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कोविड-19 - सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियों को बीमा योजनाओं के तहत दावों को संवेदनशीलता पूर्वक तेजी से निपटाना जरूरी | #NayaSaberaNetwork

कोविड-19 - सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियों को बीमा योजनाओं के तहत दावों को संवेदनशीलता पूर्वक तेजी से निपटाना जरूरी | #NayaSaberaNetwork


नया सबेरा नेटवर्क
कोरोना काल में सभी बीमा योजनाओं के तहत दावों को तीव्रता से निपटाना वर्तमान परिस्थितियों की मांग - एड किशन भावनानी
गोंदिया - मानव जाति पर वैश्विक रूप से कोरोना महामारी ने ऐसा जबरदस्त आघात किया है, कि पीढ़ियां दर पीढ़ियां याद रखेगी। जिस तरह हर सौ साल में महामारी आती है जैसे कि 1720 में द ग्रेट प्लेग, 1820 में हैजा, 1920 में स्पेनिश फ्लूं और अब 2020 में कोरोना महामारी।इस तरह हम पीढ़ी दर पीढ़ी इस इतिहास को याद रखे हुए हैं जिसमें अब 2020 में करोना महामारी को भी हमारी अगली पीढ़ियां याद रखेगी।....बात अगर हम भारत में 2020 से शुरू हुई कोरोना महामारी के मृतकों की संख्या की करें तो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में 5 जून 2021 को 10.59 एएम पर आए मृतकों के आंकड़ों में पिछले 24 घंटों में 3380 लोगों की मृत्यु के बाद अब भारत में कोरोना संक्रमण से कुल मृतकों की संख्या 344082 पर पहुंच गई है जिसमें 646 डॉक्टर भी शामिल हैं। बहुत ही दुखद और मन को बहुत दुख पहुंचाने वाली बात है कि, हमने अपने भारतीय परिजनों को खोया है और उनका स्थान नहीं भरा जा सकता और उनकी यादें और कमी का एहसास हमारे हर भारतवासी के मनमें होगा क्योंकि भावुकता का गुण हर भारतीय को भारतीय मिट्टी से गॉड गिफ्ट के रूप में मिला है।....बात अगर हम उपरोक्त संख्या में हमारे मृतक भाइयों बहनों की करें तो इसमें से अनेकों का बीमा सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियों के विभिन्न बीमा पॉलिसियों, योजना जैसे जीवन बीमा, पीएम गरीब कल्याण पैकेज, (पीएमजीकेपी) पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएम जेजेबीवाई) हेल्थ केयर वर्कर्स के लिए बीमा योजना, रिलायंस की कोविड-19 सुरक्षा बीमा योजना, इत्यादि अनेक इंश्योरेंस कंपनियों ने कोरोना से जंग के लिए मैदान में आई है और कोरोना बीमे का भी ऑफर कर रही है जिसमें क्वारंटाइन से लेकर इलाज कब का खर्च बीमा पॉलिसियों में कवर होगा। ऐसी बीमा योजनाएं भी अलग-अलग किस्तों और हर्जाना राशि के आधार पर है। उन तमाम उपरोक्त मृतकों की संख्या में शामिल भाई-बहनों को पालिसी, जो किसी भी बीमा कंपनी चाहे वह सार्वजनिक हो या निजी कंपनियों के बीमा योजनाओं के तहत दावों का भुगतान इस करोना कॉल की परिस्थितियों को संज्ञान में लेते हुए संवेदनशीलता के साथ मृतक के परिवार वालों को तीव्रता से निपटान करते हुए दावा सौंपकर मानवता का परिचय देना होगा। क्योंकि वर्तमान कोरोना कॉल की परिस्थितियों में आज हर व्यक्ति, बड़ी भयंकर आर्थिक तंगी से जूझ रहा है और अनेक मृतकों के परिवार वाले तो भारी परेशानी में होंगे। जिस परिवार का कमाने वाला सदस्य चला गया है वह तो और भी अतिगंभीर आर्थिक संकट में होंगे। हालांकि शासन द्वारा कुछ योजनाएं घोषित की गई है परंतु बीमा योजनाओं के दावों पर तो संबंधितों का पूरा हक है। जिन्होंने, चाहे वह बीमा कंपनी सार्वजनिक है या निजी है उन्हें बीमा योजनाओं के तहत दावों को अत्यंत संवेदनशील ता पूर्वक तेजी से निपटाने का निवेदन इस आर्टिकल के माध्यम से भी है। हालांकि इस संबंध में  बीमा कंपनियां भी संवेदनशीलता से अदाओं को तेजी से निपटाने में लगी हुई है और उसका उदाहरण हमें दिनांक 5 जून 2021 को केंद्रीय वित्त मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बीमा कंपनियों के प्रमुखों के साथ वर्चुअल बैठक की इसमें पता चला।.....