दहेज प्रथा एक कलंक - आयशा चली गई सबका ज़मीर जगा गई - ज़मीर जगाए रखना | #NayaSaberaNetwork

दहेज प्रथा एक कलंक - आयशा चली गई सबका ज़मीर जगा गई - ज़मीर जगाए रखना | #NayaSaberaNetwork


नया सबेरा नेटवर्क
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेष 8 मार्च 2021 विशेष
हिंदूधर्म आध्यात्मिक वक्ताओं, मुस्लिम मौलानाओं तथा शुक्रवार को मस्जिद में इमामों का दहेज विरोधी संबोधन काबिले तारीफ - एड किशन भावनानी
गोंदिया - यूनाइटेड नेशंस से मंजूरी मिलने के बाद हर साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को अलग-अलग तरीकों से सेलिब्रेट किया जाता है। भारत  वैश्विक रूप से महिलाओं का सम्मान करने और उनके हक व समर्थन में हर स्तर पर अनेकानेक योजनाएं चलाने विश्व प्रसिद्ध है। साथियों आज हर क्षेत्र में महिला आगे है चांद पर पहुंचने वाली प्रथम महिला भी भारतीय मूल की ही है, एक महिला भारत की राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री,सुप्रीम कोर्ट की जज भी हुई है और वर्तमान में अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस भी भारतीय मूल की ही है अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पूरे विश्व में महिलाओं की उपलब्धियों का सम्मान करने के लिए समर्पित है और आमतौर पर सभी अलग - अलग पृष्ठभूमि और संस्कृतियों की महिलाओं के लिए एक दिन है जो लिंग समानता के लिए लड़ने के लिए मनाया जाता है। इस वर्ष, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2021 की भारत में पृष्ठभूमि मेरी निजी राय में सख़्त रूप में दहेज विरोधी रूप में मनाना होगा। हमें 8 मार्च 2021 को सभी धर्मों, मजहबों के हर वर्ग द्वारा यह एक प्रण दिवस के रूप में लेंगे कि हमें ना दहेज लेना है ना दहेज देना है। इसे एक जनजागरण अभियान के तहत सामाजिक स्तर पर जनजागरण जागृत करना होगा और कार्यपालिका व न्यायपालिका को भी महिलाओं के समर्थन में जो कानून बने हैं, उनको धरातल पर ठोस और कठोर रूप से क्रियान्वयन करना होगा ताकि भूल से भी कोई दहेज लेने या देने की बातें तथा महिलाओं के विरोधी कृत्य ना करें आज 8 मार्च 2021 को वैश्विक स्तर परअंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस धूमधाम से मना रहे हैं परंतु भारत के लिए आजका दिवस महिलाओं के समर्थन में पुरुषों और उनके अभिभावकों द्वारा एक प्रण लेने का दिन है कि हम कभी दहेज नहीं लेंगे और अपनी बहू को बेटी समझ कर रखेंगे बस इससे बड़ा सौभाग्यशाली प्रण आज महिलाओं के प्रति महिला अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर नहीं हो सकता। साथियों,हमने प्रिंट,सोशल व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अहमदाबाद की साबरमती नदी में आयशा के कूदने से पहले वाला लाइव रिपोर्ट देख सुनकर सभी के दिल छलनी होगए होंगे एम.