जौनपुर। भारत के श्रेष्ठ डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म मातृभारती और क़ैस जौनपुरी की सामाजिक पहल "आओ कहें दिल की बात" का कहानी-कविता स्पेशल का आयोजन रविवार को हिन्दी भवन में मशहूर लेखक अजय सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में अजय सिंह जी ने कहा कि "बहुत दुःख की बात है कि आज साहित्य हाशिए पर जा चुका है।"
वहीं मुख्य अतिथि एस. एम. मासूम ने सबसे पहले आयोजक संस्था मातृभारती एंव "आओ कहें दिल की बात" को धन्यवाद कहा कि, "मातृभारती भारत के श्रेष्ठ डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म में से एक है, जो भारतीय भाषाओं में साहित्य लिखने और पढ़ने वालों के लिए कुम्भ मेले जैसा है। भारतीय लेखकों और पाठकों को एक मंच से जोड़ना मातृभारती मक़सद है। इसी के साथ-साथ "आओ कहें दिल की बात" एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जहाँ जनता को मौक़ा दिया जाता है कि वो मंच से अपने दिल की बात कह सकें। मुख्य अतिथि मासूम जी ने कहा, वे एक जौहरी हैं और जौनपुर के प्रतिभा सम्पन्न हीरे को तराश करके, उसे चमका के विश्व के सामने पेश करने के लिए काम किया करते हैं और उन्हें आशा है कि यह मंच उनके इस काम में सहायक होगा।
इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथी डॉ पी सी विश्वकर्मा जिन्हें प्रेम जौनपुरी आकर्षक का केंद्र रहे और अपने नए नए लेखको का उत्साह बढ़ाते रहे और मुख्य अतिथी इतिहासकार ब्लॉगर एस एम् मासूम की जौनपुर की तरक्की के काम की सराहना किया। और बताया कि कैसे उनकी कोशिशों के कारण आज पूरा विश्व उन्हें पहचानता हैह विशिष्ट अतिथि समाजसेवक आरिफ हबीब ने इस बात की ख़ुशी जताई की इस कार्यक्रम में उनको भी अवसर दिया जा रहा है जो अभी कविता कहानियाँ लिखे की शुरुआत कर रहे हैं। विशिष्ट अतिथी सीमा सिंह जो एड्स जागरूकता से जुड़ के काम करती हैं उन्होने इस शुरुआत को सराहा और आशा जताई की ऐसे कार्यक्रम आगे भी होते रहेगे और उन्होंने एस एम् मासूम से अनुरोध किया की कभी एड्स पर भी कोई कार्क्रम करें जिससे जौनपुर के लोग जागरूक हो सकें।
इस आयोजन का मुख्य केंद्र यहाँ आये हुए लोग थे जो आये तो श्रोता की तरह थे लेकिन उन्हें मंच मिला जहाँ से उन्होंने अपनी कवितायेँ-कहानियाँ इत्यादि पेश कीं जिसे इन संस्थाओं की वेबसाइट और चैनल से वे भी सुन सकेंगे जो यहाँ उपस्थित नहीं थे। जिन लोगों की रचना को मत्रभारती से बेहतरीन रचनाओं में सम्मिलित किया था उन्होंने मंच पर आ कर अपनी अपनी कविताओं को सुनाया जिनमे सीमा सिंह, पी. सी. विश्वकर्मा, राजीव पाण्डेय, कुसुम चन्द्रशेखर सिंह, विशाल चौबे 'अज्ञात', गिरीश कुमार श्रीवास्तव 'गिरीश', राजेश कुमार पाण्डेय, अमृत प्रकाश, आदित्य प्रकाश भारद्वाज, आलम ग़ाज़ीपुरी इत्यादि शामिल रहे।
इसी के साथ साथ इस कार्यक्रम में हर छोटे बड़े साहित्य से जुड़े लोगों को मंच से बोलने का अवसर दिया गया जिनमे डॉ अजय सिंह, डॉ पी सी विश्वकर्मा, डॉ अख्तर सईद, डॉ प्रमोद वाचस्पति ,ओम प्रकाश सिंह, शालिनी सिंह, विभा तिवारी, निकिता सिह, कारी ज़िया जौनपुरी, ओ पी खरे, आशुतोष पाल, अनुभव मिश्रा, अशोक मिश्रा, रंजीत मिश्र, डॉ धीरेन्द्र पटेल, अजय विक्रम सिह, जनार्दन अस्थाना, डॉ सईद अंसारी मसीहा जौनपुरी, हरिश्चंद्र श्रीवास्तव हरीश, नन्दलाल समीर, रमेश चद्र आशिक जौनपुरी, अकील जौनपुरी इत्यादि लोगों ने अपनी अपनी रचनाएं पेश की।
अंत में इस कार्यक्रम में आये हुए २०० से से अधिक गणमान्य साहित्यका से जुड़े लोगों के प्रति आभार आयोजक क़ैस जौनपुरी ने ज्ञापित किया और यह भरोसा दिलाया कि आगे भी जौनपुर में अपनी संस्था आओ कहें मन की बात के कार्यक्रम जौनपुर वालों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए करते रहेंगे।
