ट्विटर विवाद मामला - अभिव्यक्ति की आजादी व आलोचना का सम्मान, परंतु भारत विरोधी अभियान के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल ना हो - मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा | #NayaSaberaNetwork

ट्विटर विवाद मामला - अभिव्यक्ति की आजादी व आलोचना का सम्मान, परंतु भारत विरोधी अभियान के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल ना हो - मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा | #NayaSaberaNetwork


नया सबेरा नेटवर्क
नागरिकों के मूलभूत अधिकारों में अभिव्यक्ति की आज़ादी निरंकुश नहीं है, इस पर भी अनुच्छेद 19(2) में वर्णित प्रतिबंध लागू होते हैं - एड किशन भावनानी
गोंदिया - वर्तमान तकनीकी युग के बदलते परिवेश में और डिजिटलाइजेशन की क्रांति में जहां अनेक लाभ मिलेते हैं तो स्वभाविक ही कुछ परेशानियों व विपत्तियों काभी सामना करना पड़ता है। हालांकि हर देश में इससे निपटने के लिए सूचना व तकनीकी अधिनियम भी बने हैं जो इसपर नियंत्रण करते हैं। बात अगर हम भारत की करें, तो यहां भी तीव्र गति से तकनीकी विकास व डिजिटलाइजेशन हुआ है और इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (संशोधन)2009, भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम 1885, सूचना तकनीकी अधिनियम,यह अधिनियम सहित अनेक नियम विनियम बने हैं। अभी हाल ही में भारत में चल रहे किसान आंदोलन का, मीडिया के अनुसार,कुछ वर्ग या कुछ देश प्रतिकूल फायदा उठाने में लगे हैं। 26 जनवरी 2021 को लाल किले पर जो कुछ भी हुआ या किसान आंदोलन के संबंध में उसके ट्विट, ट्विटर के थ्रू इस तरह फैले कि इसमें कुछ विदेशी साजिश की बू आने लगी और सरकार एक्शन में आई और फिर भारत सरकार और अमेरिकी सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर के बीच तकरार बढ़ता ही जा रहा है। सरकार ने किसान आंदोलन, खालिस्तान समर्थकों से जुड़े कुछ अकाउंट्स को ब्लॉक करने के लिए ट्विटर को चिट्ठी लिखी थी। इसमें से कुछ अकाउंट्स पर ट्विटर ने कार्रवाई करने से मना कर दिया है। बीते दिनों हुई बैठक में सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। केंद्र सरकार ने अमेरिकी कंपनी को स्पष्ट कहा है कि उसे भारतीय कानून का पालन करना ही होगा। साथ ही टि्वटर की मनमानी के खिलाफ कई राजनेता, नौकरशाह व अन्य टि्वटर छोड़कर स्वदेशी एप कू पर जार रहे हैं। सरकार ने कहा है कि उसने ट्विटर को जिन कुछ संदिग्ध अकाउंट्स की लिस्ट सौंपी है, उनपर कार्रवाई करनी ही होगी। सरकार की तरफ से कहा गया है कि सरकार ने क़ानूनी प्रक्रिया के तहत ट्विटर को इस हैशटैग के बारे में जानकारी दे दी थी। बावजूद इसके भड़काऊ और भ्रामक जानकारियों को ट्वटिर पर इस हैशटैग से जुड़े कंटेंट को प्रसारित होने दिया गया।सरकार की तरफ़ से ट्विटर को अमेरिका के कैपिटल हिल में हुई हिंसा के दौरान उठाए गए ट्विटर के क़दम भी याद दिलाए गए जब ट्विटर ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप समेत कई लोगों का अकाउंट बंद कर दिया था। सरकार ने कैपिटल हिल हिंसा और 26 जनवरी को भारत के लाल क़िले पर हुए घटनाक्रम की तुलना भी की और ट्विटर पर दोहरे मापदंड अपनाने के आरोप लगाए। सचिव अजय साहनी ने ट्विटर प्रतिनिधियों से ये भी कहा है कि एक टूलकिट से जुड़ी जो जानकारियां सामने आई हैं, उससे साफ़ होता है कि विदेशों में भारत के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन से जुड़ा अभियान चलाने की योजना बनाई गई। सरकार ने ट्विटर से कहा, 'भारत में वैमनस्य और अशांति पैदा करने के लिए डिज़ाइन किए गए ऐसे अभियानों के लिए ट्विटर का दुरुपयोग अस्वीकार्य है।