नया सबेरा नेटवर्क
जौनपुर। समाजवादी पार्टी के जिला कार्यालय पर महान उपासक संत शिरोमणि गाड्गे महाराज की 145वीं जयंती पर गोष्ठी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिलाध्यक्ष लाल बहादुर यादव ने कहा कि संत गाड्गे महाराज का असली नाम देवीदास डेबुजी जानोरकर है। उनका जन्म महाराष्ट्र के अमरावती जिले के शेडगाँव में एक धोबी परिवार में हुआ था। बचपन में उन्हें खेती और मवेशियों में दिलचस्पी थी। उन्होंने 1892 में शादी की जिनको 3 बच्चे हुये। अपनी बेटी के नामकरण समारोह के दौरान उन्होंने पारंपरिक शराब के बजाय मीठे के साथ शुद्ध शाकाहारी भोजन परोसा। एक संत के रूप में अपने जीवन को आगे बढ़ाने के लिए अपने परिवार को छोड़ने से पहले अपने गांव में एक स्वयंसेवक के रूप में काम किया। वह अपना ट्रेडमार्क झाड़ू लेकर चलते थे और टोपी पहनते थे। जब भी वह किसी गांव में पहुंचते थे तो वह गांव की नालियों और सड़के साफ करते थे। ग्रामीणों द्वारा पैसा दिया जाता था तो वह इसका इस्तेमाल समाज के लिए कुछ अच्छा करने के लिए करते थे। गाड्गे महाराज का मानना था कि नर की सेवा ही नारायण की सेवा है। उसके तहत उन्होंने कई शैक्षिक संस्थाओं, धर्मशालाओं, अस्पतालों और पशु आश्रमों को उनके द्वारा प्राप्त धन से शुरू किया। उन्होंने कीर्तन के रूप में भी कक्षाएं संचालित किया। उन्होंने अनाथ और विकलांगों के लिए धार्मिक स्थानों और घर में धार्मिक स्कूल स्थापित किया। 20 दिसंबर 1956 को अमरावती जाते समय महाराज की मृत्यु हो गई। इसके पहले उपस्थित लोगों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण करके श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इस अवसर पर श्याम बहादुर पाल, श्रवण जायसवाल, राहुल त्रिपाठी, शकील अहमद, पूनम मौर्या, रुखसार अहमद, अनवारुल हक, मालती निषाद, शेखू खाँ, डा. शिवजीत यादव, आरिफ हबीब, भानु मौर्या, गुड्डू सोनकर, लाल मोहम्मद, मजहर आसिफ, संजीव साहू, मयाकंन्त यादव, राकेश यादव, अरशद कुरैशी, संजीव यादव आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन जिलामहासचिव हिसामुद्दीन शाह ने किया।
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