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अमेरिका में ट्रंप समर्थकों की हिंसा के बीच दिखा भारतीय झंडा, वायरल हुआ वीडियो | #NayaSaberaNetwork

अमेरिका में ट्रंप समर्थकों की हिंसा के बीच दिखा भारतीय झंडा, वायरल हुआ वीडियो | #NayaSaberaNetwork


नया सबेरा नेटवर्क
न्यूयॉर्क : अमेरिकी संसद भवन कैपिटल हिल में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के हजारों समर्थकों ने हिंसा की। प्रदर्शनकारियों ने टेबल, खिड़कियों को तोड़ दिया। हजारों ट्रम्प समर्थक प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप के प्लकार्ड और अमेरिकी झंडे लहराए। अमेरिका के कैपिटल भवन (Capitol) में हुए हिंसक विरोध के सोशल मीडिया पर वायरल हुए फुटेज में अमेरिका और ट्रंप समर्थकों के झंडों के बीच एक भारतीय झंडा (Indian Flag) भी दिखा।
एक भारतीय-अमेरिकी रिपब्लिकन पॉलिटिकल एक्टिविस्ट विन्सेन्ट जेवियर ने गुरुवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान भारत, दक्षिण कोरिया और ईरान के झंडों की तस्वीरें ट्वीट की। ईरानी झंडा इस्लामिक क्रांति पूर्व युग से था।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, "अमेरिकी देशभक्त - वियतनामी, भारतीय, कोरियाई और ईरानी मूल, और बाकी देशों और नस्लों से, जो मानते हैं कि बड़े पैमाने पर मतदाता धोखाधड़ी हुई है, ट्रंप के साथ एकजुटता दर्शाने के लिए कल रैली में शमिल हुए, शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारी जो हमारे अधिकारों का प्रयोग कर रहे थे।" 
घटना की जमकर आलोचना
अपने फेसबुक पेज पर, जेवियर ने भारतीय ध्वज के साथ विरोध प्रदर्शन में शामिल एक व्यक्ति का वीडियो पोस्ट किया। पोस्ट पर टिप्पणी करने वाले कई लोगों ने भारत और भारतीयों को हिंसक विरोध के साथ जोड़ने के लिए उनकी आलोचना की। पोस्ट में से एक ने कहा, "ट्रंप रैलियों में विरोध करना आपका अधिकार है, लेकिन ट्रंप रैली में भारतीय ध्वज को ले जाने का आपको कोई अधिकार नहीं है।"
एक ट्विटर यूजर की एक अन्य तस्वीर में संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) मुख्यालय के सामने छह लोगों को दिखाया गया है, जैसे कि तस्वीर के लिए पोज दे रहे हो और उनमें से एक भारतीय झंडा थामे मालूम पड़ा। समूह के एक अन्य व्यक्ति को एक तख्ती के साथ देखा गया जिसमें लिखा था, 'ट्रंप के लिए भारतीय आवाजें'। 
ये लोग भारतीय मूल के मालूम पड़े और इनकी उम्र 20 से लेकर 30-35 के असपास लग रही थी। उनकी पहचान नहीं की जा सकी और न ही ये पता लगाया जा सका कि उन्होंने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया था या नहीं।
रेडियो पत्रकार ने दी जानकारी
अमेरिका के एक सार्वजनिक रेडियो स्टेशन के लिए काम करने वाले भारतीय मूल के एक पत्रकार ने विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के बारे में ट्वीट किया, "प्रदर्शन में राष्ट्रपति के भारतीय-अमेरिकी समर्थक भी थे जो मेरे करीबी हेमंत (इजेलिन, न्यूजर्सी के एक व्यवसायी) की तरह इसमें शामिल हुए, जो आज की घटना को लेकर उत्साहित मालूम पड़े।"
पत्रकार ने केवल हेमंत के रूप में पहचाने गए व्यक्ति के साथ एक स्क्रीनशॉट पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने (हेमंत) कहा, "मैं यहां हूं। हजारों लोग यहां हैं। उन्होंने कैपिटल भवन में हमला बोल दिया, मैंने इसे देखा।"
वाशिंगटन न्यूज रेडियो स्टेशन डब्ल्यूटीओपी के डिजिटल संपादक एलेजांद्रो अल्वारेज द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो में भारतीय ध्वज पहली बार सामने आया था। बता दें कि झंडे को पकड़े हुए व्यक्ति को वीडियो में नहीं देखा जा सकता है।
अक्टूबर 2020 में प्रकाशित एक भारतीय-अमेरिकी एटिट्यूड सर्वे (आईएएएस) सर्वेक्षण से पता चला है कि समुदाय के पंजीकृत मतदाताओं में से 22 प्रतिशत ने डोनाल्ट ट्रंप को वोट देने की योजना बनाई, जबकि 72 प्रतिशत डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन के समर्थन में थे।

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