इस अवसर पर जौनपुर के मशहूर साहित्यकार और साहित्य में रूचि रखने वाले गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
वहीं मुख्य अतिथि एस. एम. मासूम ने सबसे पहले आयोजक संस्था मातृभारती एंव "आओ कहें दिल की बात" को धन्यवाद कहा कि, "मातृभारती भारत के श्रेष्ठ डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म में से एक है, जो भारतीय भाषाओं में साहित्य लिखने और पढ़ने वालों के लिए कुम्भ मेले जैसा है। भारतीय लेखकों और पाठकों को एक मंच से जोड़ना मातृभारती मक़सद है। इसी के साथ-साथ "आओ कहें दिल की बात" एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जहाँ जनता को मौक़ा दिया जाता है कि वो मंच से अपने दिल की बात कह सकें। मुख्य अतिथि मासूम जी ने कहा, वे एक जौहरी हैं और जौनपुर के प्रतिभा सम्पन्न हीरे को तराश करके, उसे चमका के विश्व के सामने पेश करने के लिए काम किया करते हैं और उन्हें आशा है कि यह मंच उनके इस काम में सहायक होगा।
इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथी डॉ पी सी विश्वकर्मा जिन्हें प्रेम जौनपुरी आकर्षक का केंद्र रहे और अपने नए नए लेखको का उत्साह बढ़ाते रहे और मुख्य अतिथी इतिहासकार ब्लॉगर एस एम् मासूम की जौनपुर की तरक्की के काम की सराहना किया। और बताया कि कैसे उनकी कोशिशों के कारण आज पूरा विश्व उन्हें पहचानता हैह विशिष्ट अतिथि समाजसेवक आरिफ हबीब ने इस बात की ख़ुशी जताई की इस कार्यक्रम में उनको भी अवसर दिया जा रहा है जो अभी कविता कहानियाँ लिखे की शुरुआत कर रहे हैं। विशिष्ट अतिथी सीमा सिंह जो एड्स जागरूकता से जुड़ के काम करती हैं उन्होने इस शुरुआत को सराहा और आशा जताई की ऐसे कार्यक्रम आगे भी होते रहेगे और उन्होंने एस एम् मासूम से अनुरोध किया की कभी एड्स पर भी कोई कार्क्रम करें जिससे जौनपुर के लोग जागरूक हो सकें।
इस आयोजन का मुख्य केंद्र यहाँ आये हुए लोग थे जो आये तो श्रोता की तरह थे लेकिन उन्हें मंच मिला जहाँ से उन्होंने अपनी कवितायेँ-कहानियाँ इत्यादि पेश कीं जिसे इन संस्थाओं की वेबसाइट और चैनल से वे भी सुन सकेंगे जो यहाँ उपस्थित नहीं थे। जिन लोगों की रचना को मत्रभारती से बेहतरीन रचनाओं में सम्मिलित किया था उन्होंने मंच पर आ कर अपनी अपनी कविताओं को सुनाया जिनमे सीमा सिंह, पी. सी. विश्वकर्मा, राजीव पाण्डेय, कुसुम चन्द्रशेखर सिंह, विशाल चौबे 'अज्ञात', गिरीश कुमार श्रीवास्तव 'गिरीश', राजेश कुमार पाण्डेय, अमृत प्रकाश, आदित्य प्रकाश भारद्वाज, आलम ग़ाज़ीपुरी इत्यादि शामिल रहे।
इसी के साथ साथ इस कार्यक्रम में हर छोटे बड़े साहित्य से जुड़े लोगों को मंच से बोलने का अवसर दिया गया जिनमे डॉ अजय सिंह, डॉ पी सी विश्वकर्मा, डॉ अख्तर सईद, डॉ प्रमोद वाचस्पति ,ओम प्रकाश सिंह, शालिनी सिंह, विभा तिवारी, निकिता सिह, कारी ज़िया जौनपुरी, ओ पी खरे, आशुतोष पाल, अनुभव मिश्रा, अशोक मिश्रा, रंजीत मिश्र, डॉ धीरेन्द्र पटेल, अजय विक्रम सिह, जनार्दन अस्थाना, डॉ सईद अंसारी मसीहा जौनपुरी, हरिश्चंद्र श्रीवास्तव हरीश, नन्दलाल समीर, रमेश चद्र आशिक जौनपुरी, अकील जौनपुरी इत्यादि लोगों ने अपनी अपनी रचनाएं पेश की।
अंत में इस कार्यक्रम में आये हुए २०० से से अधिक गणमान्य साहित्यका से जुड़े लोगों के प्रति आभार आयोजक क़ैस जौनपुरी ने ज्ञापित किया और यह भरोसा दिलाया कि आगे भी जौनपुर में अपनी संस्था आओ कहें मन की बात के कार्यक्रम जौनपुर वालों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए करते रहेंगे।
इस अवसर पर जौनपुर के मशहूर साहित्यकार और साहित्य में रूचि रखने वाले गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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