राजकुमार राव ने बतायी अपनी कमजोरी



Jaunpur Live News Network
जौनपुर लाइव न्यूज नेटवर्क
लगभग एक साल गुजर गया हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के बादशाह और शहंशाह बॉक्स ऑफिस पर कमाल नहीं दिखा सके, लेकिन छोटे शहर की एक हॉरर कॉमिडी स्त्री ने हैरान कर दिया। उस फिल्म के लीड ऐक्टर राजकुमार राव के साथ आज इंडस्ट्री की लीड ऐक्ट्रेस काम कर रही हैं। राजकुमार राव से एक खास बातचीत:
शाहरुख के साथ काम करना है सपना
राजकुमार राव गुडग़ांव की एक मिडिल क्लास जॉइंट फैमिली में बड़े हुए हैं। फिल्मों से उनका ताल्लुक सिर्फ इतना था कि परिवार के लोग टीवी के सामने जमा हो जाते और कसेट मंगवाकर हिंदी की दो या तीन फिल्में देख डालते। बताने की जरूरत नहीं है कि शाहरुख खान की हिट फिल्मों ने ही उनमें ऐक्टिंग के बीज बोए। स्त्री फिल्म के एक सीन में जहां वह नशे में होने की ऐक्टिंग करते हैं वहां उन्होंने शाहरुख खान को ट्रिब्यूट दिया है। हालांकि शाहरुख के साथ काम करना उनका सपना है। राजकुमार राव ने दिल्ली में कई थिएटरों में काम किया पुणे के इंस्टीट्यूट से ग्रैजुएशन करने वाले राजकुमार राव को डेब्यू करने के लिए पहली फिल्म करीब डेढ़ साल के बाद मिली, उन्हें अगला महत्वपूर्ण रोल मिला रागिनी एमएमएस से जिसने उन्हें कुछ मजबूती दी। हालांकि शैतान, तलाश, गैंग्स ऑफ वासेपुर जैसी फिल्में उन्हें बाद में मिलीं।
राराजकुमार बताते हैं कि पिछले दो साल से उन्हें बार-बार बहुत छोटा सा शब्द सुनने को मिलता है, अद्भुत। साल 2018 की शुरुआत होते ही उन्हें दो अलग तरह के किरदार करने को मिले, हंसल मेहता की फिल्म ओमार्टा और अतुल मांजरेकर की फिल्म फन्ने खां, दोनों ही ऑडियंस को पसंद नहीं आईं, लेकिन इससे उन पर असर नहीं हुआ। वह कहते हैं, हम सब चाहते हैं कि हमारी फिल्में बढिय़ा चलें, लेकिन ओमार्टा से आप 100 करोड़ कमाने की उम्मीद नहीं कर सकते। मैं हंसल मेहता की फिल्म में डार्क, नेगेटिव किरदार करना चाहता था। राजकुमार राव इससे पहले अलीगढ़, सिटी लाइट्स और शाहिद में ऐसे रोल कर चुके हैं। इसके अलावा आने वाली फिल्मों तुर्रम खान में भी ऐसे ही दिखेंगे, इस फिल्म में वह नुशरत भरूचा के ऑपोजिट काम कर रहे हैं। अनिल कपूर के साथ फन्ने खां फिल्म करने पर वह कहते हैं कि अनिल सर फिल्म स्टूडेंट्स के लिए आज भी एनर्जी की फैक्ट्री हैं। वह फन्ने खां में अनिल कपूर की क्षमता देखकर दंग रह गए थे। कहते हैं कि वह अनिल कपूर हैं, वह काम करके ऐसे बनें हैं वह किसी काम को हल्के में नहीं लेते। वह आज भी जिज्ञासु बच्चे की तरह तैयार रहते हैं जो नई नई चीजें सीखना चाहता है और हर दिन प्रेरणा पाता है। अपने बारे में राजकुमार मानते हैं कि इमोशनल होना उनकी कमजोरी भी है।
स्क्रीन पर जितना टिक सको अच्छा
वह कहते हैं कि ऐक्टर को हमेशा लालची होना चाहिए और स्क्रीन पर जितनी देर तक हो सके टिके रहना चाहिए। हालांकि मेरे लिए छोटे रोल में भी कुछ न कुछ करना हमेशा संभव रहा है। उन्हें आज भी मुंबई में पहली फिल्म के लिए पहुंचना याद है। वह बताते हैं कि तब मुझे आजादी का और जिंदगी में कुछ करने का मौका मिलने का एहसास हुआ। उन्हें अनुराग कश्यप के साथ अपने अच्छे ताल्लुक बनने की बात याद है जो गैंग्स ऑफ वासेपुर में उनके डायरेक्टर थे। इसके लिए हंसल मेहता की फिल्म शाहिद को वह पूरा क्रेडिट देते हैं जिसकी वजह से अनुराग तक पहुंचे। राजकुमार राव बताते हैं, वह एक बायॉपिक थी जो बहुत शिद्दत के साथ बनाई गई थी हालांकि उसे वैसा सम्मान नहीं मिला जो मिलना चाहिए था। बरेली की बर्फी, स्त्री, न्यूटन जैसी फिल्मों के बाद मुझे सोशल मीडिया पर बहुत प्यार मिला। मुझे लगता है कि वे फिल्में अब रिलीज होतीं तो शायद ज्यादा अच्छा कर पातीं।
ऐक्शन फिल्म करूंगा तो भी कहानी देखूंगा
राजकुमार राव को अगला मौका सोनम कपूर के साथ काम करने का मिला है, बहन होगी तेरी, बरेली की बर्फी, शादी में जरूर आना जैसी फिल्मों के बाद यह भी छोटे शहर की कहानी होगी। राव कहते हैं कि यह फिल्म उन्होंने सिर्फ कहानी की खातिर चुनी है, मेंटल है क्या इसलिए चुनी क्योंकि कंगना के साथ काम करना उन्हें हमेशा पसंद आया है। साथ ही वह बताते हैं कि वह सिर्फ उन्हीं फिल्मों को सुनते हैं जिसकी कहानी उन्हें पसंद आती है। राव कहते हैं कि अगर मैं कोई ऐक्शन फिल्म भी करूं तो उसकी कहानी मेरे लिए जरूरी होगी, लेकिन ऐसा न हो कि हर दूसरे सीन में यह दिखाया जाए कि एक लड़का अकेला 20 लोगों को मार रहा हो। हालांकि बहुत कम लोगों को पता है कि राजकुमार मार्शल आर्ट ट्रेंड है और उन्होंने अभी तक किसी ऐक्शन फिल्म में काम नहीं किया है। वह कहते हैं, किसी भी किरदार को मैं अपनी तरफ से सब कुछ देने को तैयार रहता हूं मेड इन चाइना में गुजराती बना हूं, हालांकि ये मैं पहले काय पो चे में भी कर चुका था। वह करते हैं कि फिल्मों में बड़े रोल आप सिर्फ नेटवर्किंग से नहीं पा सकते। मैंने इस पर कभी भरोसा नहीं किया अगर मुझे खुद जाकर किसी से बात करनी हो तो मैं जरूर जाता हूं, मैं उनसे हर चीज के बारे में बात करता हूं और यह बिल्कुल नहीं पूछता कि वे अगली फिल्म कौन सी बना रहे हैं।
राजकुमार राव कहते हैं, इंडस्ट्री अब कंटेंट से चल रही है और लोग राइटिंग की कद्र करने लगे हैं। राजकुमार इस साल एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा, मेंटल है क्या, मेड इन चाइना और तुर्रम खान जैसी फिल्मों का हिस्सा बने। राजकुमार राव ने अपने लिए खुद जगह बनाई है। उन्होंने ट्रैप्ड, न्यूटन जैसी अलग तरह की फिल्मों से लेकर कमर्शल फिल्में जैसे बरेली की बर्फी और स्त्री आदि में खुद को साबित किया है।
किरदार बात करने लगते हैं

