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#JaunpurLive : पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने खोली जौनपुर पुलिस के भ्रष्टाचार की पोल

#JaunpurLive :  पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने खोली जौनपुर पुलिस के भ्रष्टाचार की पोल


कहां से कितना मिलता है हो गया खुलासा
पुलिस अधीक्षक नगर करेंगे पूरे मामले की जांच
हिम्मत बहादुर सिंह
जौनपुर. भ्रष्टाचारी तो हर जगह होते है बस किसी की पोल खुल जाती है तो कोई साफ—पाक बना रहता है. रही बात पुलिस की तो इनकी कारस्तानी जनता के सामने छिपी नहीं है. अक्सर कोई न कोई मामला सामने आता रहता है लेकिन वसूली की लिस्ट के साथ कोई आईपीएस अधिकारी इनकी कारस्तानी को उजागर करे तो सवाल उठना लाजिमी है. सेवानिवृत्त आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने चंदवक थाने की वसूली लिस्ट को ट्वीट कर जौनपुर पुलिस के होश उड़ा दिए. अभी कुछ दिन पहले ही जौनपुर पुलिस अधीक्षक का कार्यभार संभाले अजय साहनी के लिए यह किसी चुनौती से कम नहीं है. आननफानन में उन्होंने पुलिस अधीक्षक नगर को पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. अब इस मामले में कितनी सच्चाई है यह तो जांच के बाद ही साफ हो जाएगा.
अमिताभ ठाकुर के ट्वीटर से यूपी में मच गयी खलबली
पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने जौनपुर पुलिस के भ्रष्टाचार का खुलासा करते हुए दो पेज की लिस्ट ट्वीट किया और डीजीपी यूपी पुलिस, जौनपुर पुलिस, आईजी रेंज वाराणसी, एडीजी जोन वाराणसी को टैग करते हुए लिखा थाना चंदवक जौनपुर की कथित वसूली लिस्ट व कतिपय अन्य सूचनाएं. कुल कथित वसूली रु० 3.72 लाख/माह. कृपया निष्पक्ष सत्यापन कराते हुए तदनुसार कार्यवाही करें. यह लिस्ट जंगल में आग की तरह वायरल हो गयी. वायरल पत्र में बकायदा किन-किन जगहों से कितनी वसूली करती है जौनपुर पुलिस साफ देखा जा सकता है, वहीं पत्र वायरल होने के बाद विभाग में हड़कंप मचा हुआ है, चंदवक थाने के SHO के कोतवाल खास ने बकायदा शराब, असलहा, गांजा तस्करी जैसे अन्य माफियाओं से कितना पैसा लिया गया है पत्र में वायरल है. इस ट्वीट का जवाब देते हुए जौनपुर पुलिस की तरफ से लिखा गया कि उक्त प्रकरण जांच एवं आवश्यक कार्रवाई के लिए अपर पुलिस अधीक्षक नगर को प्रेषित किया गया. फिलहाल अब आगे क्या होगा यह जांच के बाद ही स्पष्ट होगा लेकिन सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी के ट्वीट ने यूपी में हड़कम्प मचा दिया है.


कौन हैं अमिताभ ठाकुर
अमिताभ ठाकुर सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी, कवि व बेबाक लेखक हैं. वह उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर अपने कार्यों का लोहा मनवा चुके हैं. इनका जन्म बिहार के मुजफ्फरपुर में हुआ. वे नेशनल आर.टी.आई फोरम के संस्थापक हैं. इनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर एक जानी मानी सामाजिक कार्यकर्ता हैं.
बेबाक टिप्पणियों के चलते सुर्खियों में रहते हैं ठाकुर
पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर किसी भी मुद्दे पर अपना पक्ष रखने से जरा सा भी नहीं हिचकिचाते. तमाम मुद्दों पर उन्होंने मीडिया के सामने बेबाक टिप्पणी की है. उन्होंने पुलिस द्वारा दिए जाने वाले 'गॉर्ड ऑफ ऑनर' पर भी टिप्पणी की थी और उसे समाप्त करने की मांग की थी. ठाकुर ने तत्कालीन मुख्य सचिव आलोक रंजन को भेजे पत्र में कहा था कि, "कुछ मंत्री निश्चित तौर पर आपराधिक पृष्ठभूमि के होते हैं। उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देने से पुलिस बल का मनोबल गिरेगा और जनता को गलत संदेश जाएगा।"
यूपी के थानों में असंवैधानिक तैनाती पर भी उठाए थे सवाल
आईपीएस ठाकुर ने कहा था कि पूरे यूपी में शासनादेशों का उल्लंघन कर थानाध्यक्ष के रूप में निरीक्षक की जगह उपनिरीक्षक की तैनाती की जा रही है. उन्होंने अनियमित व असंवैधानिक तैनातियों को किए जाने पर आपत्ति जताई थी. सेवानिवृत्त आईपीएस अफसर ने इन तैनातियों के पीछे घूसखोरी को आधार बताया था. इस बाबत अमिताभ ठाकुर ने प्रमुख सचिव गृह को एक पत्र भी भेजा था. अपने भेजे पत्र में उन्होंने कहा था कि 11 दिसंबर 2008 को सरकार ने प्रदेश के सभी थानों पर निरीक्षक को थानाध्यक्ष बनाने के आदेश दिए थे. जिसे सात फरवरी 2014 को बदल कर कुल थानों के दो-तिहाई थानों पर निरीक्षक और एक-तिहाई थानों पर उप-निरीक्षक कर दिया गया. चार मार्च 2014 के शासनादेश के जरिए प्रदेश के निरीक्षक के 968 थाने भी निर्धारित कर दिए गए लेकिन, इसके विपरीत पूरे प्रदेश में थानों पर निरीक्षक के स्थान पर उपनिरीक्षक थानाध्यक्ष के रूप में तैनात किए जा रहे हैं. मात्र लखनऊ में कई निरीक्षक के थाने पर उपनिरीक्षक तैनात हैं. कमोवेश यही स्थिति पूरे प्रदेश की है.
BCCI को भी दे चुके हैं चुनौती
ठाकुर ने बीसीसीआई द्वारा राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के लिए की गई संस्तुतियों को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. उनके मुताबिक, केवल राष्ट्रीय खेल संघ ही इन खेल पुरस्कारों के लिए संस्तुति भेज सकते हैं. खेल और युवा मामले के मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त 51 खेल संघों में बीसीसीआई नहीं आता है. वह गैर-मान्यताप्राप्त पूरी तरह निजी खेल संघ है जो मान्यता प्राप्त नहीं बनना चाहता पर मान्यता प्राप्त खेल संघ की सारी सुविधाएं चाहता है इसलिए उसे इन पुरस्कारों के लिए संस्तुति करने का अधिकार नहीं है.
विवादों से रहा है पुराना नाता
अमिताभ ठाकुर पर तमाम तरह के आरोप भी लग चुके हैं जिसमें गाजियाबाद की एक महिला द्वारा लगाया गया दुष्कर्म का आरोप और एक सामाजिक संगठन द्वारा आय से अधिक संपत्ति का मामला काफी दिन सुर्खियों में रहा था.
#JaunpurLive :  पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने खोली जौनपुर पुलिस के भ्रष्टाचार की पोल
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