Jaunpur Live News Network
जौनपुर लाइव न्यूज नेटवर्क
ग्रामीण के सामूहिक सहयोग एवं अथक प्रयास से दुरुस्त हुई नहर
मीरगंज, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के दर्जनों गांवों की कृषि भूमि को सिंचित करने वाली शारदा सहायक खंड 39 से निकली देवापुर, महुआरी माइनर नहर के ओवरफ्लो होने के चलते करीब 30 बीघा खेत में खड़ी फसल जलमग्न हो गई। ग्रामीण काश्तकारों ने कड़ी मशक्कत के बाद शाम तक नहर की पटरी बाधने में सफल हुए तब तक लोगों की गेहूं की फसल डूब गयी। जिससे किसानों में मायूसी छा गयी हैं।
शारदा सहायक खण्ड 39 की नरायनपुर रजवाहा में पानी काफी तेज गति से बहाव पर चल रहा है। जिससे भटहर व याकुबपुर की सीमा पर नहर की दक्षिणी पटरी पर कुलावा संख्या 143 के पास गुरुवार की रात नहर की पटरी टूट गयी। गनीमत रही की नहर के बंधा के टूटने का आकार छोटा था लेकिन सुबह होते होते अगहुआ गांव के दर्जनों कास्तकारों की लगभग 30 बीघे फसल डूब गयी। ग्रामीण काश्तकारों ने बताया कि नहर में सिल्ट सफाई नहीं किये जाने और झाड़ झंखाड़ उग आने से टेल तक पानी नहीं पहुंच पाता। बीती रात नहर में पानी छोड़ देने के चलते नहर में उगी झाड़ के चलते नहर में पानी का प्रवाह अवरुद्ध हो गया जिससे पटरी टूट गयी। जिससे नहर का पानी खेतों में उमड़ पड़ा जिससे खेतों में खड़ी फसल जलमग्न हो गयी। इसमें किसान रमेश बिन्द, बृजेश बिन्द, हीरालाल यादव, रामआसरे, रामअक्षयबर, कांताप्रसाद आदि किसानों की गेहूं, अरहर सहित अन्य फसल पानी में डूब गई। नहर ओवरफ्लो की खबर सुन भारी संख्या में ग्रामीण मौके पर जुटे तथा सामूहिक सहयोग करते हुए अथक प्रयास कर अपने संसाधनों के जरिए नहर को दुरुस्त किया। ग्रामीणों का कहना हैं कि नहर की सफाई नहीं किये जाने से हर वर्ष नहर टूटने की घटनाएं होती रहती हैं, फिर भी विभागीय अधिकारी उदासीन बने हुए हैं।
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ग्रामीण के सामूहिक सहयोग एवं अथक प्रयास से दुरुस्त हुई नहर
मीरगंज, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के दर्जनों गांवों की कृषि भूमि को सिंचित करने वाली शारदा सहायक खंड 39 से निकली देवापुर, महुआरी माइनर नहर के ओवरफ्लो होने के चलते करीब 30 बीघा खेत में खड़ी फसल जलमग्न हो गई। ग्रामीण काश्तकारों ने कड़ी मशक्कत के बाद शाम तक नहर की पटरी बाधने में सफल हुए तब तक लोगों की गेहूं की फसल डूब गयी। जिससे किसानों में मायूसी छा गयी हैं।
शारदा सहायक खण्ड 39 की नरायनपुर रजवाहा में पानी काफी तेज गति से बहाव पर चल रहा है। जिससे भटहर व याकुबपुर की सीमा पर नहर की दक्षिणी पटरी पर कुलावा संख्या 143 के पास गुरुवार की रात नहर की पटरी टूट गयी। गनीमत रही की नहर के बंधा के टूटने का आकार छोटा था लेकिन सुबह होते होते अगहुआ गांव के दर्जनों कास्तकारों की लगभग 30 बीघे फसल डूब गयी। ग्रामीण काश्तकारों ने बताया कि नहर में सिल्ट सफाई नहीं किये जाने और झाड़ झंखाड़ उग आने से टेल तक पानी नहीं पहुंच पाता। बीती रात नहर में पानी छोड़ देने के चलते नहर में उगी झाड़ के चलते नहर में पानी का प्रवाह अवरुद्ध हो गया जिससे पटरी टूट गयी। जिससे नहर का पानी खेतों में उमड़ पड़ा जिससे खेतों में खड़ी फसल जलमग्न हो गयी। इसमें किसान रमेश बिन्द, बृजेश बिन्द, हीरालाल यादव, रामआसरे, रामअक्षयबर, कांताप्रसाद आदि किसानों की गेहूं, अरहर सहित अन्य फसल पानी में डूब गई। नहर ओवरफ्लो की खबर सुन भारी संख्या में ग्रामीण मौके पर जुटे तथा सामूहिक सहयोग करते हुए अथक प्रयास कर अपने संसाधनों के जरिए नहर को दुरुस्त किया। ग्रामीणों का कहना हैं कि नहर की सफाई नहीं किये जाने से हर वर्ष नहर टूटने की घटनाएं होती रहती हैं, फिर भी विभागीय अधिकारी उदासीन बने हुए हैं।
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