नया सबेरा नेटवर्क
सामाजिक संस्थाएं, एनजीओ, सेवाभावी नागरिकों से स्वतः संज्ञान लेकर जनजागरण करने आगे आने की अपील - एड किशन भावनानी
गोंदिया - भारत में जिस तरह से कोरोना महामारी के रोज के आंकड़े देखने को मिल रहे हैं उससे यह महसूस हो रहा है कि कोरोना महामारी अपने चरम स्तर पर एक्शन में आ गई है, क्योंकि बहुत तेजी से राज्यों को अपने चपेट में ले रही है और राज्यों में भी बड़ी तेजी से संक्रमण फैल रहा है जिससे महाराष्ट्र राज्य में मुख्यमंत्री महोदय ने लॉकडाउन लगाने के संकेत भी दिए हैं और संबंधित अनेक विभागों से आंकलन करने,स्थिति पर रिपोर्ट देने की बातें भी इलेक्ट्रॉनि कमीडिया के माध्यम से पता चली है और कहा गया है कि नागरिक लापरवाही ना बरतें और प्रशासन को सहयोग करें।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के अनुसार देश में सर्वाधिक 10 जिलों में महामारी के संक्रमण में 8 जिले महाराष्ट्र से हैं और तीव्र गति से टीकाकरण भी जारी है पंजाब और महाराष्ट्र में महामारी तीव्र गति से चल रही है। उधर महाराष्ट्र के नांदेड़ में सोमवार दिनांक 29 मार्च 2021 को होल मोहल्ला जुलूस निकला और लाठीचार्ज हुआ हालांकि 25 मार्च से 4 अप्रैल तक लॉकडाउनथा सामाजिक संगठनों,संस्थाओं का साथ भी जरूरी है। केंद्र का कहना है राज्य एक्शन मोड से काम करें। नासिक में तो 1 घंटे के लिए मार्केट जाने की ₹5 की रसीद दी जा रही है अगर लेट हुई तो ₹500 जुर्माना ऐसे भी प्रयोग शासन द्वारा किए जा रहे हैं। बड़ी तीव्र गति से कोरोना फैल रहा है इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में दादर सब्जी मंडी और गाजियाबाद सब्जी मंडी का जिस तरह से हाल दिखाया जा रहा है ऐसा महसूस हो रहा है कि भारत में कोरोना नाम की कोई चीज नहीं है स्वास्थ्य मंत्रालय 47 जिलों पर फोकस है जहां आरटी-पी सीआर तेजी से बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है। वायरस ग्रस्त व्यक्ति के संपर्क में आने वाले व्यक्तियों को 72 घंटे में अपनी टेस्ट कराना अनिवार्य है और एक अप्रैल 2021 से 45 वर्ष के ऊपर उम्र के लोगों को शीघ्रता से शीघ्र टीकाकरण कराना चाहिए, क्योंकि जिस तेजी के साथ कोरोना महामारी एक्शन मोड में है यह देखते हुए सभी नागरिकों को सचेत और सावधान होकर शासन,प्रशासन को पूर्ण सहयोग करना अत्यंत आवश्यक है और पूर्ण लॉकडाउन से बचने का यही एक उचित विकल्प है लॉक डाउन की स्थिति हम2020 में सभी देख चुके हैं और इस स्थिति को दोहराना कोई नहीं चाहेगा। अतः सभी नागरिकों को शासन और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करना अत्यंत अनिवार्य है। हालांकि अभी तक छह करोड़ से अधिक लोगों को टीकाकरणकिया जा चुका है और इस की स्पीड को और बढ़ाना होगा जिससे टीकाकरण का टारगेट भी पूरा होगा क्योंकि संक्रमण तेजी से फैल रहा है। ऐसी स्थिति अब हर राज्य में बनती जा रही है और जल्द ही जनता ने सावधानी बरतने के में सहयोग नहीं मिला तो देशव्यापी आउटब्रेक होसकता है यह प्रधानमंत्री महोदय ने भी कई बार स्पष्ट किया है। जिस प्रकार हम इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में कई शहरों, स्थानों की ग्राउंड रिपोर्ट देख रहे हैं तो जनता में कोरोना का भय बिल्कुल नहीं दिखाई दे रहा है मुंह पर मास्क नहीं है, है भी तो अधूरा, सोशल डिस्टेंसिंग नहीं है सब्जी बाजार माल अन्य स्थानों पर बहुत भीड़ दिखाई जा रही है जो ग्राउंड रिपोर्टिंग है, इसमें तो बहुत तेजी से कोरोना फैलने का डर बना हुआ है। अगर हम नागरिकों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और लापरवाही करते रहे तो यह पूरे देश स्तर पर कम्युनिटी स्प्रे के रूप में भीहो सकता है जिससे जिसका डर 2020 में भी बना हुआ था परंतु संभव है स्थिति नियंत्रण में है परंतु अभी नागरिकों की इतनी सावधानी नहीं दिखाई पड़ रही है जो 2020 में थीअतःवक्त आगया है कि हम सभी नागरिकों को स्वतः संज्ञान लेकर स्थिति की गंभीरता को समझना होगा और सुरक्षा सावधानी के कदम खुद गंभीरता से उठाने होंगेटीकाकरण अभियान को सार्थक रूप में धरातल पर पूर्ण सहयोग देकर खुद आगे आकर लगाना होगा ताकि सरकार का टारगेट से भी अधिक टीकाकरण हो सके और जनहित में जनताकी स्वास्थ्य सुरक्षा मजबूतहो जिन्हें टीकाकरण में कोई मतभेद है,या उसे कोई भ्रम है उसे खुद आस-पास वालों ने, सामाजिक संस्थाओं, एनजीओ इत्यादि सबको सामने आकर उन्हें टीकाकरण के लिए प्रेरित करना होगा। अगर कोरोना महामारी के सरकारी दिशानिर्देशों का पालन सावधानी,सतर्कता,सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी किसी भी बात की लापरवाही में नहीं लेने के लिए प्रोत्साहन करने का वक्त सभी संस्थाओं के लिए आ गया है हालां कि 2020 में भी इन सभी सामाजिक संस्थाओं और एनजीओ ने सराहनीय कार्य किए, अभी फिर उनके लिए एक परीक्षा की घड़ी आन पड़ी है, जिसमें मिलजुल कर सेवाकार्य व सरकार को सहयोग कर नागरिकों को कोरोना संबंधी दिशानिर्देशों, टीकाकरण, स्वास्थ्य सावधानी इत्यादि संबंधी बातों के लिए प्रोत्साहन जनता को देना जरूरी हो गया है, ताकि कोरोना महामारी से लड़ाई कर, मील का पत्थर साबित हो। महामारी हम पर हावी नहीं होसके और स्वास्थ्य में हमारी जीत हो यही भारत की जीत है।
-लेखक-कर विशेषज्ञ एड किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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