नया सबेरा नेटवर्क
मुंबई: बड़ी-बड़ी ऊंची इमारतों का निर्माण करना बेहद कठिन काम है। इस क्षेत्र में अनेक प्रकार की चुनौतियां और समस्याएं हैं। यही कारण है कि इस क्षेत्र में पुरुष वर्ग का ही प्रभुत्व है। पुरुष वर्ग के प्रभुत्व को चुनौती देते हुए दो मराठी बहनों , क्षितीजा माने तथा आकांक्षा माने ने एकसाथ इस क्षेत्र में पदार्पण किया है। 25 वर्षीया क्षितिजा एवं 19 वर्षीया आकांक्षा के पिता सुनीलदत्त माने मुंबई महानगरपालिका शिक्षण विभाग में अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं जबकि मां अरुणा माध्यमिक स्कूल में शिक्षिका के रूप में काम कर रही हैं। दोनों बहने सिविल इंजीनियर हैं। क्षितीजा गोदरेज प्रॉपर्टीज में एक्सक्यूटिव प्लांनिंग इंजीनियर के रूप में कार्यरत है। दोनों बहनों ने मुंबई और पुणे में सामान्य तथा जरूरतमंद व्यक्तियों की पहुंच के अंदर आलीशान इमारतें बनाने का निश्चय किया है।
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