बात अगर हम वित्तमंत्री की 5 जून 2021 की बीमा कंपनी प्रमुखों के साथ बैठक की करें तो वित्त मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस रिलीज के अनुसार, पीएम गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) के तहत कोविड-19 से लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए शुरू की गई बीमा योजना की प्रगति की समीक्षा और महामारी के दौरान पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) के तहत लंबित दावों के निस्तारण में तेजी लाने के लिए आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बीमा कंपनियों के प्रमुखों के साथ बैठक की। उन्होंने योजनाओं के अंतर्गत प्रक्रिया और दस्तावेजों की जरूरत को सुगम बनाने के महत्व पर जोर दिया, जिससे दावों का तेजी से निस्तारण किया जा सके। समीक्षा के दौरान,वित्त मंत्री ने पाया कि पीएमजीकेपी योजना के अंतर्गत अभी तक कुल 419 दावों का भुगतान किया गया और उनके नामांकित लोगों के खातों में 209.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। राज्यों के बाहर दस्तावेज भेजने के कारण होने वाली देरीके मुद्दे के समाधान के लिए, वित्त मंत्री ने कहा कि एक नई व्यवस्था लागू की गई है। जहां जिलाधिकारी (डीएम) से जारी एक सरल प्रमाण पत्र और नोडल राज्य स्वास्थ्य अधिकारी का अनुमोदन इन दावों को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त होगा। उन्होंने न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी के प्रयासों की सराहना की, जिसे योजना के प्रबंधन का काम सौंपा गया है। समीक्षा के दौरान, वित्त मंत्री ने पीएमएसबीवाई के तहत किए गए दावों के निस्तारण का जायजा भी लिया और कहा कि 31 मई, 2021 तक 1,629 करोड़ रुपये के कुल 82,660 दावों का भुगतान किया जा चुका है। वित्त मंत्री ने समीक्षा में पाया कि महामारी के दौरान पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई के तहत दावों के सरल निस्तारण के लिए हाल में उठाए गए कदमो की तारीफ की। उल्लेखनीय है कि उपरोक्त दोनों योजनाओं में निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं। बीमा कंपनियों द्वारा 30 दिन की बजाय 7 दिनों के भीतर दावों की प्रोसेसिंग पूरी करना। बैंकों और बीमा कंपनियों के बीच दावा निस्तारण प्रक्रिया का पूरी तरह डिजिटलीकरण। कागज भेजने में होने वाली देरी को खत्म करने के लिए ईमेल/ ऐप के माध्यमसे दावे के दस्तावेज भेजना। सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियां जून, 2021 तक दावे सौंपने के लिए एपीआई-आधारित ऐप की व्यवस्था को लागू करना। मृत्यु प्रमाण पत्र के बदले में इलाज करने वाले डॉक्टर का प्रमाण पत्र और डीएम अधिकृत अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र पर विचार किया जाना जल्द ही प्रपत्रों को युक्तिसंगत और दावों की प्रक्रिया को सरलीकृत किया जा रहा है। इन दावों से अपने नजदीकियों और प्रियजनों को खोने वाले नामांकितों को जरूरी वित्तीय राहत मिली है और सरकार के कदमों से यह प्रक्रिया ज्यादा सरल होगी और इसमें तेजी आएगी। उल्लेखनीय है कि उपरोक्त दोनों योजनाएं 330 और 12 रुपए वार्षिक प्रीमियम वाली योजनाएं हैं, जो 2015 में क्रमशः जीवन और दुर्घटना बीमा के लिए शुरू की गई थी। अतः उपरोक्त पूरे विवरण का अगर हम विश्लेषण करें तो जिन्होंने उपरोक्त योजनाओं की प्रीमियम भरी है। उन्हें कोविड-19 में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियों को बीमा योजनाओं के तहत दावों को तेजी से निपटाना जरूरी है। तथा कोरोना काल में सभी बीमा योजनाओं के तहत दावों को तीव्रता से निपटाना वर्तमान परिस्थितियों की मांग है। 
-संकलनकर्ता लेखक- कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र


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