महाराष्ट्र के अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी पार्टी को मिलेगा फायदा
मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्य मंत्री कृपाशंकर सिंह के भाजपा में शामिल होने से, महाराष्ट्र में भाजपा के एकला चलो को बड़ी ताकत मिली है। कांग्रेस, शिवसेना तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के गठबंधन के सामने कमजोर पड़ रही भारतीय जनता पार्टी को एक प्रभावशाली तथा जनप्रिय चेहरे की तलाश थी। कृपाशंकर सिंह के भाजपा में शामिल होने से भाजपा को न सिर्फ मुंबई महानगरपालिका चुनाव में अपितु उन सभी स्थानों पर विशेष फायदा होगा जहां हिंदी भाषियों की निर्णायक संख्या है। महाराष्ट्र के हिंदी भाषी क्षेत्रों के अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश में जनता के बीच कृपाशंकर सिंह की अच्छी लोकप्रियता का भाजपा को पूरा फायदा मिलेगा। कृपाशंकर सिंह को राजनीति के क्षेत्र में अजातशत्रु कहा जाता रहा है। यही कारण है कि वे आने वाले दिनों में वे अन्य पार्टियों से जुड़े पदाधिकारियों को भी भारतीय जनता पार्टी से जोड़ने का काम कर सकते हैं। भाजपा ने फरवरी 2022 में होने वाले यूपी विधानसभा और मुंबई मनपा चुनाव से पहले महाराष्ट्र के उत्तर भारतीय वोट बैंक में सबसे बड़ी सेंधमारी की है। कांग्रेस छोड़ने के बाद पिछले करीब दो वर्षों से फ्रीलांस पॉलिटिक्स कर रहे पूर्व गृह राज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह को भाजपा में शामिल कराया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल, मुंबई अध्यक्ष विधायक मंगल प्रभात लोढा, सांसद पूनम महाजन, सांसद रीता बहुगुणा जोशी, भाजपा उत्तर भारतीय मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष संजय पांडे सहित सूबे के कई बड़े नेताओं की उपस्थिति में कृपाशंकर सिंह ने भाजपा में प्रवेश किया।
इस अवसर पर फडणवीस ने कहा कि कृपाशंकर सिंह का आज कांग्रेस छोड़कर भाजपा में प्रवेश नहीं हो रहा है बल्कि एक विचारधारा को छोड़कर भाजपा के राष्ट्रीयता और राष्ट्रवाद के विचारधारा में उन्होंने प्रवेश किया है। कृपाशंकर सिंह के पास वर्षों से कांग्रेस की विचारधारा थी। उन्होंने उस पार्टी की विचारधारा के लिए प्रमाणिकता से काम भी किया। परंतु जब अनुच्छेद 370 का मुद्दा सामने आया, तब उनकी राष्ट्रीयता जागरूक हो गई। और उन्हें लगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर की समस्या का स्थायी समाधान निकाल रहे हैं जबकि कांग्रेस अनुच्छेद 370 का विरोध कर रही है। यह बात कृपाशंकर को सहन नहीं हुई। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखकर अनुच्छेद 370 का समर्थन करने की मांग की। परंतु जब कांग्रेस ने अनुच्छेद 370 का समर्थन नहीं किया, तो उन्होंने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद भी वे किसी पार्टी में शामिल नहीं हुए बल्कि छह महीने तक अनुच्छेद 370 की जनजागृती करते रहे।
उत्तर प्रदेश से भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने कृपाशंकर सिंह के भाजपा में शामिल होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि कृपाशंकर जौनपुर वासी हैं और मैं प्रयागराज वासी हूं। दोनों जिलों के बीच 80 किमी का अंतर है लेकिन इनसे हमारा 20 साल पुराना पारिवारिक संबंध है। कृपाशंकर भाजपा की नीतियों, आदर्शों और चलन की ओर आकर्षित होकर होकर पार्टी में आए हैं। लंबे समय से कांग्रेस में रहे कृपाशंकर सिंह भाजपा में प्रवेश करते वक्त भावुक हो गए। उन्होंने कहा, मैं आभारी हूं कि भाजपा ने मुझे स्वीकार किया है। भाजपा ने मेरी राष्ट्रीयता की विचारधारा को समझकर मुझे स्वीकार किया। कृपाशंकर सिंह ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल से मुखातिब होते हुए कहा कि दादा आप मुझ पर किसी काम के लिए एक बार विश्वास करें, मैं आपके विश्वास पर खरा उतरकर दिखाऊंगा। उन्होंने कहा कि अभी तो यह झांकी है, आगे बहुत कुछ बाकी है। महाराष्ट्र का उत्तर भारतीय समाज आने वाले मनपा सहित अन्य सभी चुनावों में पूरी तरह से भाजपा के समर्थन में खड़ा होगा। महाराष्ट्र के गृह राज्यमंत्री और मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष रहते हुए कृपाशंकर सिंह ने पूरे राज्य में अपना जनाधार निर्माण किया। मुंबई के अलावा मिरा-भाईंदर,नालासोपारा, वसई-विरार, पालघर, ठाणे, नवी मुंबई, भिवंडी, नासिक, पुणे और औरंगाबाद सहित महाराष्ट्र के कई जिलों में उत्तर भारतीय समाज के लोगों की संख्या चुनाव में निर्णायक रहती है। अब कृपाशंकर सिंह के भाजपा में शामिल होने से पार्टी को इन जिलों में राजनीतिक ढंग से फायदा होने की संभावना जताई जा रही है।
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