नया सबेरा नेटवर्क
हैदराबाद : देश भर में मकर संक्रांति अलग-अलग रूप में मनाई जाती है। इस साल पंजाब के साथ उत्तर भारत में लोहड़ी 13 जनवरी को मनाई जा रही है और दक्षिण भारत में 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जा रही है। दक्षिण भारत और उत्तर भारत में त्योहार मनाने की परंपरा थोड़ा अलग जरूर हो सकती है, लेकिन उत्साह में कोई कमी नजर नहीं आती। दक्षिण भारत में पेद्दा पंडुगा, रेगी पंडु, पोंगल,मागरा वलुकु, संक्रांत के नाम से मकर संक्रांति मनाई जाती है। उत्तर भारत में लोहड़ी, बैसाखी, मकर संक्रांति और खिचड़ी के नाम से त्यौहार मनाया जाता है।
दक्षिण भारत में मकर संक्रांति पर भगवान सूर्य की उपासना की जाती है, जबकि उत्तर भारत में अग्नि देवता की पूजा की जाती है। लोहड़ी मुख्य रूप से पंजाब और आसपास के राज्यों में मनाई जाती है। दोनों क्षेत्र के लोग मानते हैं कि इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। दिन का समय बड़ा होने लगता है और रात का समय कम होने लगता है। खेतों में फसल कटाई के दिन होते हैं। दक्षिण भारत में धान की फसल की कटाई होती है, जबकि उत्तर भारत विशेष कर पंजाब में गेहूं की फसल की कटाई होती है।
मकर संक्रांति पर दक्षिण भारत में भोजन में चकनालु, अप्पालु, अरसेलु, चावल से बनी खीर, तील-गुड़ के लड्डू होते हैं। वहीं उत्तर भारत में लोहड़ी पर दाल, चावल, तिल और गुड़ के लड्डू व खिचड़ी बनाई जाती है। दक्षिण भारत में महिलाएं ब्रह्म मुहूर्त पर जाग कर घर के आंगन में गोबर से जमीन की लिपापोती करती है। रंगोली का दायरा बनाकर मध्य में गोबर से बने कटोरे में दीप जलाती है। दीपक आसपास बेर, गन्ना, फूल, जिड़ी पप्पु और मौसमी फल रखती हैं। हर घर के सामने रंगोली अवश्य होती है।
from Naya Sabera | नया सबेरा - No.1 Hindi News Portal Of Jaunpur (U.P.) https://ift.tt/2XClx64
Tags
recent