#JaunpurLive : अत्याचार को खत्म करने के लिए प्रभु लेते हैं अवतार– डॉ नरेंद्र त्रिपाठी

जौनपुर: पृथ्वी पर जब भी राक्षसी प्रवृत्ति का अत्याचार और पाप बढ़ा,पूजा, पाठ, जप, तप व सत्ककर्मो में आसुरी शक्तियों ने बिघ्न और बाधाएं डाली, तब तब प्रभु किसी न किसी स्वरूप में पृथ्वी पर अवतरित होकर अधर्मियों का नाश कर धर्म की स्थापना किए है। कंस का अत्याचार जब असह्य हो गया। पृथ्वी मां भी उसके पापकर्मो से मर्माहत हो गई। तब प्रभु श्रीकृष्ण का अवतरण हुआ। भगवान ने सभी पापियो का नाश कर फिर से धर्मयुग का प्रारंभ किया। उक्त बातें प्रयागराज से पधारे प्रख्यात कथावाचक डाक्टर नरेंद्र त्रिपाठी जी महाराज ने क्षेत्र के महमदपुर गुलरा गांव के पत्रकार प्रमोद पांडेय के आवास पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत सबसे प्राचीन धर्म ग्रन्थ है। इसके श्रवण, मनन, वाचन और आचरण में समाहित कर लेने मात्र से मानव भव को पार हो जाता है। यह हमें सत्कर्म 
की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि मानव जीवन बड़े भाग्य से मिला है। इसे ब्यर्थ में न गवांये। गृहस्थ आश्रम का पालन करते हुए उस परम पिता का स्मरण  करते रहिए। सबसे बड़ा पूण्य कर्म है सत्कर्म। मात्र इसे अपने जीवन चरित्र में धारण कर मानव ईश्वर को आसानी से प्राप्त कर सकता है। झूठ मत बोलो, बेमानी से बचो, ईर्ष्या द्वेष और अहंकार को पास मत आने दो। आपका स्वतः ही कल्याण हो जायेगा। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार कैलाश नाथ मिश्रा, राम अनंद पाण्डेय, श्रीपाल पांडेय, मोहन यादव, पत्रकार सुभाष चंद्र पांडेय, जयकुमार सिंह, त्रिलोकी नाथ पांडेय, पप्पू खरवार, राजेंद्र शर्मा आदि मौजूद रहे। मुख्य यजमान कृषि वैज्ञानिक दुर्गेश दत्त पाण्डेय ने आगंतुको का स्वागत व आभार प्रकट किया।
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