ट्विटर को भारत के ख़िलाफ़ चल रहे ऐसेअभियानों के ख़िलाफ़ क़ानूनों का पालन करते हुए सख़्त कार्रवाई करनी चाहिए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अनुसार,केंद्र सरकार की ओर से लगातार दबाव के बाद माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने 97 फीसदी अकाउंट्स ब्लॉक कर दिए हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना और प्रोद्योगिकी मंत्रालय ने 'भड़काऊ कंटेंट' से संबंधित पोस्ट करने वाले कई अकाउंट्स को ब्लॉक करने की मांग की थी। ये वो खाते हैं, जो 'किसान जनसंहार' जैसे हैशटैग का इस्तेमाल कर रहे थे।सूत्रों की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने दो बार अपील के जरिए 1,435 खातों को चिन्हित किया था, जिसमें से कंपनी ने 1,398 खातों को ब्लॉक कर दिया है। बुधवार देर शाम को सूचना और प्रोद्योगिकी मंत्रालय के सचिव अजय प्रकाश साहनी और ट्विटर पब्लिक पॉलिसी उपाध्यक्ष मोनिक मेचे और जिम बेकर के बीच बैठक हुई।... उधर यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार दिनांक 12 फरवरी 2021 को को याचिकाकर्ता द्वारा दायर उस जनहित याचिका (पीआईएल) पर,भारत के मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका पर नोटिस जारी किया और निर्देश दिया कि इस मामले को सोशल मीडिया विनियमन की मांग करने वाली समान याचिकाओं के साथ टैग किया जाए। जिसमें याचिकाकर्ता द्वारा मांग की गई हैंकि सोशल मीडिया, खासकर ट्विटर के माध्यम से प्रसारित होने वाले नकली समाचारों और भड़काऊ मैसेज की जांच करने के लिए तंत्र तैयार करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई। याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता ने प्रस्तुत किया कि याचिका में ट्विटर पर घृणित विज्ञापनों और भारत विरोधी सामग्री की स्क्रीनिंग करने की व्यवस्था करने के लिए आग्रह है। याचिका में केंद्र से विज्ञापनों और भुगतान की जाने वाली सामग्री का पता लगाने के लिए केंद्र से दिशा-निर्देश मांगे गए हैं जिसमें ऐसी सामग्री हो सकती है जो घृणित, उकसाने वाली या देशद्रोही हो।दलील में कहा गया है कि ऑनलाइन सामग्री की जांच करने के लिए एक तंत्र या कानून की अनुपस्थिति में, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे ट्विटर और अन्य का उपयोग कुछ व्यक्तियों द्वारा भारत संघ की भावना के खिलाफ होने वाली गतिविधियों के लिए " बढ़ाने और कॉल आउट" करने के लिए किया जा रहा है। याचिका में कहा गया है," उक्त मंच (ट्विटर) का उपयोग अलगाववाद को बढ़ाने, समाज के कुछ वर्गों में दहशत पैदा करने, भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता को चुनौती देने के लिए किया जा रहा है।" यह आरोप लगाया गया है कि ट्विटर "जानबूझकर" उन संदेशों को बढ़ावा देता है जो भूमि के कानून के खिलाफ हैं और इसलिए यह तर्क दिया गया है कि कंपनी द्वारा इस्तेमाल किए गए तर्क और गणना को भारत सरकार या किसी अन्य सक्षम प्राधिकारी द्वारा भारत विरोधी ट्वीट की स्क्रीनिंग के लिए गहराई से जांच करने के लिए कहा जाना चाहिए।
संकलनकर्ता लेखक कर विशेषज्ञ एड किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र


*Ad : Pizza Paradise - Wazidpur Tiraha Jaunpur - Mo. 9519149797, 9670609796*
Ad



*Ad : हड्डी एवं जोड़ रोग विशषेज्ञ डॉ. अवनीश कुमार सिंह की तरफ से नव वर्ष 2021, मकर संक्रान्ति एवं गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं*
Ad

*Ad : बीआरपी इण्टर कालेज जौनपुर के प्रबंधक हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष प्रबंध समिति दिलीप श्रीवास्तव एवं प्रधानाचार्य डॉ. सुभाष सिंह की तरफ से देशवासियों को गणतंत्र दिवस एवं बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं*
Ad


from Naya Sabera | नया सबेरा - No.1 Hindi News Portal Of Jaunpur (U.P.) https://ift.tt/376kJf1
Previous Post Next Post

Contact us for News & Advertisement

Profile Picture

Ms. Kshama Singh

Founder / Editor

Mo. 9324074534