नया सबेरा नेटवर्क
जौनपुर। श्री कृष्णा न्यूरो एवं मानसिक रोग चिकित्सालय में आयोजित संगोष्ठी में डा. हरिनाथ यादव (न्यूरो साइकियाट्रिस्ट) ने संबोधित करते हुए बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित होने वाले बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बताया।
उन्होंने कहा कि पूरे वर्ष पढ़ाई न होने के कारण परीक्षा को लेकर बच्चों में सिर दर्द, याददाश्त की कमी, पढ़ाई में मन न लगना, परीक्षा में फेल होने का डर इत्यादि समस्याओं के साथ तनाव है। साथ ही साथ हर अभिभावक की इच्छा है कि उनके बच्चे बोर्ड परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करें, प्रदर्शन का यह मानक प्राप्तांक से जोड़कर देखने का चलन बन गया है। नम्बर गेम के फेर में अभिभावकों ने उन पर उम्मीदों का बोझ लाद दिया है। इसे पूरा करने की कोशिश में बच्चे तनाव में जा रहे हैं। समान्य समय की अपेक्षा इस समय बच्चों के मानसिक तनाव के मामले में इजाफा हुआ है।
डा. हरिनाथ यादव ने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए तनाव से बचने के लिये कुछ सुझाव दिये कि नियमित दिनचर्या के हिसाब से अपने आप को ढालें। योजनाबद्ध तरीके से परीक्षा की तैयारी करें। संतुलित आहार लें एवं व्यायाम करें। स्वयं का मूल्यांकन एवं स्वयं को प्रोत्साहित करते रहें। 7 से 8 घंटे की पर्याप्त नीद लें। एक घंटे पढ़ाई करने के बाद 10 मिनट का विश्राम लें। दिनचर्या में मनोरंजन एवं व्यायाम के लिये भी समय निकालें। परीक्षा के बाद पेपर के मिलान में न उलझें, आगे की तैयारी करें।
डा. हरिनाथ यादव ने बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों को भी सलाह दिया है कि इस समय बच्चों की मानसिक स्थिति को समझें। अगर बच्चा मानसिक तनाव में दिखे तो नजरअंदाज न करें, जैसे बच्चे का पढ़ाई में मन न लग रहा हो, खाने में कमी, उदास रहना, अकेले रहना, गुस्सा आना, नीद में कमी इत्यादि लक्षण दिखाई दें तो तुरंत किसी मनोचिकित्सक को दिखाएं। साथ ही उनके खाने-पीने और दिनचर्या का ध्यान रखें। बच्चे को प्रोत्साहित करते रहे। उनके ऊपर पढ़ाई का दबाव न बनाएं जिस विषय में बच्चा कमजोर हो उसमें उसकी मदद करें। इस अवसर पर डा. सुशील यादव, लालजी, शिव बहादुर, अजीत सिंह, सुशील शर्मा, ब्यूटी, जेपी यादव, सूरज आदि उपस्थित रहे।
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