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प्रस्तावित बिजली (संशोधन) विधेयक 2021 - बिजली वितरण क्षेत्र में बड़ा सुधार - राइट टू इलेक्ट्रिसिटी का आधार बनेगा | #NayaSaberaNetwork



बिजली वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिति सुधारने प्रीपेड स्मार्ट मीटरिंग और फीडर से अलग करने बजट 2021 में अवसंरचना है - एड किशन भावनानी
नया सबेरा नेटवर्क
गोंदिया - भारत में बुनियादी जरूरतों में बिजली का महत्वपूर्ण स्थान है। वर्तमान कोरोना काल में बिजली का इतना महत्वपूर्ण रोल है कि इसका इसके बिना हम जीवन की कल्पना नहीं कर सकते, क्योंकि दूसरी लहर में हमने जो ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित होने से,मौतों का जो मंजर देखे उससे हमें स्वास्थ्य के साथ-साथ बिजली का महत्व भी समझ में आ गया और वर्तमान में तो ऑनलाइन कामों से बिजली का महत्व अत्यंत बढ़ गया है।...साथियों बात अगर हम बिजली वितरण क्षेत्र में सुधार की करें तो बजट 2021-22 में ही माननीय वित्त मंत्री ने वितरण कंपनियों की व्यवहार्यता को लेकर गंभीर चिंता प्रकट करते हुए वित्त मंत्री ने 5 वर्ष में 3,05,984 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ सुधारों पर आधारित और प्रदर्शन से संबद्ध विद्युत वितरण क्षेत्र योजना पेश करने का प्रस्ताव किया है। योजना के तहत, बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम्स) को वित्तीय स्थिति में सधार के लिए जरूरी प्रीपेड स्मार्ट मीटरिंग और फीडर से अलग करने, प्रणालियों में सुधार सहित अवसंरचना निर्माण के लिए सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।...साथियों बात अगर हम बिजली कानूनों कीकरें तो बिजली अधिनियम-2003, बिजली (संशोधन) अधिनियम-2003 और बिजली (संशोधन) अधिनियम - 2007 के प्रावधानों के दृष्टिगत बिजली अधिनियम-2003 की धारा 135 के तहत बिजली चोरी के मामलों से निपटने के लिए संशोधित निर्देश तुरंत प्रभाव से लागू करने के लिए उपलब्ध है और फिर बिजली क्षेत्र को तीन भागों में विभाजित कर दिया गया जिससे डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को तकलीफों का सामना करना पड़ रहाहै क्योंकि उसको डिस्ट्रीब्यूशन लॉसेस की भी बहुत समस्या है बिजली चोरी के लिए तो कानून है लेकिन ट्रांसमिशन में जो बिजली का लास होता है उसकी समस्याएं उत्पन्न होती है और इसकोसुधारने के लिए बिजली क्षेत्र बहुत दिनों से कार्य कर रहा है अभी उन्होंने प्रस्तावित बिजली (संशोधन) विधेयक 2021 तैयार किया है जो 16 पृष्ठों में है और उसकी विभिन्न धाराएं हैं पावर मंत्रालय द्वारा 27 अप्रैल 2021 को जारी पत्र के अनुसार 12 मई से 15 मई 2021 तक ट्राई सहित अनेक एक्सपर्ट कमेटी यों संस्थाओं के लिए उपरोक्त एनबीएस विधेयक 2021 का प्रजेंटटेंशन दिया गया है। अब बारी है बिल को कैबिनेट में मंजूरी के लिए रखने की और फ़िर उस विधेयक को वर्तमान चालू सत्र में रखा जा सकताहै हालांकि 19 जुलाई से शुरू संसद के मानसून सत्र जो शुक्रवार दिनांक 13 अगस्त 2021 तक चलेगा इसमें कुल 19 बैठकें होनी है और संसद में इस समय कुल 38 बिलों पर चर्चा होगी जिसमें लोकसभा के 12 जुलाई, 2021 को जारी बुलेटिन के अनुसार, सरकार ने मौजूदा संसद सत्र में जिन नए 17 विधेयकों को पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया है उनमें बिजली (संशोधन) विधेयक भी शामिल है। बिल बिजली उपभोक्ताओं के अधिकारों और कर्तव्यों को भी निर्धारित करता है। परंतु दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछला पूरा सप्ताह ही संसद हंगामे की भेंट चढ़ गया और एडजर्नमेंट हुआ। उम्मीद है अभी कामकाज होगा।...