Jaunpur Live News Network
जौनपुर लाइव न्यूज नेटवर्क
जौनपुर। अंधता निवारण कार्यक्रम के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। उक्त आरोप लगाते हुये समाजसेवी श्याम सुन्दर मिश्र ने बताया कि यह कार्यक्रम मुद्दत पूर्व चलाया गया परन्तु इसके अन्तर्गत मोतियाबिन्द के आपरेशन एवं आंखों की छोटी-मोटी बीमारियों का उपचार ही किया गया जबकि अंधता का प्रमख कारण ग्लूकोमा जैसी लाइलाज बीमारी है जो वर्तमान में तेजी से पैर पसार रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को लिखित पत्र प्रेषित करके शिकायत करने वाले श्री मिश्र ने बताया कि समय पर निदान एवं उपचार से इस पर रोक लगायी जा सकती है। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में कैसी व्यवस्था है, इसका ज्वलंत उदाहरण देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी मंे है जहां बमुश्किल आंखों पर पड़ने वाले दबाव की जांच हो पाती है। उपचार तो दूर की बात है। जिला अस्पताल का आलम यह है कि यहां मात्र टार्च की रोशनी और अंगुलियों के माध्यम से इसके निदान की कवायद की जा रही है। इतना ही नहीं, दबाव नापने का यंत्र तक भी नहीं है। समाजसेवी श्री मिश्र ने मुख्यमंत्री लिखित अनुरोध किया कि प्रदेश के हर जिला अस्पताल में ग्लूकोमा के स्पेश लिस्ट एवं उच्च तकनीकी से युक्त मशीनों की व्यवस्था करके अंधता निवारण योजना को सफल बनाया जाय। उचित तो यह होगा कि स्थान उपलब्ध होने पर इसके लिये अलग से कैम्पस उपलब्ध कराकर आंखों के उपचार की सम्पूर्ण व्यवस्था करायी जाय।
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जौनपुर। अंधता निवारण कार्यक्रम के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। उक्त आरोप लगाते हुये समाजसेवी श्याम सुन्दर मिश्र ने बताया कि यह कार्यक्रम मुद्दत पूर्व चलाया गया परन्तु इसके अन्तर्गत मोतियाबिन्द के आपरेशन एवं आंखों की छोटी-मोटी बीमारियों का उपचार ही किया गया जबकि अंधता का प्रमख कारण ग्लूकोमा जैसी लाइलाज बीमारी है जो वर्तमान में तेजी से पैर पसार रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को लिखित पत्र प्रेषित करके शिकायत करने वाले श्री मिश्र ने बताया कि समय पर निदान एवं उपचार से इस पर रोक लगायी जा सकती है। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में कैसी व्यवस्था है, इसका ज्वलंत उदाहरण देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी मंे है जहां बमुश्किल आंखों पर पड़ने वाले दबाव की जांच हो पाती है। उपचार तो दूर की बात है। जिला अस्पताल का आलम यह है कि यहां मात्र टार्च की रोशनी और अंगुलियों के माध्यम से इसके निदान की कवायद की जा रही है। इतना ही नहीं, दबाव नापने का यंत्र तक भी नहीं है। समाजसेवी श्री मिश्र ने मुख्यमंत्री लिखित अनुरोध किया कि प्रदेश के हर जिला अस्पताल में ग्लूकोमा के स्पेश लिस्ट एवं उच्च तकनीकी से युक्त मशीनों की व्यवस्था करके अंधता निवारण योजना को सफल बनाया जाय। उचित तो यह होगा कि स्थान उपलब्ध होने पर इसके लिये अलग से कैम्पस उपलब्ध कराकर आंखों के उपचार की सम्पूर्ण व्यवस्था करायी जाय।
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