#JaunpurLive : ज्ञात से अज्ञात की ओर बढ़ना ही शोध है: प्रो.(डॉ) निर्मला एस मौर्य

#JaunpurLive : ज्ञात से अज्ञात की ओर बढ़ना ही शोध है: प्रो.(डॉ) निर्मला एस मौर्य


जौनपुर.  गुरु नानक महाविद्यालय, चेन्नई  के हिंदी विभाग तथा आई.क्यू.एस.सी के तत्वावधान में आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला हिंदी शोधः क्षेत्र और संभावनाएं का शुभारम्भ 14 जून को अपरान्ह 3 बजे किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर की  कुलपति प्रो.(डॉ) निर्मला एस मौर्य जी रहीं। कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर एम. जी रघुनाथन ने मुख्य अतिथि का स्वागत  करते हुए हिंदी विभाग को बधाई दी। कार्यक्रम  संचालन श्रीमती गुड़िया चौधरी ने किया तथा मुख्य अतिथि का परिचय डॉ. अनीता पाटिल ने दिया, कार्यक्रम का प्रसारण यू-ट्यूब पर भी किया गया। सत्र के मुख्य विषय 'हिंदी कविता में शोध की समस्याएं, चुनौतियां एवं संभावनायें' था, पर प्रकाश डालते हुए मुख्य वक्ता ने कहा कि ज्ञात से अज्ञात की ओर जाना ही शोध है। आपने शोधार्थियों को अलग-अलग भाषाओं के साथ हिन्दी के साथ तुलनात्मक शोध करने की सलाह दी। उन्होंने सत्य तथा तथ्य के बीच का अंतर बताते हुए शोध की गहनता को भी बड़ी सरलता से स्पष्ट किया। एक अच्छे मानक शोध हेतु उन्होंने शोधार्थी तथा शोध निर्देशक के बीच के समन्वय को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने अवहट्ट , अवधी आदि पुरानी  भाषाओं पर शोध करने के लिए भी शोधार्थियों को प्रेरित किया। प्रश्नोत्तर सत्र का संचालन डॉ. डॉली ने किया तथा धन्यवाद हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष और भाषा, डीन डॉ. स्वाति पालीवाल जी ने ज्ञापित किया। इस कार्यक्रम में  भारत के कोने-कोने  से करीब  300 प्रतिभागियों ने  भाग लिया और  कार्यक्रम को अत्यंत रोचक तथा ज्ञानवर्धक बताया।
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