नया सबेरा नेटवर्क
खुटहन, जौनपुर। प्राथमिक विद्यालय मलूकपुर के भवन का गुंबद मंगलवार की रात अचानक भरभरा कर गिर गया। संयोग अच्छा था कि अभी गर्मी की छुट्टी चल रही थी। जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। शिक्षको का कहना है कि बिल्डिंग जर्जर होने की जानकारी उच्च अधिकारियों को दे दी गई थी।
वर्ष 2003-04 में लगभग पांच लाख की लागत से उक्त भवन दो कक्षा कक्ष, कार्यालय और छोटा हाल बनाया गया था। यह भवन एकल शिक्षक के हिसाब से बनाया गया था। दोनों कक्षाओ का कमरा भूतल से ग्यारह फुट ऊंघाई के बाद गुंबद के आकार में ईंट की चिनाई करते ऊपर लगभग 22 फुट पर छत की ढलाई कर दी गई थी। इस भवन की दीवारें भी बीच में हवा के लिए गैप छोड़कर जोड़ी गई थी। इसके पीछे मानना था कि छत ऊंची और दीवार हवायुक्त होने से बच्चों को गर्मी कम लगेगी। उस समय की नयी तकनीकी से बना यह भवन ग्यारह साल में ही जर्जर होने लगा। वर्ष 2015 में इसकी मरम्मत भी करायी जा चुकी है। ढंग से पांच वर्ष भी नहीं बीते कि गुंबदाकार दीवार ही ढह गई। जबकि उसकी छत का आधा भाग अभी भी हवा में दिखाई दे रहा है। भवन इतनी जल्दी जर्जर होकर ढह गया। इसका मतलब इसके निर्माण में अवश्य ही मानको की अनदेखी की गई है। इसी तकनीक से बने और तमाम भवन ठीक ठाक स्थिति में हैं। इस संबंध में बीईओ अरुण कुमार यादव ने कहा कि पूर्व मे ही बिल्डिंग को चिन्हित किया गया था। इसमें पठन पाठन भी रोक दिया गया था।
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