साथियों बात अगर हम इस प्रस्तावित बिजली (संशोधन) विधेयक 2021 की करें तो, अगले कुछ दिनों में इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल, 2021 को कैबिनेट में मंजूरी के लिए रखा जा सकता है। नए संशोधित कानून के मुताबिक उपभोक्ता बिजली का कनेक्शन ठीक उसी तरह बदल पाएंगे, जिस तरह से वे मोबाइल कनेक्शन को पोर्ट कराते हैं, बुलेटिन में कहा गया है कि बिजली कानून में प्रस्तावित संशोधनों से वितरण कारोबार से लाइसेंसिंग समाप्त होगी और इसमें प्रतिस्पर्धा आएगी। साथ ही इसके तहत प्रत्येक आयोग में कानूनी पृष्ठभूमि के सदस्य की नियुक्ति जरूरी होगी। इसके अलावा इसमें बिजली अपीलीय न्यायाधिकरण (एप्टेल) को मजबूत करने और नवीकरणीय खरीद प्रतिबद्धता (आरपीओ) को पूरा नहीं करने पर जुर्माने का प्रावधान भी होगा। सरकार का कहना है कि इससे बिजली उभोक्ताओं को बेहतर सुविधा मिलेगी। इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल, 2021 को कैबिनेट में मंजूरी के लिए रखा जा सकता है। इस नए संशोधित कानून के अनुसार, मोबाइल कनेक्शन को पोर्ट करते है ठीक उसी प्रकार उपभोक्ता आसानी से बिजली का कनेक्शन बदल सकते है। सरकार का कहना है कि इससे बिजली उभोक्ताओं को बेहतर सुविधा मिलेगी। मोबाइल कंपनियों की तरह बदल सकेंगे बिजली कंपनी, ग्राहकों को मिलेगा विकल्प, यह विधेयक पारित होने के बाद दूरसंचार सेवाओं की तरह बिजली उपभोक्ताओं को भी कई सेवा प्रदाताओं में अपनी पसंद का विकल्प चुनने की आजादी होगी। कानून में प्रस्तावित संशोधनों से वितरण कारोबार से लाइसेंसिंग समाप्त हो जाएगी और इसमें प्रतिस्पर्धा आएगी। इसके अलावा उपभोक्ताओं को बिजली कंपनियों के बीच होने वाली प्रतिस्पर्धा का भी फायदा मिल सकेगा...। साथियों बात अगर हम बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों की करें तो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अनुसार...। प्रस्तावित बिजली (संशोधन) विधेयक 2021 के खिलाफ बिजली इंजीनियर और कर्मचारियों का हड़ताल का ऐलान, 10 अगस्त 2021 को एक दिन के लिए काम नहीं करेंगे। इंजीनियर और कर्मचारी एक दिन के लिए काम का बहिष्कार करेंगे। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन यानी एआईपीईएफ ने इसके बारे बताया है। फेडरेशन ने आरोप लगाया कि विद्युत अधिनियम 2003 ने उत्पादन के निजीकरण की अनुमति दी और अब प्रस्तावित विधेयक मेंबिजली वितरण का निजीकरण किया जा रहा है, जिससे राज्य की बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) दिवालिया हो जाएगी। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करेंगे तो हम देखेंगे कि प्रस्तावित बिजली (संशोधन) विधेयक 2021 बिजली वितरण क्षेत्र में एक बड़ा सुधार होगा और इससे हमारा राइट टू इलेक्ट्रिसिटी का आधार बनेगा। बिजली वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिति सुधारने प्रीपेड स्मार्ट मीटरिंग और फीडर से अलग करने को बजट 2021 में ही इसकी अवसंरचना की गई है।

-संकलनकर्ता- कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

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