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कोविड उपायुक्त व्यवहार का पालन कर, वर्तमान संक्रमण प्रसार और तीसरी लहर को रोकना हमारा प्रथम कर्तव्य - एड किशन भावनानी
गोंदिया - भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने बड़ी तेजी के साथ कहर ढाया और हजारों जानें लील गई। हजारों बच्चों और परिवारों को अनाथ कर भारत में कहर ढाने में कोरोना महामारी सफल रही। परंतु भारतीय जांबाज़ नागरिक भी कहां हार मानने वाले हैं!! कुछ अपवादों को छोड़े, तो हर नागरिक ने कोविड उपयुक्त व्यवहार और कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन कर शासन, प्रशासन को सहयोग देकर महामारी को जड़ से मिटाने उससे जंग कर सहयोग रूपी मैदान में उत्तरा तो महामारी ने कदम पीछे खींचना शुरू कर दिया और आज दिनांक 6 जुलाई 2021 को 33 हजार के आसपास कोरोना केस आए और 36.09 करोड़ लोगों को वैक्सीनेशन हो चुका है जो एक विश्व रिकॉर्ड है और कोविन ऐप डिजिटल प्लेटफॉर्म की मदद से वैक्सीनेशन का अभियान बहुत तेजी के साथ चल रहा है। इन परिस्थितियों को देखते हुए राज्यों व जिला प्रशासन ने लॉकडाउन में ढील दी थी ताकि अर्थव्यवस्था को गति देनेz बेरोजगारी दूर करने, रोजी रोटी कमाने, और लॉकडाउन से ग्रस्त नागरिकों को कोविड उपयुक्त व्यवहार की शर्त पर करीब-करीब अनलॉक कर दिया है। हालांकि तीसरी लहर डर और आशंका तकनीकी विशेषज्ञों को बनी हुई है। परंतु नागरिकों पर भरोसा रख शासन-प्रशासन ने लॉकडाउन अनलॉक कर नागरिकों पर भरोसा जताया है।...साथियों बात अगर हम अनलॉक की करें तो इसका मतलब यह नहीं है कि भारत से कोरोना महामारी को हमने जड़ से उखाड़ फेंका है?? नहीं!!! दूसरी लहर की अभी समाप्ति नहीं हुई है और तीसरी लहर के अंदेशे को स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने नकारा नहीं है।नीति आयोग के सदस्य, स्वास्थ्य मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण रोज़ कोविड स्थिति की जानकारी एक प्रेस वार्ता करके अपडेट देते हैं।...साथियों बात अगर हम मंगलवार दिनांक 6 जुलाई 2021 की प्रेस वार्ता की करें तो विभाग द्वारा एक कड़ी चेतावनी दी गई है कि अगर कोविड उपयुक्तव्यवहार और कोविड-19 प्रोटोकोल का पालन नहीं किया गया तो अनलॉक वापस लिया जा सकता है।... साथियों बात अगर हम इसके कारणकी करें तो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, टीवी चैनलों के माध्यम से हम रोज़ देख रहे हैं कि विभिन्न प्रांतों के पर्यटक स्थलों पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा है। कहीं पर भी कोई भी सावधानी नहीं रखी जा रही है ऐसा प्रतीत होता हैकि हमारे यहां भारत में कोरोना महामारी समाप्त हो चुकी है। विशेषकर उत्तराखंड प्रदेश के मनाली, मसूरी, तथा जम्मू में भीड़ भरा पर्यटकों का मेला देख कर आश्चर्य होता है कि, हमारे भारतीय नागरिक इतने अनुशासन हीन कैसे हो सकते हैं। इस तरह का कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करके हम खुद तीसरी लहर को आमंत्रित कर रहे हैं, क्योंकि जिस तरह देखा जा रहा है पूरे देश के राज्यों के नागरिक पर्यटन स्थलों पर आ रहे हैं और अगर वहीं से संक्रमण फैला तो फिर पूरे देश में संक्रमण फैल जाएगा और तीसरी लहर की भयानकता को रोका नहीं जा सकेगा। इसका अंदेशा स्वास्थ्य विशेषज्ञ पहले ही जता चुके हैं। इसलिए, दिनांक 6 जुलाई 2021 को स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस वार्ता में बताया गया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उत्तराखंड सरकार के मुख्य सचिव को पर्यटन स्थलों पर कोविड-19 प्रोटोकॉल को लागू करवाए तथा कोविड उपयुक्त व्यवहार का सख्ती से पालन करवाएं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है लेकिन लोग कोरोना से बचने के लिए नियमों का सही से पालन नहीं कर रहे हैं। मंत्रालय मुताबिक के ऑनलाइन सर्वे में ये सामने आया कि 24 फीसदी लोग मास्क का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, 45 पर्सेंट लोग लगा तो रहे हैं लेकिन वो सही से नहीं लगा रहे हैं और सिर्फ 29 पर्सेंट लोग ही मास्क सही से लगा रहे हैं।इसी तरह 63 पर्सेंट लोग सोशल डिस्टेंसिंग का बिल्कुल पालन नहीं कर रहे हैं, 45 पर्सेंट लोग कुछ हद तक पालान कर रहे हैं और सिर्फ 11 पर्सेंट लोग ही सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन कर रहे हैं। आईसीएमआर के महानिदेशक ने कहा, तस्वीरें (हिल स्टेशनों से) भयावह हैं।लोगों को कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करना चाहिए। भविष्य की चुनौती तीसरी लहर नहीं है, बल्कि हम इस पर कैसे कार्य करते हैं। लहर के पहलू को उजागर करने के बजाय हमें प्रसार को रोकने के लिए कोविड उपयुक्त व्यवहार/प्रतिबंधों पर ध्यान देना चाहिए। सरकार ने कहा है कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किए बिना हिल स्टेशन, बाजारों में घूमने वाले लोग महामारी प्रबंधन की दिशा में अब तक अर्जित किए गए फायदे पर पानी फेर सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव ने भी प्रेस वार्ता में कहा कि हिल स्टेशनों की यात्रा करने वाले लोग कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन नहीं कर रहे हैं। यदि प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया तो हम प्रतिबंधों में ढील को फिर से रद्द कर सकते हैं। उन्होंने हिल स्टेशनों में लोगों की भारी भीड़ का उल्लेख करते हुए कहा कि कोविड-19 के उचित व्यवहार का घोर उल्लंघन अब तक के तीव्र गति से प्राप्त कोरोना महामारी को कम करने के लाभ को कम कर सकता है। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम यही निष्कर्ष निकालेंगे के पर्यटन स्थलों पर कोरोना की तीसरी लहर को निमंत्रण देने से भीड़ को तुरंत रोकना चाहिए और कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करवाने में सख्ती की जानी चाहिए वरना कोरोना महामारी को हराने में अभी तक की गई प्रगति निष्प्रभावी होने की संभावना हैं।
-संकलनकर्ता लेखक- कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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