Jaunpur Live News Network
जौनपुर लाइव न्यूज नेटवर्क
चंदवक, जौनपुर। स्थानीय बाजार के सोनी बिहारी धर्मशाला में चल रहे सात दिवसीय भागवत कथा में कथा वाचक पं. रामाश्रय शुक्ल ने बताया कि राजा परीक्षित बड़े धर्म निष्ठ राजा थे। वे रोज किसी राजा से मिलने नहीं जाते थे। उनका रोज का नियम था कि वे उपेक्षित और गरीबों का दुख दर्द सुनने के लिए अपने राज्य ने भ्रमण करते थे।
श्रीमद्भागवत कथा पुराण में प्रमाण मिलता है वो गरीब वैश्य भी थे शूद्र भी थे और ब्रााहृण भी थे एक राजा का चित्त अपने कुर्सी से ज्यादा पीडि़तों के पीड़ा पर, गरीबों के गरीबी पर, दुखियों के दुख पर अगर हमेशा लगा रहे तो भागवत की गर्जना है कि वो चक्रवर्ती राजा होगा। कुर्सी का मोहताज वो नहीं कुर्सी उसकी मोहताज होगी। यही भागवत की राजनीति है शास्त्र कहता है। इस अवसर पर संकठा यादव, धीरज सेठ, डॉ. अनिकेत, अरविंद सेठ, छेदी नाविक, प्रदीप मौर्य, उर्मिला यादव, सुशीला देवी सहित अन्य लोग रहे।
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चंदवक, जौनपुर। स्थानीय बाजार के सोनी बिहारी धर्मशाला में चल रहे सात दिवसीय भागवत कथा में कथा वाचक पं. रामाश्रय शुक्ल ने बताया कि राजा परीक्षित बड़े धर्म निष्ठ राजा थे। वे रोज किसी राजा से मिलने नहीं जाते थे। उनका रोज का नियम था कि वे उपेक्षित और गरीबों का दुख दर्द सुनने के लिए अपने राज्य ने भ्रमण करते थे।
श्रीमद्भागवत कथा पुराण में प्रमाण मिलता है वो गरीब वैश्य भी थे शूद्र भी थे और ब्रााहृण भी थे एक राजा का चित्त अपने कुर्सी से ज्यादा पीडि़तों के पीड़ा पर, गरीबों के गरीबी पर, दुखियों के दुख पर अगर हमेशा लगा रहे तो भागवत की गर्जना है कि वो चक्रवर्ती राजा होगा। कुर्सी का मोहताज वो नहीं कुर्सी उसकी मोहताज होगी। यही भागवत की राजनीति है शास्त्र कहता है। इस अवसर पर संकठा यादव, धीरज सेठ, डॉ. अनिकेत, अरविंद सेठ, छेदी नाविक, प्रदीप मौर्य, उर्मिला यादव, सुशीला देवी सहित अन्य लोग रहे।
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