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#JaunpurLive : माफ़िया का बदलता स्वरूप 24

#JaunpurLive : माफ़िया का बदलता स्वरूप 24


-झील में चार एनाकोंडा और इतने ही मगरमच्छ हैं जो शासन-प्रशासन के कानून को रखते हैं ठेंगे पर, इनमें हर तरह की हवस कुनबे समेत भरी है।
-जेसीज और वाजिदपुर चौराहों के बीच गोरखपुर- इलाहाबाद फोरलेन के अगल-बगल सरकारी ज़मीन पर काबिज़ 74 लोगों के ख़िलाफ़ हुआ मुकदमा फिर भी आठ भू-माफिया नहीं रोके निर्माण कार्य।
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कैलाश सिंह
वाराणसी। जौनपुर जनपद के आठ भू-माफ़िया को मिलने वाली गाली भी शरमा जाती है। अंदाज़ लगाइए की जब ये सब सरकारी ज़मीन पर दशकों से कब्जा किए हैं तो निजी भू स्वामी कितने पीड़ित होंगे। शासन के संज्ञान में लाकर प्रशासन ने जब इनके समेत 1600 लोगों को नोटिस देना शुरू किया तो ये आठ भू-माफ़िया जाकर अपना पक्ष रखने की बजाय कब्जा और मिट्टी पाटकर बढ़ाने के साथ भवनों के बाहर भीतर निर्माण कार्य तेज़ कर दिए। नोटिस में साफ लिखा है कि आपके भवन, प्रतिष्ठान, दुकान, मकान सब ग्रीनलैंड, पार्क में हैं क्यों न इन्हें गिरा दिया जाय, इससे पूर्व निर्धारित तिथि में अपना दस्तावेज, मैप और पक्ष रखें। मनाहीं के बावजूद कानून के विरुद्ध पाए जाने पर 74 लोगों के खिलाफ थाने में एफआइआर दर्ज हो गई। इनमें से आठ ने फिर भी काम नहीं रोका। 
देखा जाए तो एक तरह से शासन-प्रशासन को चैलेंज है कि हम साढ़े छह दशक से ऐसा ही करते आ रहे । किसी सरकार या अधिकारी में हमे छेड़ने की हिम्मत नहीं हुई। हम मातहतों व पुलिस का मुंह नोटों से भरकर ही काम करते हैं। यह सच भी होगा क्योंकि ये सब अय्याश भी हैं। दूसरे देशों में जहां ये मौज मारने जाते हैं अब वहीं इनकी औलादें भी जा रही हैं। इतना ही नहीं, इसी शहर के होटलों में कई की औलादें पकड़ीं गईं तो पुलिस ने कोई रियायत नहीं दी। लाखों देकर तब थाने से छुड़ाकर लाए। एक तो दूसरे शहर में रेप में फंसा था जो एक नेता की मेहरबानी से बचा। खैर आइए झील में, यहां कानून न मानने वाले आठ जलजीवों में चार एनाकोंडा और चार मगरमच्छ हैं। इन दिनों ये आपस में भाईचारा बनाए हैं ताकि सरकार से लोहा ले सकें। इनकी रिपोर्ट शासन तक पहुंच गई है। कोई हैरत नहीं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नजर टेढ़ी हुई तो पता लग जाएगा कि शासन-प्रशासन बड़ा या भू-माफ़िया। हालांकि डीएम मनीष कुमार वर्मा की नजर में ये आठो आ चुके हैं। हो सकता है इनमें कई के भवन गिरा दिए जाएं। क्रमशः

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