Jaunpur Live News Network
जौनपुर लाइव न्यूज नेटवर्क
एसडीएम द्वारा अधिवक्ता के साथ दुव्र्यवहार के मामले में जारी है हड़ताल
मछलीशहर, जौनपुर। एसडीएम जेएन सचान द्वारा अधिवक्ता के किये गये दुव्र्यवहार के मामले को लेकर अधिवक्ताओं की अनिश्चितकालीन हड़ताल एक माह से जारी है। अधिवक्ताओं का आरोप है कि एसडीएम द्वारा कोई पहल न होने के कारण हड़ताल अभी समाप्त होने का कोई औचित्य नजर नहीं आ रहा है।
बताते हैं कि तहसील के अधिवक्ता हरिशचंद्र का आरोप था कि उपजिलाधिकारी द्वारा उनके साथ अपशब्द का प्रयोग किया गया। जिसके कारण आक्रोशित अधिवक्ता छह दिसम्बर को निन्दा का प्रस्ताव पारित करते हुये सभी न्यायालयों का अनिश्चितकालीन बहिष्कार कर दिये। अधिवक्ताओं की मांग थी कि जब तक एसडीएम साधारण सभा के समक्ष उपस्थित होकर खेद नहीं व्यक्त करते तब तक हड़ताल अनवरत जारी रहेगी। अपर आयुक्त अनिल कुमार उपाध्याय ने अपने शीत कालीन भ्रमण के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ताओं की मांग पर पहल कर हड़ताल समाप्त कराने का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली क्योंकि अधिवक्ताओं मे ही सहमति नहीं बन पाई। यह प्रकरण जब डीएम के संज्ञान में आया तो उन्होंने अपने तहसील निरीक्षण के दौरान उपजिलाधिकारी व अधिवक्ताओं के प्रतिनिधिमंडल से मिलकर जनता के हितों को ध्यान में रखते हुये हड़ताल समाप्त करने का अनुरोध किया था लेकिन तहसील अधिवक्ता इस बात पर अड़े हैं कि जब तक एसडीएम पहल नहीं करते तब तक हड़ताल समाप्त करना सम्भव नहीं होगा। नव निर्वाचित अध्यक्ष सुरेश बहादुर सिंह ने बताया कि यदि एसडीएम अधिवक्ताओं के सम्मान को ध्यान में रखते हुये पहल करेंगे तो हड़ताल समाप्त करने के लिये विचार अवश्य किया जायेगा। इसके पूर्व भी तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर दो माह हड़ताल थी। हड़ताल वापस होने के एक सप्ताह बाद उक्त प्रकरण को लेकर फिर हड़ताल शुरु हो गई।
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एसडीएम द्वारा अधिवक्ता के साथ दुव्र्यवहार के मामले में जारी है हड़ताल
मछलीशहर, जौनपुर। एसडीएम जेएन सचान द्वारा अधिवक्ता के किये गये दुव्र्यवहार के मामले को लेकर अधिवक्ताओं की अनिश्चितकालीन हड़ताल एक माह से जारी है। अधिवक्ताओं का आरोप है कि एसडीएम द्वारा कोई पहल न होने के कारण हड़ताल अभी समाप्त होने का कोई औचित्य नजर नहीं आ रहा है।
बताते हैं कि तहसील के अधिवक्ता हरिशचंद्र का आरोप था कि उपजिलाधिकारी द्वारा उनके साथ अपशब्द का प्रयोग किया गया। जिसके कारण आक्रोशित अधिवक्ता छह दिसम्बर को निन्दा का प्रस्ताव पारित करते हुये सभी न्यायालयों का अनिश्चितकालीन बहिष्कार कर दिये। अधिवक्ताओं की मांग थी कि जब तक एसडीएम साधारण सभा के समक्ष उपस्थित होकर खेद नहीं व्यक्त करते तब तक हड़ताल अनवरत जारी रहेगी। अपर आयुक्त अनिल कुमार उपाध्याय ने अपने शीत कालीन भ्रमण के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ताओं की मांग पर पहल कर हड़ताल समाप्त कराने का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली क्योंकि अधिवक्ताओं मे ही सहमति नहीं बन पाई। यह प्रकरण जब डीएम के संज्ञान में आया तो उन्होंने अपने तहसील निरीक्षण के दौरान उपजिलाधिकारी व अधिवक्ताओं के प्रतिनिधिमंडल से मिलकर जनता के हितों को ध्यान में रखते हुये हड़ताल समाप्त करने का अनुरोध किया था लेकिन तहसील अधिवक्ता इस बात पर अड़े हैं कि जब तक एसडीएम पहल नहीं करते तब तक हड़ताल समाप्त करना सम्भव नहीं होगा। नव निर्वाचित अध्यक्ष सुरेश बहादुर सिंह ने बताया कि यदि एसडीएम अधिवक्ताओं के सम्मान को ध्यान में रखते हुये पहल करेंगे तो हड़ताल समाप्त करने के लिये विचार अवश्य किया जायेगा। इसके पूर्व भी तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर दो माह हड़ताल थी। हड़ताल वापस होने के एक सप्ताह बाद उक्त प्रकरण को लेकर फिर हड़ताल शुरु हो गई।
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