जौनपुर। कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच के जिला संयोजक राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश नेतृत्व द्वारा सूचना मिली कि सात फरवरी को रात नौ बजे विशेष सचिव कार्मिक उ.प्र. शासन का संलग्न पत्र प्रदेश इकाई को प्राप्त हुआ है जो कि उच्च न्यायालय में आयोजित रिट याचिका संख्या 3928/2019 के संबंध में है जिसमें उच्च न्यायालय के निर्देश उल्लिखित है। मंच द्वारा उच्च न्यायालय के आदेश के समादर में हड़ताल स्थगित की जाती है।
जिला संयोजक एवं राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष राकेश श्रीवास्तव ने सम्मानित शिक्षक, कर्मचारी एवं अधिकारी बंधुओं का आभार प्रकट करते हुए कहा कि पिछले दो दिन से पुरानी पेंशन बहाली के लिए धरने में ज़िला मुख्यालय एवं ब्लॉक मुख्यालयों पर प्रतिभाग करने वाले सम्मानित शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं कर्मचारी-अधिकारी वर्ग का मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। इसके साथ में आंदोलन में शामिल हुए विभिन्न संगठनों एवं विभाग के पदाधिकारियों का भी मैं आभारी हूँ। साथ ही साथ मीडिया बंधुओं जिनके द्वारा हमारी आवाज़ को शासन तक पहुँचाने में जो सहयोग मिला हैं उसके लिए मैं उनका भी हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।
उन्होंने कहा कि शिक्षक, कर्मचारी, अधिकारी वर्ग- पुरानी पेंशन बहाली मंच के बैनर तले सम्पूर्ण प्रदेश में एकजुट होकर चल रहे महाधरने और महाबंद के लिए सभी संघों द्वारा अपना 100% देते हुए सरकार को दवाब में लाया जाने के प्रयास के बीच सरकार जब धारा 144 और एस्मा जैसे कानून लगाकर जब हड़ताल रोकने में सफल नहीं हो पाई तो अपने एजेंट राजीव मिश्र द्वारा उच्च न्यायालय में बच्चों के भविष्य संबंधी याचिका दाखिल की और उच्च न्यायालय ने एकतरफा आदेश करते हए हड़ताल को असंवैधानिक घोषित कर सरकार को निर्देशित किया कि हड़ताल में शामिल लोगों की वीडियोग्राफी करवा कर कार्रवाई करें। चूंकि यह सारा षणयंत्र सरकार का ही है। अतः न्यायालय के आदेश को ध्यान में रखते हुए और और अपने साथियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, संघठन किसी भी प्रकार से अपने कर्मचारी एवं शिक्षकों को को किसी भी न्यायालय पेच में पड़ने के लिए बाध्य नहीं करता। पेंशन बहाली मंच ने अपने सभी शिक्षकों, कर्मचारियों और अधिकारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए और न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हुए हड़ताल को स्थगित करने का फैसला किया है।
उन्होंने सभी का आह्वान करते हुए कहा कि साथियों मंच विधिक राय ले रहा है, हम एक विश्वास और दृढ़ संकल्प लेते हैं कि शीघ्र ही इस आदेश के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट तक पैरवी करते हुए और वहां से आदेश लाकर जब भी उचित समय होगा जल्द ही 100 गुनी ऊर्जा के साथ हम सभी पुनः पेंशन बहाली प्राप्त करने के लिए लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण ढंग से अपनी आवाज को उठाने तथा पुरानी पेंशन बहाली के लिए संकल्पित होने के लिए प्रतिबद्ध होंगे एवं शिक्षक, कर्मचारियों के लिए सदा समर्पण भाव से आगे भी लड़ेंगे। उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए सभी सम्मानित शिक्षक-शिक्षिकाओं, कर्मचारी एवं अधिकारी बंधुओं 8/2/19 से धरना/हड़ताल न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में अग्रिम आदेश तक स्थगित किया जाता है। साथ ही आपसे विनम्र निवेदन है कि आप सभी अपने-अपने कार्यालयों, विद्यालयों में जाकर अपना कार्य करें।
जिला संयोजक एवं राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष राकेश श्रीवास्तव ने सम्मानित शिक्षक, कर्मचारी एवं अधिकारी बंधुओं का आभार प्रकट करते हुए कहा कि पिछले दो दिन से पुरानी पेंशन बहाली के लिए धरने में ज़िला मुख्यालय एवं ब्लॉक मुख्यालयों पर प्रतिभाग करने वाले सम्मानित शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं कर्मचारी-अधिकारी वर्ग का मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। इसके साथ में आंदोलन में शामिल हुए विभिन्न संगठनों एवं विभाग के पदाधिकारियों का भी मैं आभारी हूँ। साथ ही साथ मीडिया बंधुओं जिनके द्वारा हमारी आवाज़ को शासन तक पहुँचाने में जो सहयोग मिला हैं उसके लिए मैं उनका भी हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।
उन्होंने कहा कि शिक्षक, कर्मचारी, अधिकारी वर्ग- पुरानी पेंशन बहाली मंच के बैनर तले सम्पूर्ण प्रदेश में एकजुट होकर चल रहे महाधरने और महाबंद के लिए सभी संघों द्वारा अपना 100% देते हुए सरकार को दवाब में लाया जाने के प्रयास के बीच सरकार जब धारा 144 और एस्मा जैसे कानून लगाकर जब हड़ताल रोकने में सफल नहीं हो पाई तो अपने एजेंट राजीव मिश्र द्वारा उच्च न्यायालय में बच्चों के भविष्य संबंधी याचिका दाखिल की और उच्च न्यायालय ने एकतरफा आदेश करते हए हड़ताल को असंवैधानिक घोषित कर सरकार को निर्देशित किया कि हड़ताल में शामिल लोगों की वीडियोग्राफी करवा कर कार्रवाई करें। चूंकि यह सारा षणयंत्र सरकार का ही है। अतः न्यायालय के आदेश को ध्यान में रखते हुए और और अपने साथियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, संघठन किसी भी प्रकार से अपने कर्मचारी एवं शिक्षकों को को किसी भी न्यायालय पेच में पड़ने के लिए बाध्य नहीं करता। पेंशन बहाली मंच ने अपने सभी शिक्षकों, कर्मचारियों और अधिकारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए और न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हुए हड़ताल को स्थगित करने का फैसला किया है।
उन्होंने सभी का आह्वान करते हुए कहा कि साथियों मंच विधिक राय ले रहा है, हम एक विश्वास और दृढ़ संकल्प लेते हैं कि शीघ्र ही इस आदेश के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट तक पैरवी करते हुए और वहां से आदेश लाकर जब भी उचित समय होगा जल्द ही 100 गुनी ऊर्जा के साथ हम सभी पुनः पेंशन बहाली प्राप्त करने के लिए लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण ढंग से अपनी आवाज को उठाने तथा पुरानी पेंशन बहाली के लिए संकल्पित होने के लिए प्रतिबद्ध होंगे एवं शिक्षक, कर्मचारियों के लिए सदा समर्पण भाव से आगे भी लड़ेंगे। उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए सभी सम्मानित शिक्षक-शिक्षिकाओं, कर्मचारी एवं अधिकारी बंधुओं 8/2/19 से धरना/हड़ताल न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में अग्रिम आदेश तक स्थगित किया जाता है। साथ ही आपसे विनम्र निवेदन है कि आप सभी अपने-अपने कार्यालयों, विद्यालयों में जाकर अपना कार्य करें।
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