मुंबई। भूजल सर्वेक्षण एवं विकास एजेंसी की स्थापना के स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर कुर्ला पश्चिम में कर्मवीर भाऊराव पाटिल प्रबोधनी पुस्तकालय में अनुभवी अधिकारियों द्वारा गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों के लिए भूजल साक्षरता अभियान मार्गदर्शन और जन जागरूकता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कहा कि भूजल प्रबंधन में जनभागीदारी होनी चाहिए।
कोंकण संभाग के भू-जल सर्वेक्षण विकास योजना के उप निदेशक डॉ. पं. ल. सालवे के मार्गदर्शन में आयोजित मार्गदर्शन एवं जन जागरूकता कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कहा कि राज्य के विकास में भूजल का महत्व और भूजल प्रबंधन में जनभागीदारी की आवश्यकता हैं। भूजल साक्षरता आज की दुनिया में उतनी ही महत्वपूर्ण है। अनिल गलगली ने प्रणाली के माध्यम से भूजल के ज्ञान और प्रौद्योगिकी को सरल भाषा में जनता तक पहुंचाने की जिम्मेदारी पर संतोष व्यक्त करते हुए मंत्रियों, अधिकारियों और कर्मचारियों को स्वर्ण जयंती वर्ष की बधाई दी।
वरिष्ठ उत्खनन अभियंता रामदास आरेकर ने स्पष्ट किया कि विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रदेश में भूजल संसाधनों की खोज और विकास से संबंधित है। यह मुख्य रूप से ग्रामीण जल आपूर्ति कार्यक्रम, नावों/कुओं, नलकूपों की ड्रिलिंग, पानी के साथ आपूर्ति किए गए भूजल स्रोतों की खोज करके भूजल स्तर के लिए कृत्रिम पुनर्भरण परियोजना विशिष्ट अध्ययन से संबंधित अंडर-ड्रेनेज सिंचाई कार्यक्रम के तहत तकनीकी जानकारी प्रदान करता है। सौर ऊर्जा पर आधारित डबल पंप, जल निकासी के मामले, कृत्रिम भूजल, पुनर्भरण, भूजल स्तर और गुणवत्ता आदि के बारे में जानकारी दी।मनपा के जल निर्माण विभाग के सब इंजीनियर सुशांत राठौड़ ने मुंबई मनपा की झील, जल शोधन, भंडारण और आपूर्ति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। जल क्षेत्र के सिविल इंजीनियर संदीप अध्यापक ने जल संरक्षण के लिए वर्षा जल संचयन के लाभों के बारे में बताया। मनपा अधिकारी नीलेश कलांबे, राजेंद्र गायकवाड़, गिरीश काटके, सुदर्शन जाधव, सलीम शेख, आनंद सरतापे, गणेश चिकने, महेंद्र भास्कर, चारुदत्त पावस्कर, आनंद सालवी, अंजलि सालवी, प्रकाश वाघ, रमाशंकर शर्मा, अपूर्व भालेराव, किसान साठे, सिमंतिनी खोपकर, संतोष वाघमारे मौजूद थे। इस अवसर पर सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार विनोद साडविलकर ने किया।
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