वह इस बात का क्रेडिट कंटेंट बेस्ड सिनेमा को देते हैं। राव कहते हैं कि परफॉर्मेंस ओरिएंटिड ऐक्टर्स अब डिमांड में हैं जिनमें से मैं भी हूं। आज वह उन नामों को सोचते हैं जिन फिल्ममेकर्स ने उनके साथ काम करने से मना कर दिया था जब वह नए प्रॉजेक्ट के लिए बात किया करते थे। राव कहते हैं, मेरे मन में किसी के खिलाफ कुछ नहीं है और मैं बिजऩस मॉडल को समझ सकता हूं। आपको देखना पड़ता है कि किसको फिल्म में ले रहे हैं और बदले में आपको क्या मिलेगा। इसके साथ ही राजकुमार राव मानते हैं कि उनके साथ जो कीमत जुड़ी थी वह बढ़ी है लेकिन इससे कुछ बदला नहीं है। वह कहते हैं, अगर कोई मुझे ज्यादा पैसे देगा तो मेरा तरीका तो नहीं बदलेगा। मैं किसी किरदार को वैसे ही निभाऊंगा जैसे लव, सेक्स और धोखा में निभाया। इसके साथ ही वह दिबाकर बैनर्जी के साथ अपनी डेब्यू फिल्म को याद करते हैं। लव, सेक्स और धोखा एक्सपेरिमेंटल फिल्म थी। वह बताते हैं, जब आप किसी किरदार को समझ जाते हैं तो वह आपसे बात करने लगते हैं। वह कहते हैं कि स्त्री में भी मैं जानता था कि यह लड़का अपने आप को बहुत कूल समझता है, फिर मैंने परिस्थितियों के मुताबिक उसे खुद को खोजने दिया।



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