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नीति आयोग की सतत विकास लक्ष्यों पर तीसरी रिपोर्ट 2020-21 जारी - राज्यों केंद्रशासित प्रदेशों का सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरणीय स्थिति का आंकलन | #NayaSaberaNetwork

नीति आयोग की सतत विकास लक्ष्यों पर तीसरी रिपोर्ट 2020-21 जारी - राज्यों केंद्रशासित प्रदेशों का सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरणीय स्थिति का आंकलन | #NayaSaberaNetwork


नया सबेरा नेटवर्क
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सतत विकास और रणनीतिक रोडमैप बनाने में नीति आयोग की प्रतिवर्षीय सतत विकास लक्ष्य रिपोर्ट का महत्वपूर्ण योगदान - एड किशन भावनानी
गोंदिया - महान ग्रीक दार्शनिक हेराक्लिटस  का एक कथन है – ‘परिवर्तन इस दुनिया में एकमात्र स्थायी चीज है’। परिवर्तन होना तय है। भले ही यह जीवन का कोई  अप्रत्याशित मोड़ हो या ब्रह्मांड की सामान्य घटना से जुड़ा हो।... बात अगर हम भारत के 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों की करें तो हर राज्य में जनसंख्या, क्षेत्रवार,भाषा आर्थिक सामाजिक, पर्यावरणीय, ढांचा और स्थिति अलग अलग हैं। परंतु फिर भी हम फक्र से के साथ कहते हैं कि हम भारतीय हैं। यह बहुत ही खूबसूरत स्थिति है और यह विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की विश्व प्रसिद्ध खूबसूरती भी है। भारत एक संघीय ढांचा प्रणाली है।... बात अगर हम नीति आयोग की करें तो इसे भारत सरकार का थिंक टैंक भी कहा जाता है और इसकी उद्देश्यों की बात करें तो, राज्य की सक्रिय भागीदारी से, राष्ट्रीय विकासकी प्राथमिकताओं, क्षेत्रों और कार्यनीतियों का एक साझा दृष्टिकोण विकसित करने के लिए नीति आयोगअनेक प्रदेशों से कार्य करता है... बात अगर हम नीति आयोग द्वारा जारी नीति आयोग सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) भारत सूचकांक 2020-21 की करें तो, नीति आयोग के उपाध्यक्ष  ने हाल ही में भारत एसडीजी सूचकांक का तीसरा संस्करण जारी किया। देश के स्तर पर एसडीजी स्कोर 2020-21 में छह अंकों के सुधार के साथ 60 से बढ़कर 66 अंक रहा है। नीति आयोग ने एक बयान में कहा कि देश भर में मुख्य रूप से स्वच्छ जल और स्वच्छता और सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में अनुकरणीय प्रदर्शन से प्रेरित होकर लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में सकारात्मक प्रयास किया गया। डेवलपमेंट गोल्ड नाम की इस रिपोर्ट में राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय स्थिति पर प्रदर्शन का आकलन किया जाता है। नीति आयोग उपाध्यक्ष के अनुसार एसडीजी इंडिया इंडेक्स और देशबोर्ड के माध्यम से एसडीजी की निगरानी से हमारे प्रयास को दुनिया की पहचान मिल रही है और इस डेटा का उपयोग विकास के प्रोजेक्ट पर किया जा रहा है। नीति आयोग द्वारा जारी प्रेस रिलीज के अनुसार, भारत में संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से विकसित एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2020-21 सभी राज्यों और केन्द्र - शासित प्रदेशों की प्रगति को उन 115 संकेतकों पर आंकता है जो सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) के राष्ट्रीय संकेतक फ्रेमवर्क (एनआईएफ) से जुड़े हैं। प्रत्येक संस्करण के साथ इस महत्वपूर्ण उपकरण को परिष्कृत और बेहतर बनाने की पहल निरंतर बेंचमार्क प्रदर्शन एवं प्रगति को मापने और राज्यों एवंकेन्द्र - शासित प्रदेशों से जुड़े नवीनतम एसडीजी - संबंधित डेटा की उपलब्धता के हिसाब से की गई है। इन 115 संकेतकों के चयन की प्रक्रिया में केन्द्रीय मंत्रालयों के साथ किए गए कई दौर के परामर्श शामिल थे। सभी राज्यों और केन्द्र - शासित प्रदेशों से प्रतिक्रिया मांगी गई थी और उन्होंने स्थानीयकरण के इस उपकरण के एक आवश्यक हितधारक और दर्शक के रूप मेंअपनी स्थानीय अंतर्दृष्टि और जमीनी अनुभवों से राय लेने की इस प्रक्रिया को समृद्ध करके सूचकांक को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस रिपोर्ट में 17 लक्ष्यों पर 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों का प्रदर्शन के आंकलन पर किया जाता है। इस रिपोर्ट में अगर 5 परफॉर्मेंस टॉप राज्यों की बात करें तो प्रथम केरल राज्य, द्वितीय हिमाचल प्रदेश राज्य, तृतीय तमिलनाडु राज्य और इस रिपोर्ट के अनुसार बिहार, झारखंड और असम का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कम रहा।... बात अगर हम राज्यों में स्वास्थ्य क्षेत्र की करें तो स्वास्थ्य क्षेत्र के लक्ष्यों के लिहाज से गुजरात और दिल्ली क्रमश: राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सूची में पहले स्थान पर रहे. वहीं, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के क्षेत्र में इन दोनों श्रेणियों में क्रमश: केरल और चंडीगढ़ सबसे ऊपर रहे। गरीबी नहीं लक्ष्य के तहत तमिलनाडु और दिल्ली शीर्ष पर थे। विषमताओं में कमी के मामले में मेघालय और चंडीगढ़ ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। दोनों को 100 अंक मिले। अतः उपरोक्त पूरे विवरण का ग्राम विश्लेषण करें तो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सतत विकास और रणनीतिक रोडमैप बनाने में नीति आयोग की प्रति वर्ष के सतत विकास लक्ष्य रिपोर्ट का महत्वपूर्ण योगदान है, क्योंकि नीति आयोग राज्यों केंद्रशासित प्रदेशों का सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरण, स्थिति का आंकलन कर उन्हें अगर किसी प्रकार की कमी या प्रोग्रेस में बराबर नहीं है तो उस अनुसार रोडमैप बनाकर राज्यों का विकास करने में अहम और महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
-संकलनकर्ता लेखक- कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

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