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जिंदगी को समय और परिस्थितियों के अनुसार ढालना जीवन जीने का मूल मंत्र - एड किशन भावनानी
गोंदिया - भारत आदि जुगाद काल से ही एक धार्मिक, आध्यात्मिक, परोपकारी देश रहा है। भारत की मिट्टी में ही ये गुण समाए हुए हैं, यह हम सब जानते हैं।...साथियों मनुष्य जीवन का मिलना आध्यात्मिक में भाग्यशाली माना जाता है, क्योंकि उसमें सोचने समझने की शक्ति याने बुद्धिमता अन्य प्राणियों के जीवन से कई गुना अधिक होती है। परंतु बहुत सी ऐसी छोटी-छोटी बातें होती है जिन्हें हम नजरअंदाज कर देते हैं कि यह हमारे लिए मायने नहीं रखती। उसमें से दो महत्वपूर्ण बातें हैं, जिंदगी और समय का महत्व।...साथियों बात अगर हम जिंदगी और समय की करें तो इसका हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व रहता है। जिंदगी का मतलब जीवन में जिस तरह हम जी रहे हैं और समय का मतलब जिन परिस्थितियों में हम जी रहे हैं। साथियों...इस कोरोना काल के समय में हमने जैसी जिंदगी जिए वह हमें आजीवन याद रहेगी क्योंकि जिंदगी और समय ने हमें बहुत कुछ सिखाया और हमें इन दोनों कड़ियों को एक शिक्षक का दर्जा देना ही होगा। क्योंकि जिंदगी विपरीत समय मैं कैसे जीना और विपरीत समय कैसे होता है करोना कॉल की अभूतपूर्व विपरीत परिस्थितियों में यह करीब-करीब विश्व के हर मनुष्य की समझ में आ गया होगा और हम सबको इस विपरीत परिस्थितियों की जिंदगी और विपरीत समय को अपने जीवन में एक शिक्षक का दर्जा देना होगा और हम इन दोनों शिक्षक रूपी मंत्रों से सीखे कि विपरीत परिस्थितियों के अनुसार कैसे जीवन जीना है। साथियो... समय और जिन्दगी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है जिन्दगी समय का सदुपयोग सिखाती है और समय हमें जिन्दगी की कीमत सिखाता है। किसी व्यक्ति के जीवन की ऊंचाई मापने के तीन मंत्र हृदय की मधुरता, उदारता और विनम्रता है। जो दिया रात भर रोशनी देता है लोग सुबह होते उसे भी बुझा देते हैं। जब से सृष्टि का निर्माण हुआ है तबसे समय का पहिया लगातार घूम रहा है। पृथ्वी के करोड़ों वर्षों के जीवन में समय से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं। समय को सर्वाधिक मूल्यवान माना जाता है क्योंकि एक बार जो समय बीत गया उसे वापस नहीं लाया जा सकता परंतु उससे एक सबक या शिक्षा जरूर ली जा सकती है।कोरोना कॉल की परिस्थितियों में पिछले डेढ़ वर्ष से जिस प्रकार का जीवन हम सब ने जिए, बेशक परिस्थितियाँ अच्छी नहीँ थी। ये लॉकडाऊन, कोरोना वायरस व आर्थिक मंदी ऊपर से अनिश्चितता का दौर ..पता नहीँ कब तक चलेगा ? ऐसे में हमारा उदास व चिन्तित होना स्वभाविक हैं। किन्तु दुःखी हो कर अवसाद में घिर जाने व नकरात्मक चिंतन से कुछ भी हासिल नहीँ होगा उल्टे समस्याएं और बढ़ जाएँगी बल्कि हमें इनसे शिक्षा देनी चाहिए। अतः हमें अपने आप को खुश रखना होगा। हमें ये भलीभाँति समझना होगा कि सुख व दुःख दोनों का मिला जुला रूप ही जीवन हैं। यह हमारी सोच पर निर्भर करता है कि हम किसे महत्व देते हैं यदि विपरीत परिस्थितयों में भी हम सकारात्मक रह पाएँ तो हमारा जीवन सफल व सही दिशा में चलेगा नतीजतन हम खुश रहेंगें। हम में से प्रत्येक व्यक्ति सुखी व खुश रहने की कामना करता है। कभी कोशिश कामयाब होती है कभी नहीँ। अब तक लॉकडाऊन से हम सभी परिचित हो चुके हैं इसके द्वारा दिए गये विभिन्न रँग व उनके बदलते आयाम इस समय के सभी आयु वर्ग के लोंगों के लिये एक अतीत स्मरण बने रहेंगें। जैसे इसकी निरन्तरता बनी रही वैसे वैसे लोंगों की मानसिकता में भी बदलाव आया। उन्होंने परिस्थिति के आगे हथियार डाल दिये और घरों में क़ैद हो कर रह गये। यह हमने जिंदगी और समय रूप शिक्षक से सीखे कि कैसे बंद रहकर भी जीवन की जिंदगी जी जा सकती है। जीवन संभावनाओं से पूर्ण है, यदि आप जीवन में कुछ प्राप्त करना चाहते हैं तो सबसे पहले समय का महत्व सीखें, जिंदगी में अपनी प्राथमिकताएं निर्धारित करे तथा किसी भी काम को कल पर ना छोड़ें। आज का काम आज ही समाप्त करे क्योंकि समय का जितना अच्छा उपयोग करेंगे समय का मूल्य उतना ही बढ़ता जाएगा,जिसका प्रतिफल समय आपको अवश्य देगा। समय हमेशा आगे की ओर बढ़ता जाता है। हम सभी को जीवन में बहुत थोड़ा समय मिला है इसलिए हमें समय का सही उपयोग करना चाहिए उसी से सीखना चाहिए। क्योंकि अगर हम समय की कीमत नहीं समझेंगे तो जीवन की बेशकीमती दौलत से भी ज्यादा कीमती समय गँवा बैठेंगे और एक बार हमने जो समय गँवा दिया तो उसे चाह कर भी वापस नहीं ला सकते परंतु उससे जो हमने शिक्षा प्राप्त किए वह हमें काम आएगी। एक समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र जीवन के लिए बहुत आवश्यक होता है। जहां कही भी जीवन हो, वहां एक स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता होती है, जो जीवन के विकास के अनुकुल हो।अतः उपरोक्त पूरे विवरण का अगर हम अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि जिंदगी और समय दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शिक्षक हैं, जिंदगी समय का सदा सदुपयोग और समय जिंदगी की कीमत सिखाता है। इसलिए जिंदगी को समय और परिस्थितियों के अनुसार ढालना जीवन जीने का मूल मंत्र है।
जिंदगी अनुभव का भाव है सीखते चलें।
समय उस भाव का दाव है सिखाते चलें।।
आओ जिंदगी को गाते चले।
समय से सीखते पल बिताते चलें।।
क्या लाए थे क्या ले जाएंगे।
सीखने के भेद सबको लुटाते चले।।
आओ समय के साथ चलते चलें।
जिंदगी का सफर यूं ही काटते चलें।।
-लेखक- कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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