ए फाइनल व सर्वज्ञान से युक्त आयशा की शादी जुलाई2018 में हुई थी और दहेजप्रथा से पीड़ित इस जांबाज ने रब से कहा दोबारा मुझे इंसानों के बीच मत भेजना, साथियों दिल को दर्द से हर लेने वाली बात आयशा के इस वीडियो ने सबके ज़मीर को जगा दिया है। हिंदू,मुस्लिम, सिख,इसाई सभी धर्मों के आध्यात्मिक वक्ताओं द्वारा दहेज के विरोध में सुर सुनाई दिए और सबसे खूबसूरत बात शुक्रवार दिनांक 5 मार्च 2021 को मुस्लिम मौलानाओं द्वारा आग्रह की हर मस्जिद में इमामों द्वारा जुम्मे की नमाज़ अदा करने के बाद बेटियों को दहेज रूपी दानव से बचाने सभी का ध्यान इस संगीन मसले की ओर दिलाया गया। निकाह पढ़ने वाले काजियों से भी गुजारिश की गई कि निकाह का खुतबा पढ़ने से पहले, दहेज नहीं लिया गया है इसकी खत्री करें, वहीं हिंदू धर्मगुरुओं ने भी अपने अपने वक्तव्य में दहेज विरोधी बातें कहीं और अपने अपने अनुयायियों को दहेज नहीं लेने का प्रण लेने को कहा। हालांकि कार्यपालिका न्यायपालिका ने भी दहेज विरोधी अनेक मामलों पर सख्ती दिखाई है। संसद द्वारा भी अनेक दहेज विरोधी कानून व महिलाओं के समर्थन में कानून बनाए हैं। दहेज निषेध अधिनियम 1961, इसकेअनुसार दहेज लेने दहेज देने या लेनदेन में सहयोग करने पर 5 वर्ष की कैद और ₹15 हज़ार जुर्माना है। महिलाओं के लिए बहुत सारे कानून बने हैं। सबसे पहले भारतीय संविधान के अनेक अनुच्छेदों में महिलाओं को अधिकार दिया गया है, प्रवस पूर्व निदान तकनीकी अधिनियम 1994, अनुच्छेद 42 के अनुसार प्रसूति प्रसुविधा अधिनियम 1961, समान पारिश्रमिक अधिनियम 1970, अंतर राज्य प्रवासी कर्मकार अधिनियम 1979,घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम 2005, सरोगेसी (विनियमन) विधायक 2020, सीसीसी (लीव) अधिनियम 1972, इत्यादि अनेक कानून महिलाओं की सुरक्षा हेतु बने हुए हैं और अधिकार भी हैं। जैसे गोपनीयता का अधिकार, निशुल्क कानूनी सहायता का अधिकार,देर से शिकायत दर्ज कराने का अधिकार, सुरक्षित कार्यस्थल का अधिकार, जीरो एफआईआर का अधिकार, घरेलू हिंसा से सुरक्षा का अधिकार, इंटरनेट पर सुरक्षा का अधिकार, समान वेतन का अधिकार, कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अधिकार। हालांकि भारत में लंबे समय से आठ मार्च की जगह 10 मार्च को भारतीय महिला दिवस मनाया जाता है. इसके पीछे एक खास वजह है. ये खास वजह है कि इस दिन 19वीं सदी में स्त्रियों के अधिकारों, अशिक्षा, छुआछूत, सतीप्रथा, बाल या विधवा-विवाह जैसी कुरीतियों पर आवाज उठाने वाली देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले का स्मृति दिवस होता है।
-लेखक - कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

*Ad : स्नेहा सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल (यश हास्पिटल एण्ड ट्रामा सेन्टर) | डा. अवनीश कुमार सिंह M.B.B.S., (MLNMC, Prayagraj) M.S. (Ortho) GSVM, M.C, Kanpur, FUR (AIMS New Delhi), Ex-SR SGPGI, Lucknow, हड्डी एवं जोड़ रोग विशेषज्ञ | इमरजेंसी सुविधाएं 24 घण्टे | मुक्तेश्वर प्रसाद बालिका इण्टर कालेज के सामने, टी.डी. कालेज रोड, हुसेनाबाद-जौनपुर*
Ad

*Admission Open : Anju Gill Academy Senior Secondary International School Jaunpur | Katghara, Sadar, Jaunpur | Contact : 7705012955, 7705012959*
Ad

*Advt : प्रवेश प्रारम्भ सत्र 2021—22 : तिलकधारी सिंह इण्टर कालेज, जौनपुर*
Ad



from Naya Sabera | नया सबेरा - No.1 Hindi News Portal Of Jaunpur (U.P.) https://ift.tt/3qp5fJQ
Previous Post Next Post

Contact us for News & Advertisement

Profile Picture

Ms. Kshama Singh

Founder / Editor

Mo. 9324074534