नया सबेरा नेटवर्क
गाजीपुर। उत्तर प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा और शिक्षकों की जो दुर्गति हुई है उसके लिए न केवल समय-समय पर शासन करने वाली सरकारें ही दोषी हैं बल्कि उससे भी कहीं अधिक दोषी शिक्षक संगठनों के वे तथाकथित माननीय भी हैं जो खुद को संघर्षों का नायक बताते हुए दशकों से सदन में प्रतिनिधित्व तो शिक्षकों का कर रहे हैं लेकिन आवश्यकता पड़ने पर राह सरकारों की आसान करते रहे हैं।
यह बातें माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं वाराणसी खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से प्रत्याशी रमेश सिंह ने गाजीपुर जनपद की सैदपुर तहसील के विभिन्न विद्यालयों राजकीय हाईस्कूल मौधा, किरतू राय इण्टर कालेज अठगांवा, केदार नरायन कृषक इंटर कालेज ऊंचौरी, बैजल बघेल इण्टर कालेज मिर्जापुर, बाबा गोपीनाथ इंटर कालेज डंड़वल, बाबा गजाधर दास इण्टर कालेज कौड़ा, सुभाष विद्या इंटर कालेज बहरियाबाद, जनता इण्टर कालेज भालापलिवार, शहीद आजाद इण्टर कालेज बघाईसलेमपुर, बापू इण्टर कालेज सादात व समता इण्टर कालेज सादात का दौरा करते हुए कहा।
श्री सिंह ने कहा कि जब संघर्ष कमजोर पड़ता है और संगठन का नेतृत्व अवसरवादी हो जाता है तो सरकारें भी न केवल निरंकुश हो जाती हैं बल्कि उनका चाबुक भी अधिकारियों/शिक्षकों/कर्मचारियों पर चलने लगता है। परिणामत: हम सबकी उन उपलब्धियों को सरकार बड़े ही आसानी से छीन लेती है, जिसे हमने लम्बे संघर्षों और कुर्बानियां देने के बाद प्राप्त किया था। इन यथास्थितिवाद के पोषकों को जब तक हम सदन से बाहर का रास्ता नहीं दिखा देते, तब तक सदन के भीतर सरकार की निरंकुशता पर कत्तई अंकुश नहीं लगाया जा सकेगा इसलिए आगामी विधान परिषद चुनाव में ऐसे सशक्त उम्मीदवार को चुनकर भेजने का काम करें जो आपकी आवाज बनकर सरकार को सदन में चुनौती दे सके। तभी हमारा और आपका, शिक्षा और शिक्षार्थी का हित सुरक्षित रह पाएगा। जनपद भ्रमण अभियान में जिला उपाध्यक्ष गण समर बहादुर सिंह एवं दयाशंकर यादव साथ रहे।
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