाफियां, खिलौने और मेवे रख दिये जाते हैं। प्रातः काल होने पर बच्चों को बताया जाता है कि दयालु वृद्ध सान्ता क्लाज उपहार उन के लिए रख गया है।
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