नया सबेरा नेटवर्क
मायानगरी!
देखो! बादल जमीं का हो गया,
सड़कों पे चलना कठिन हो गया।
अँधेरी, दादर, कुर्ला - कमानी,
लोकल का चक्का जाम हो गया।
मीठी नदी बदली वो करवट,
समंदर कितना नादान हो गया।
बारिश की जुल्फें खुली इस तरह,
घर कितना श्मशान हो गया।
मायानगरी की बढ़ी धड़कनें,
सारा प्रशासन परेशान हो गया।
विक्रोली, भांडुप,कांदिवली चेंबूर,
हाट -बाज़ार वो सुनसान हो गया।
जरुरत न हो तो बाहर न निकलें,
सरकार का ऐसा ऐलान हो गया।
कारोबारी मुंबई के हुए परेशान,
करोड़ों का वो नुकसान हो गया।
मौसम विभाग ने किया हाई अलर्ट,
आसमान भी बदगुमान हो गया।
हर साल ऐसे बनती है सूरत,
डिजास्टर भी अनजान हो गया?
रामकेश एम.यादव (कवि,साहित्यकार),मुंबई
from Naya Sabera | नया सबेरा - No.1 Hindi News Portal Of Jaunpur (U.P.) https://ift.tt/3zlHsPW
0 Comments