Jaunpur Live News Network
जौनपुर लाइव न्यूज नेटवर्क
डॉ. कमर अब्बास ने अनवार अब्बास को किया सम्मानित
जौनपुर। बज्मे सालिकाने राहे आनीस संस्था द्वारा एक तरही नातिया मुशायरे का आयोजन होटल अम्बर के सभागार में मौलाना अनवार कासमी की अध्यक्षता में किया गया। शायरों ने मिसर-ए-तरह पर 'मोहम्मद पर कसीदा लौह से कुरआन में आया" अपना कलाम पेश किया।
रुसतम साबरी इलाहाबादी ने फरमाया कि मोहम्मद की अताअत इश्के हैदर शाह का मातम, यही सब वो अमल है जिनसे मैं पहचान में आया। अनवार अब्बास इलाहाबादी ने पढ़ा कि जब उसके परतवे आरिज का सदका पा
गया सूरज, सवेरा मवारिकी हस्ती के रौशनदान में आया। अकरम जौनपुरी ने पढ़ा कि मोहब्बत क्या है आका की बस इतना जान ले दुनिया, मोहब्बत में कमी आयी खलल ईमान में आया। प्रेम जौनपुरी ने पढ़ा कि मोकद्दर औज पर पहुंचा हुई मेराज किस्मत की, मोहम्मद जैसा आका जब मेरे ईमान में अया। अनवार कासमी ने पढ़ा कि तेरी हर बात दरियाए फसाहत में इबारत है, तेरा हर लफ्ज मदहो नात के उनवान में आया। आकिल जौनपुरी ने पढ़ा कि नबी का रास्ता क्या है ये जब पहचान में आया, सलीका जिंदगी का तब कहीं इंसान में आया। अदीब जौनपुरी ने पढ़ा कि मोकद्दर है हमारा गुम्बदे खिज्रा का बाशिन्दा, मेरा बख्शिश की खातिर हश्र के मैदान में आया। हसन फतेहपुरी ने पढ़ा कि मिले है सब्ज गेती के मनाजिर चश्मे आहू को, नवेदे जिंदगी बनकर वो रेगिस्तान में आया। हेजाब इमामपुरी ने पढ़ा कि पये ताजीम पल्ला उठ गया है हुस्ने यूसुफ का, तुम्हारा जिक्र जब भी हुस्न के मैदान में आया। अनवर जौनपुरी ने पढ़ा कि सदाए लाइलाह कारां से जब खैरुलवरा ने दी, समी हैरां हुए जिनके ये कलमा कान में आया। इसके अलावा इस तरही मुशायरे में अब्बास एहसास, मंजूरी जैदी, शहजेब रिजवी, नादिम जौनपुरी, हसीन यादवी, वहदत जौनपुरी, अंसार जौनपुरी, शहाब जौनपुरी, तनवीर जौनपुरी ने कलाम पेश किये। मुशायरे का आगाज तेलावते कलामे पाक से मौलाना सै. दिलशाद हुसैन आब्दी ने किया। इनके अलावा अतिथियों में मौजूद मौलाना मो. जाफर खां जहूर, शौकत हुसैन, असगर मेंहदी उपस्थित रहे। अंत में होटल अम्बर के प्रो. नवाज हसन खां ने आये हुए अतिथियों व शायरों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन नातिक गाजीपुरी ने किया।
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डॉ. कमर अब्बास ने अनवार अब्बास को किया सम्मानित
जौनपुर। बज्मे सालिकाने राहे आनीस संस्था द्वारा एक तरही नातिया मुशायरे का आयोजन होटल अम्बर के सभागार में मौलाना अनवार कासमी की अध्यक्षता में किया गया। शायरों ने मिसर-ए-तरह पर 'मोहम्मद पर कसीदा लौह से कुरआन में आया" अपना कलाम पेश किया।
रुसतम साबरी इलाहाबादी ने फरमाया कि मोहम्मद की अताअत इश्के हैदर शाह का मातम, यही सब वो अमल है जिनसे मैं पहचान में आया। अनवार अब्बास इलाहाबादी ने पढ़ा कि जब उसके परतवे आरिज का सदका पा
गया सूरज, सवेरा मवारिकी हस्ती के रौशनदान में आया। अकरम जौनपुरी ने पढ़ा कि मोहब्बत क्या है आका की बस इतना जान ले दुनिया, मोहब्बत में कमी आयी खलल ईमान में आया। प्रेम जौनपुरी ने पढ़ा कि मोकद्दर औज पर पहुंचा हुई मेराज किस्मत की, मोहम्मद जैसा आका जब मेरे ईमान में अया। अनवार कासमी ने पढ़ा कि तेरी हर बात दरियाए फसाहत में इबारत है, तेरा हर लफ्ज मदहो नात के उनवान में आया। आकिल जौनपुरी ने पढ़ा कि नबी का रास्ता क्या है ये जब पहचान में आया, सलीका जिंदगी का तब कहीं इंसान में आया। अदीब जौनपुरी ने पढ़ा कि मोकद्दर है हमारा गुम्बदे खिज्रा का बाशिन्दा, मेरा बख्शिश की खातिर हश्र के मैदान में आया। हसन फतेहपुरी ने पढ़ा कि मिले है सब्ज गेती के मनाजिर चश्मे आहू को, नवेदे जिंदगी बनकर वो रेगिस्तान में आया। हेजाब इमामपुरी ने पढ़ा कि पये ताजीम पल्ला उठ गया है हुस्ने यूसुफ का, तुम्हारा जिक्र जब भी हुस्न के मैदान में आया। अनवर जौनपुरी ने पढ़ा कि सदाए लाइलाह कारां से जब खैरुलवरा ने दी, समी हैरां हुए जिनके ये कलमा कान में आया। इसके अलावा इस तरही मुशायरे में अब्बास एहसास, मंजूरी जैदी, शहजेब रिजवी, नादिम जौनपुरी, हसीन यादवी, वहदत जौनपुरी, अंसार जौनपुरी, शहाब जौनपुरी, तनवीर जौनपुरी ने कलाम पेश किये। मुशायरे का आगाज तेलावते कलामे पाक से मौलाना सै. दिलशाद हुसैन आब्दी ने किया। इनके अलावा अतिथियों में मौजूद मौलाना मो. जाफर खां जहूर, शौकत हुसैन, असगर मेंहदी उपस्थित रहे। अंत में होटल अम्बर के प्रो. नवाज हसन खां ने आये हुए अतिथियों व शायरों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन नातिक गाजीपुरी ने किया।
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