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मैनाज़ के कैनवास पर अवध के नवाबों और अंग्रेजों का इतिहास।
आर्ट टॉक के 8वें एपिसोड में आमंत्रित कलाकार के रूप में लखनऊ से मैनाज़ बानो रहीं।
अस्थाना आर्ट फ़ोरम के ऑनलाइन मंच पर ओपेन स्पेसेस - आर्ट टॉक एंड स्टूडिओं विज़िट का 8वाँ एपिसोड रविवार 27 जून को सम्पन्न।
लखनऊ। अस्थाना आर्ट फ़ोरम के ऑनलाइन मंच पर ओपन स्पसेस आर्ट टॉक एंड स्टूडिओं विज़िट के 8वें एपिसोड का लाइव आयोजन रविवार 27 जून 2021 को किया गया । इस एपिसोड में अतिथि कलाकार के रूप में लखनऊ उत्तर प्रदेश से महिला कलाकार मैनाज़ बानो थीं।
लखनऊ की युवा कलाकार मैनाज़ बानो ने ओपन स्पेसज़ के आठवें संस्करण में अपनी कला तथा कला शैली को साझा किया। अस्थाना आर्ट फोरम द्वारा आयोजित ज़ूम मीटिंग में लखनऊ यूनिवर्सिटी के कला विभाग के प्राध्यापक आलोक कुशवाहा जी विशेष अतिथि थे। दिल्ली के कलाकार एवं क्यूरेटर अक्षत सिन्हा ने मीटिंग का संचालन किया। मैनाज़ ने बातचीत के दौरान अपनी कला तथा कला शिक्षा की प्रथम प्रेरणा का श्रेयअपनी माता को दिया। १२ साल की उम्र में ही उन्होंने कला के प्रति अपने रुझान को महसूस किया, जिसे उनके परिवार ने न सिर्फ सराहा बल्कि उनका प्रोत्साहन भी किया। मैनाज़ लघु चित्र शैली से प्रेरित हैं तथा उनके कैनवस में अवध के नवाबों और अंग्रेजों के कार्य भार एवं इतिहास को देखा जा सकता है। मीटिंग में उनके कई नए-पुराने काम साझा किए गए जिन्हें सभी ने बहुत सराहा। उनकी कार्यशैली को भी और उनकी दक्षता को भी। लखनऊ ललित कला अकादमी स्टूडियो जहां मैनाज़ कार्यरत हैं, के करोना काल में बंद होने के कारण, वह एक कमरे को किराए पर लिया है जहां पर उन्होंने अपने नए काम भी दिखाए। मीटिंग में कई देश-विदेश के कलाकारों के अलावा कला शिक्षकों ने भी भाग लिया। सभी ने मैनाज़ बानो की भरपूर तारीफ की साथ ही आयोजकों का भी आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम के संयोजक भूपेंद्र कुमार अस्थाना ने बताया कि मैनाज़ बानो मूलतः लखनऊ उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं। इनकी कला शिक्षा लखनऊ महाविद्यालय से पूरी हुई है। पिछले 10 वर्षों से समकालीन कला में एक सक्रिय युवा चित्रकार के रूप में अपने आप को स्थापित कर रहीं हैं। मैंनाज़ बानो दृश्य कलाकार है और इनकी कला समग्र रूप से समकालीन लघु चित्रकला ( मिनिएचर आर्ट ) है। मैनाज़ के चित्र जो मुगल संस्कृति और उनकी वास्तुकला से प्रभावित है। मैनाज़ सामाजिक रूप से अधिक चिंतित है और वह अपनी कला और संस्कृति के प्रति जागरूकता प्रस्तुत करती हैं। मैनाज़ ने आज से नौ साल पहले अपने कला के लिए केंद्रीय विद्यालय की जॉब भी छोड़ दी और आज समकालीन कला में अपनी विशेष योगदान के लिए उत्तर प्रदेश में एक पहचान बनाई जा रही हैं। इनकी कलाकृतियों की प्रदर्शनी देश और विदेशों में भी लग चुकी हैं। भारत मे होने वाले सबसे बड़े आर्ट फेयर में भी मैनाज़ के कृतियाँ प्रदर्शित हो चुकी हैं। ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश राज्य पुरस्कार, सीमा अवार्ड कोलकाता साथ ही अनेको पुरस्कार से सम्मानित भी हुई हैं। इनकी कलाकृतियां बहुत सी स्थानों पर संग्रह में भी हैं। मैनाज़ एक युवा और सक्रिय कलाकार हैं। अपनी कला के प्रति समर्पित हैं।
भूपेंद्र कुमार अस्थाना
आर्टिस्ट एंड क्यूरेटर
लखनऊ
7011181273, 9452128267
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