नया सबेरा नेटवर्क
मुंबई:कोरोना संकट में ऑटो रिक्शा चालकों की आर्थिक स्थिति भी खराब हो गई है इस समस्या को ध्यान में रखकर सुतंत्र नारायणी सेवा ट्रस्ट के सौजन्य से जोगेश्वरी, पश्चिम स्थित यादव नगर व आसपास के 50 रिक्शा चालकों को गैस सिलेंडर के लिए एक-एक हजार रुपए की मदद की गई। ट्रस्ट की अध्यक्षा डॉ .शीला यादव ने बताया कि इन रिक्शा चालकों के अलावा उन महिलाओं को मास्क के कपड़े उपलब्ध कराए गए, जिनके पति की लॉकडाउन में नौकरी छूट गई है. उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में कई महिलाओं को सिलाई मशीन भी दी गई है. इसके अलावा बड़ा पाव का व्यवसाय करने वाली महिलाओं को ट्रस्ट के जरिए आर्थिक मदद प्रदान की गई है।उन्हें ग्रॉसरी की सामग्री भी उपलब्ध कराई गई जिससे वे अपने व्यवसाय के जरिए जीविकोपार्जन कर सकें। जिसमें डॉ .प्रियंका सिंह यादव, उज्जवला नरसुले, डॉ. राजेश यादव और डॉ. अखिलेश यादव ने प्रायोजक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कपड़े से मास्क बनाने वाली महिलाओं के मास्क को क्षेत्र के पार्शियल ब्लाइंड बच्चों को बेचने के लिए दिया जाता है. यह कमाई मास्क बनाने वाली महिलाओं को दी जाती है. डॉ. शीला यादव ने बताया कि इस तरह की मदद से महिलाओं को दो तरह के फायदे होंगे. एक तो समाज में महिला सशक्तिकरण' होगा, दूसरा यह कि लॉकडाउन में आर्थिक तंगी झेल रही महिलाओं को मदद मिलेगी और वे अपना बिजनेस कर स्वावलंबी भी बनेंगी. इसके पहले ट्रस्ट के जरिए पार्शियल ब्लाइंड बच्चों को भी स्वावलंबी बनने के लिए आर्थिक मदद की गई। रिक्शा चालकों को सुतंत्र नारायणी ट्रस्ट की मदद
मुंबई:कोरोना संकट में ऑटो रिक्शा चालकों की आर्थिक स्थिति भी खराब हो गई है इस समस्या को ध्यान में रखकर सुतंत्र नारायणी सेवा ट्रस्ट के सौजन्य से जोगेश्वरी, पश्चिम स्थित यादव नगर व आसपास के 50 रिक्शा चालकों को गैस सिलेंडर के लिए एक-एक हजार रुपए की मदद की गई। ट्रस्ट की अध्यक्षा डॉ .शीला यादव ने बताया कि इन रिक्शा चालकों के अलावा उन महिलाओं को मास्क के कपड़े उपलब्ध कराए गए, जिनके पति की लॉकडाउन में नौकरी छूट गई है. उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में कई महिलाओं को सिलाई मशीन भी दी गई है. इसके अलावा बड़ा पाव का व्यवसाय करने वाली महिलाओं को ट्रस्ट के जरिए आर्थिक मदद प्रदान की गई है।उन्हें ग्रॉसरी की सामग्री भी उपलब्ध कराई गई जिससे वे अपने व्यवसाय के जरिए जीविकोपार्जन कर सकें। जिसमें डॉ .प्रियंका सिंह यादव, उज्जवला नरसुले, डॉ. राजेश यादव और डॉ. अखिलेश यादव ने प्रायोजक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कपड़े से मास्क बनाने वाली महिलाओं के मास्क को क्षेत्र के पार्शियल ब्लाइंड बच्चों को बेचने के लिए दिया जाता है. यह कमाई मास्क बनाने वाली महिलाओं को दी जाती है. डॉ. शीला यादव ने बताया कि इस तरह की मदद से महिलाओं को दो तरह के फायदे होंगे. एक तो समाज में महिला सशक्तिकरण' होगा, दूसरा यह कि लॉकडाउन में आर्थिक तंगी झेल रही महिलाओं को मदद मिलेगी और वे अपना बिजनेस कर स्वावलंबी भी बनेंगी. इसके पहले ट्रस्ट के जरिए पार्शियल ब्लाइंड बच्चों को भी स्वावलंबी बनने के लिए आर्थिक मदद की गई।
from Naya Sabera | नया सबेरा - No.1 Hindi News Portal Of Jaunpur (U.P.) https://ift.tt/3p7dsDB
0 Comments