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#JaunpurLive : अतिक्रमण और बेतरतीब खड़े वाहन हैं जाम की प्रमुख वजह




प्रतिदिन जाम की समस्या से लोग हैं परेशान 
महज कागजों खिंचता रहा मार्ग का खाका

शाहगंज /जौनपुर । नगर में मुख्य मार्ग जाम की समस्या से लोग परेशान हैं। करीब 20 वर्ष पूर्व रामलीला मैदान में विधानसभा की चुनावी रैली को संबोधित करते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह की बाईपास मार्ग बनवाने की घोषणा अभी तक कागजों में ही सिमटी हुई है। कभी सर्वे की बात तो कभी मुआवजे की तैयारी के दावे होते रहे। लेकिन बाईपास मार्ग की आस पूरी नहीं हो सकी।
आवागमन व व्यापार की नजर से स्थानीय नगर काफी महत्वपूर्ण है।यहां पर प्रतिदिन बड़ी तादाद में लोग व्यापार आदि कामों के लिए पहुंचते हैं।इस नगर उन्हें जिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उसमें जाम की समस्या सबसे पुरानी और बड़ी है।वाहनों से निकल पाना तो दूर की बात , पैदल गुजर पाना भी लोगों के लिए मुश्किल हो जाता है। इसके लिए नागरिक लंबे समय से बाईपास मार्ग की मांग करते चले आए हैं।अब राष्ट्रीय राजमार्ग 135 ए  प्रस्तावित फोरलेन का खाका खींचा जा रहा है देखना यह है कि जाम की समस्या से निजात कब तक मिल पाता है।



दो बार खींचा गया मार्ग का खाका 

बाईपास मार्ग बनाने के लिए दो बाहर सर्वे करके रास्ते का खाका तैयार किया गया।पहली दफा सबरहद से बाईपास को निकालकर नटौली होते हुए ताखा पूरब के सीसी टैंक रोड पर जोड़ा गया। दूसरी बार मजडीहा हरियाली मार्केट के बगल से निकलकर सबरहद , बैरगडीह , ताखा पूरब होते हुए बाईपास को चिरैय्या मोड़ के आगे फैजाबाद मार्ग से लिंक किया गया। इन दोनों रास्तो का खाका सर्वे करके कागजों पर तो उकेरा गया। लेकिन इसे जमीनी धरातल पर नहीं उतारा जा सका।


मुआवजे की प्रक्रिया चलने का भी होता रहा दावा 


कागजों पर बाईपास मार्ग का खाका खिंचता रहा और जिम्मेदार जमीन के मुआवजे की रकम अनुमानित करके शासन को बजट स्वीकृति के लिए भेजने का दावा करते रहे।मुआवजे की प्रक्रिया का दावा महज एक दावा ही बनकर रह गया। ना तो शासन से मुआवजे के बजट की स्वीकृति मिली और ना ही इसके लिए कोई गंभीर प्रयास ही दिखाई पड़ा। लोग आज भी मुख्य मार्ग पर बाईपास रोड के निर्माण की आस लगाए बैठे हुए हैं। 

धरातल पर नहीं उतर पाई राजनाथ सिंह के बाईपास निर्माण की घोषणा

नगर में जाम की समस्या को 30 सितंबर वर्ष 2001को स्थानीय रामलीला मैदान में चुनावी जनसभा को संबोधित करने पहुंचे तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह के सामने स्थानीय लोगों ने रखा तो श्री सिंह ने तुरंत मंच से बाईपास मार्ग के निर्माण की योजना की मांग को मान लेने और बाईपास मार्ग के निर्माण कराऐ जाने की घोषणा कर दी।इस घोषणा को 20 साल पूरे हो गऐ।लेकिन बाईपास मार्ग के निर्माण की मांग को जमीनी धरातल पर नही उतारा जा सका।लोग अगर कहीं मांग को सामने रखते हैं तो उनको आश्वासन की घुट्टी पिला दी जाती है।निजाम बदलते रहे लेकिन जाम की समस्या के हालात नही बदले।फिलहाल लोग समस्या से निजात की आस लगाऐ बैठे है।

अतिक्रमण और बेतरतीब खड़े वाहन हैं जाम की प्रमुख वजह

नगर में घास मंडी चौक , कोतवाली रोड व जैसीज चौराहा गल्लामंडी रोड  आदि इलाका अतिक्रमण के चपेट में है। सबसे विकट स्थिति तो लोहा मंडी में देखने को मिलती है। सड़क पर दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण और ठेले व खोमचों की वजह से आवाजाही में लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।अतिक्रमण की वजह से जाम लगता है और इसमें फंस कर लोग परेशान होते हैं।इसी तरह गल्ला मंडी मे दूकानदार दिन अपने दुकान के समीप ट्रक खडी कर ट्रक मे लदे सामान का आयात निर्यात करते है दूकानदार दूकान मे रखकर बेचने का सामान रोडपर रखकर आधे रोड पर अतिक्रमण कर बेचते है जिससे अन्य गाडियों का आवागमन बधित होता है जाम की समस्या का सबसे मुख्य कारण ये भी है। इसी तरह जेसीज चौक के समीप बेतरतीब ढंग से प्राइवेट वाहन खड़े किए जाते हैं।कुछ ऐसा ही हाल रोडवेज के पास भी रहता है।मनमाने ढंग से सड़क पर प्राइवेट सवारी वाहन खड़े किए जाने से इस रास्ते से होकर गुजरने वाली गाड़ियां फंस जाती हैं और जाम के हालात पैदा हो जाते हैं।जरूरत है कि प्राइवेट वाहन स्टैंड को सही जगह पर और सुचारु रुप से व्यवस्थित किया जाए।जिससे जाम की समस्या कम हो सके।

अब फोरलेन का खिंचा रहा खाका

मिर्जापुर से चलकर वाया जौनपुर, अंबेडकरनगर होते हुए अयोध्या तक राष्ट्रीय राजमार्ग 135 ए पर प्रस्तावित फोरलेन शाहगंज नगर के बीच से गुजरेगा। मार्ग की कुल चौड़ाई 30 मीटर होगी। इसके लिए डीपीआर का काम भी पूरा कर लिया गया है।

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